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बिहार में अब बिजली कनेक्शन लेने पर तार और पोल का पैसा नहीं देना होगा, नई दरें तय

घर से तार-पोल की दूरी 35 मीटर से कम होने पर उपभोक्ताओं को पैसा नहीं देना होता था। मगर इससे अधिक दूरी होने पर 1612 रुपये प्रति तार-पोल (स्पैन) देना पड़ रहा था। प्रति 50 मीटर की दूरी पर यह राशि बढ़ते जा रही थी। आयोग ने इसे खत्म कर दिया है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाThu, 19 June 2025 05:34 AM
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बिहार में अब बिजली कनेक्शन लेने पर तार और पोल का पैसा नहीं देना होगा, नई दरें तय

बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिहार में बिजली कनेक्शन की नई दर तय की है। कंपनी की याचिका पर 10 दिसम्बर 2024 को सुनाए गए फैसले में आयोग ने आंशिक संशोधन किया है। इसके तहत उपभोक्ताओं को अब केवल बिजली कनेक्शन का ही पैसा देना होगा। तार-पोल की जरूरत हुई तो कंपनी ही उसका खर्च वहन करेगी।

आयोग का यह निर्णय एक से 150 किलोवाट तक के कनेक्शन पर लागू होगा। इससे अधिक लोड का कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं को तार-पोल की कीमत अदा करनी होगी। आयोग के अध्यक्ष आमिर सुबहानी, सदस्य अरुण कुमार सिन्हा और पीएस यादव ने यह फैसला सुनाया है।

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तार-पोल के खर्च का दावा करेगी कंपनी

पहले उपभोक्ताओं को तार-पोल की जरूरत के अनुसार एस्टीमेट बनवाकर उसका पैसा देना पड़ता था। दिसम्बर 2024 में आयोग ने प्रति पोल पैसा तय कर दिया, पर कंपनी ने संशोधित याचिका में दलील दी कि ऐसे में मापी करने की जरूरत होगी तो लोगों को बिजली कनेक्शन देने में देरी होगी। इस कारण आयोग ने तार-पोल का पैसा लेने के नियम को ही समाप्त कर दिया।

अब कंपनी उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन देने में तार-पोल का जो पैसा खर्च करेगी, उसका दावा हर साल दायर टैरिफ पिटिशन में करेगी। सुनवाई के बाद आयोग उस राशि को कंपनी के खर्च में शामिल करते हुए टैरिफ निर्धारण करेगी।

● सिंगल फेज में 3 किलोवाट का कनेक्शन लेने पर 2700 रुपये निर्धारित था। आगे भी 3 किलोवाट कनेक्शन लेने पर इतना ही लगेगा।

● तीन किलोवाट से अधिक और सात किलोवाट तक का कनेक्शन लेने पर 900 रुपये प्रति किलोवाट की तुलना में अब उपभोक्ताओं को 1000 रुपये प्रति किलोवाट देने होंगे। घर से तार-पोल की दूरी 35 मीटर से कम होने पर उपभोक्ताओं को पैसा नहीं देना होता था। मगर इससे अधिक दूरी होने पर 1612 रुपये प्रति तार-पोल (स्पैन) देना पड़ रहा था। प्रति 50 मीटर की दूरी पर यह राशि बढ़ते जा रही थी। आयोग ने इसे खत्म कर दिया है। यानी उपभोक्ताओं के घर तक जितना भी तार-पोल लगेगा, कंपनी अपने स्तर से ही उसे लगाएगी।

● लो-टेंशन थ्री फेज में 5 किलोवाट तक के कनेक्शन में पूर्व की तरह 4500 रुपये ही लगेंगे, लेकिन पांच से अधिक और 19 किलोवाट तक का कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं को 1000 रुपये की तुलना में 1500 प्रति किलोवाट देने होंगे। प्रति पोल 4795 रुपये उपभोक्ताओं को अब नहीं देने होंगे।

● एलटी थ्री फेज में 20 किलोवाट का कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं को अब 19500 के बदले 21 हजार देने होंगे। इससे अधिक 44 किलोवाट तक का कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं को प्रति किलोवाट एक हजार के बदले अब दो हजार रुपये देने होंगे। इस श्रेणी में भी प्रति पोल लगने वाला पैसा 4795 रुपये उपभोक्ताओं को नहीं देना होगा।

● हाई-टेंशन में 45 किलोवाट का कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं को तीन लाख 46 हजार 709 देने पड़ रहे थे, जबकि 44 से अधिक और 150 किलोवाट तक का कनेक्शन लेने पर प्रति किलोवाट 7 हजार देने पड़ रहे थे। आयोग ने इस श्रेणी में प्रति किलोवाट सात हजार तय कर दिए हैं।

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