निधन के बाद रिश्तेदार नहीं, पाप-पुण्य ही साथ जाएगा
मुजफ्फरपुर में दस दिवसीय विष्णु महायज्ञ मंगलवार को संपन्न हुआ। कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने घोषणा की कि गौरी गोपाल आश्रम के सहयोग से शहर में वृद्धाश्रम खोला जाएगा। उन्होंने यज्ञ के आयोजन के लिए...

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। राधानगर पताही चौसीमा मधुबनी न्यूफोर लेन के पास चल रहे दस दिवसीय विष्णु महायज्ञ मंगलवार को संपन्न हो गया। अंतिम दिन कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा कि गौरी गोपाल आश्रम के सहयोग से शहर में वृद्धाश्रम खोला जाएगा। यज्ञ के आयोजन के लिए उन्होंने मुजफ्फरपुर सेवा संस्थान के कार्यों की सराहना की। यज्ञ के अंतिम दिन सुबह से दीक्षा देने का कार्यक्रम चला और उसके बाद दो बजे से शाम तक प्रवचन चला। इस दौरान अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने कहा कि जब मनुष्य का निधन होता है तो कोई रिश्तेदार साथ नहीं जाता। जाता है तो जीवन में किया गया पाप और पुण्य ही।
पुण्य करेंगे तो मोक्ष की प्राप्ति होगी। स्वर्ग मिलेगा और पुन: मनुष्य जीवन मिलेगा। अन्यथा 84 लाख योनियों में भटकना पड़ेगा। मांसाहार पर उन्होंने कहा कि हम मनुष्य होकर जानवर के सामान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार बच्चों का भरोसा अपने माता-पता पर होता है, उसी प्रकार हम भगवान पर भी भरोसा करें। हमारे माता-पिता भगवान हैं। वही अच्छे बुड़े का ख्याल रखते हैं। त्रेता युग में सुग्रीव को राम पर भरोसा था तो राजा बना और विभीषण ने राम पर भरोसा किया तो वे लंका के राजा बने। मानसिक और शारीरिक दोनों पूजा स्वीकार्य कथा वाचक ने कहा कि जो मनुष्य मंदिर में घर में रहकर पूजा करते हैं, वह शारीरिक पूजा है और जो मनुष्य आंख मूंद कर एकाग्रचीत होकर प्रभु को याद करता है, वह मानसिक पूजा है। प्रभु दोनों पूजा को स्वीकार करते हैं। मन को नियंत्रित करने पर कहा कि जब मदारी अभ्यास से बंदर को गुलाम बना लेता है तो हम मन को क्यों भक्ति में क्यों नहीं लगा सकते? उन्होंने चलते-चलते 6 से 12 जून तक वृंदावन में भागवत पोथी पाठ में शामिल होने का आमंत्रण दिया। आयोजक ने कहा- नहीं मिला माननीय एवं संगठनों का साथ मुजफ्फफर सेवा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष कुश मिश्रा एवं अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार उर्फ पिंटू सिंह ने प्रवचन के समापन के बाद कहा कि जिले में बाबा बागेश्वर एवं अनिरुद्धाचार्य महाराज के आने से पहले कई माननीय एवं संगठनों से सहयोग की अपील की थी, मगर सहयोग मिला नहीं। जिला प्रशसान से भरपूर साथ मिला। जो श्रद्धालु दूर-दूर से आए थे, उनका भरपूर साथ मिला। यहां यूपी और झारखंड से ही नहीं पूरे बिहार और नेपाल तक से लोग आए थे। उन्होंने कहा कि बाबा बागेश्वर की संभावित दिसंबर में पदयात्रा के लिए उनसे बात हुई है। यज्ञ के आयोजन में सेवा संस्थान के सचिव अमित ठाकुर, संयुक्त सचिव अभय रंजन उर्फ पिंकू, अमित कुमार, अमृतेश कुमार, प्रशांत द्विवेदी, विनेश सिंह अनुमेश, सुधांशु, दुर्गेश पाठक, गुड्डू कुमार, कवि जी, गौतम, विपिन जी, जिम्मी ठाकुर पप्पु, प्रिंस के साथ-साथ संस्थान के सभी सदस्यों का सराहनीय सहयोग रहा।
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