Severe Heatwave Hits Nawada District Temperatures Expected to Exceed 40 C जिले में बढ़ गया पछुआ हवा का प्रभाव, हीट वेव ने सताया, Nawada Hindi News - Hindustan
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जिले में बढ़ गया पछुआ हवा का प्रभाव, हीट वेव ने सताया

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा जिले में लू सताने लगी है। पछुआ हवाओं का प्रभाव बढ़ गया है। यह हीट वेव का कारण बन रहा है। इस कारण लू का प्रभाव बेहद कष्टकारी बन कर रह गया है।

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाSun, 11 May 2025 02:10 PM
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जिले में बढ़ गया पछुआ हवा का प्रभाव, हीट वेव ने सताया

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा जिले में लू सताने लगी है। पछुआ हवाओं का प्रभाव बढ़ गया है। यह हीट वेव का कारण बन रहा है। इस कारण लू का प्रभाव बेहद कष्टकारी बन कर रह गया है। मध्य भारत एवं समीपवर्ती ओडिशा क्षेत्र में एक प्रतिचक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है। इस कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में गर्म एवं शुष्क पछुआ हवाओं का प्रवाह शुरू हो गया है। इसी प्रतिचक्रवातीय परिसंचरण के सक्रिय होने के कारण जिले में आने वाले पांच दिनों तक तक भीषण गर्मी सताएगी। दिन एवं रात का तापमान भी सामान्य से अधिक रह रही है। मौसम की तल्खी का प्रभाव शनिवार को जबरदस्त दिखा।

39.5 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान तथा 27.3 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान वाले शनिवार को लोग जलन वाली गर्मी महसूस करते रहे। पछुआ हवा के प्रभाव से शुष्क मौसम भारी पड़ता रहा। मौसम पूर्वानुमान केअनुकूल राज्य के उत्तर-पश्चिमी, उत्तर-मध्य के साथ ही दक्षिण बिहार के जिलों में लू प्रभाव अधिक तीव्र है। दक्षिणी भाग में लू का प्रभाव रहना नवादा जिले के लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। तापमान सीमा अगले एक दिन के बाद से लेकर 14-16 मई जिले भर में अधिकतम तापमान 40°डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक रहने की संभावना बन रही है। सतही आर्द्रता न्यूनतम स्तर पर रहतजे हुए लगभग 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। क्षेत्रीय प्रभाव के तहत उच्च जोखिम क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम बिहार के जिले, विशेषकर नगर निकाय क्षेत्र प्रभावित होंगे, जिसमें नवादा भी शामिल है। हीट वेव से बचने के लिए दिया गया सलाह कृषि मौसम वैज्ञानिक रौशन कुमार ने हीट वेव वाली स्थिति संबंधी पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा कि इस से बचने के लिए लोगों को सलाह देते हुए कहा कि अत्यधिक गर्मी के कारण आम लोगों समेत पशु-पक्षियों पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। प्रभावित क्षेत्रों में फसलों और सब्जियों पर हीट स्ट्रेस (ऊष्मा जनित तनाव) होने की प्रबल संभावना है। ऐसे में उष्ण लहर के संभावित प्रभाव में पड़ कर बुजुर्ग, छोटे बच्चे और पहले से बीमार व्यक्ति गर्मी की चपेट में आसानी से आ सकते हैं। साथ ही, जो लोग लंबे समय तक धूप में रहते हैं या बाहर काम करते हैं, उनमें लू से संबंधित बीमारियों की आशंका अधिक रहेगी। लू का असर पालतू जानवरों, पक्षियों और वन्य जीवों पर भी पड़ सकता है। बचाव के लिए सुझाव पर अमल जरूरी बचाव के लिए सुझाव पर अमल को जरूरी बताते हुए रौशन कुमार ने बताया कि गर्मी से बचने के लिए यथासंभव सीधे सूर्य के संपर्क में आने से बचना चाहिए। विशेषकर दोपहर 12:00 बजे से 03:00 बजे के बीच अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। संभव हो तो इस अवधि में छायादार या ठंडी स्थानों पर रहना चाहिए। गर्मी के जोखिम से बचे यथासंभव छायादार स्थान में रहने में ही भलाई है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से निर्जलीकरण से बचा जा सकता है। ओआरएस, लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू पानी, छाछ आदि का सेवन ऐसे मौसम में बेहद लाभकारी साबित होगा। हल्का, ताजा एवं सुपाच्य भोजन करना सही रहेगा जबकि तले और मसालेदार खाने से परहेज जरूरी है। वातानुकूलित कमरे या गाड़ी से सीधे गर्म वातावरण में बाहर जाने से बचना बेहद जरूरी है। बाहरी श्रम करते समय टोपी, छतरी या नम कपड़े का उपयोग करने और शरीर को ढककर रखने की सलाह दी गयी।

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