डी फार्मा वाले ही बनेंगे फार्मासिस्ट; पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की नियमावली को सही बताया
पटना हाईकोर्ट ने 72 पन्ने के आदेश में आवेदकों के सभी सवालों पर विस्तार से चर्चा की। सरकार ने फार्मसिस्टों की बहाली के लिए डिप्लोमा इन फार्मेसी योग्यता को अनिवार्य योग्यता तय की है। इसी कानून को बी फार्मा और एम फार्मा योग्यताधारियों ने चुनौती दी थी।

पटना हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि डी फार्मा (डिप्लोमा इन फार्मेसी) वाले ही फार्मासिस्ट के पद पर बहाल हो सकते हैं। कोर्ट ने नियमावली को चुनौती देने वाली सभी अर्जी को नामंजूर करते हुए कहा कि फार्मासिस्ट के पद पर बहाल होने के लिए न्यूनतम अर्हता डी फार्मा निर्धारित है। बी फार्मा और एम फार्मा वाले अभ्यर्थी फार्मासिस्ट की जगह अन्य उच्च पद पर बहाल होने के लिए स्वतंत्र हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार के कानून को सही ठहराते हुए चुनौती देने वाली सभी अर्जी खारिज कर दी। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने लंबी सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया था।
कोर्ट ने अपने 72 पन्ने के आदेश में आवेदकों के सभी सवालों पर विस्तार से चर्चा की। सरकार ने फार्मसिस्टों की बहाली के लिए डिप्लोमा इन फार्मेसी योग्यता को अनिवार्य योग्यता तय की है। इसी कानून को बी फार्मा और एम फार्मा योग्यताधारियों ने चुनौती दी थी। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि फार्मासिस्टों और ड्रग इंस्पेक्टरों का संवर्ग और नियमावली अलग-अलग है। फार्मासिस्टों की बहाली के लिए डी फार्मा अनिवार्य योग्यता है। बी फार्मा और एम फार्मा निश्चित रूप से डी फार्मा से बड़ी डिग्रियां हैं, लेकिन फार्मासिस्टों की बहाली के लिए डी फार्मा अनिवार्य योग्यता है।
कोर्ट को ये भी बताया गया कि दिसंबर 2023 में बी फार्मा और एम फार्मा डिग्री वाले भी फार्मासिस्टों की बहाली प्रक्रिया में शामिल होने का आदेश दिया गया था। लेकिन राज्य सरकार ने अक्टूबर 2024 में फार्मासिस्टों की बहाली में डी फार्मा योग्यता को अनिवार्य कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य में फार्मासिस्टों की बहाली के लिए डिप्लोमा इन फार्मेसी की योग्यता अनिवार्य है। हालांकि बी फार्मा और एम फार्मा बड़ी डिग्रियां है, लेकिन फार्मासिस्टों की बहाली के लिए डिप्लोमा इन फार्मेसी ही अनिवार्य योग्यता है।