जर्जर भवन का छत गिरा, दबकर पीएचईडी कर्मी की मौत
साहेबगंज में, पीएचईडी के जर्जर भवन की छत गिरने से 59 वर्षीय कर्मी मो. असिरूद्दीन की मौत हो गई। वह वर्षों से अकेले इस भवन में रह रहे थे। घटना के बाद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी और शव को पोस्टमार्टम...

साहेबगंज, हिसं। नगर परिषद के प्रतापपट्टी वार्ड संख्या तीन स्थित पीएचईडी के जर्जर भवन की छत सोमवार देर रात गिर गई। इसके नीचे दबकर विभाग के 59 वर्षीय कर्मी मो. असिरूद्दीन उर्फ मजनू की मौत हो गई। किशनगंज के ठाकुरगंज बंसवाड़ी गांव के रहने वाले असिरूद्दीन वर्षों से अकेले इस भवन में रहते थे। मंगलवार सुबह भवन की छत को गिरा हुआ देख मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण जुट गए। लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने छत के मलबा के नीचे दबे पीएचईडी कर्मी को निकाला। जांच करने पर पता चला कि उनकी मौत हो गई है।
इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया गया। वहीं, पोस्टमार्टम के बाद शव को उनके पैतृक गांव ले जाया गया। वार्ड पार्षद प्रशांत कुमार प्रिंस ने बताया कि कर्मी मो. असिरूद्दीन वर्षों से पानी टंकी का मोटर चलाकर जलापूर्ति का कार्य करते थे। वह शुरू से ही इसी आवास में अकेले रहते थे। बताया कि उक्त आवास काफी जर्जर हो चुका था। वहीं, एक अन्य कर्मी मो. सलामुदिन ने बताया कि मो. असिरूद्दीन पीएचईडी में डेलीवेजेज के तौर पर काम शुरू किया था। कई वर्षों तक काम करने के बाद वर्ष 1914 में उनकी नौकरी स्थायी हुई। वहीं, वरीय राजद नेता भूपाल भारती ने कहा कि विभागीय लापरवाही के कारण कर्मी को जर्जर आवास में रहना पड़ता था। उन्होंने बिहार सरकार से मृत कर्मी के आश्रित को मुआवजा देने तथा एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मुहैया कराने की मांग की है। साहेबगंज थानाध्यक्ष सिकन्दर कुमार ने बताया कि मामले में आवेदन मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पीएचईडी की कनीय अभियंता शमीमा ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के बाद उनके पैतृक गांव भेज दिया गया है। उनकी नौकरी एक साल बची थी। इस परिस्थिति में सरकारी प्रावधान के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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