मौसम की मार से पोल्ट्री किसानों को 30 फीसदी नुकसान
पटना जिले में पोल्ट्री व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इस बार मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कई किसान 30% मुर्गियों को खो चुके हैं। बर्ड फ्लू के बाद अब मौसम की स्थिति ने...

पटना जिले में पोल्ट्री के व्यवसाय का आकार तेजी से बढ़ रहा है। किसान खेती के साथ छोटे-बड़े स्तर पर मुर्गी पालन का व्यवसाय कर रहे हैं। इसके जरिए अच्छी कमाई हो रही है। लेकिन इसबार मौसम के दगा देने से किसानों को पोल्ट्री व्यवसाय में भारी नुकसान हुआ है। अप्रैल में तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। इससे मुर्गियों पर सर्द और गर्म का असर हो रहा है, जिससे वह मर जा रही है। इससे पोल्ट्री किसानों को 30 फीसदी के करीब नुकसान हुआ है। पटना जिले के नौबतपुर, विक्रम, बिहटा, मनेर, दनियावां, दानापुर समेत अन्य प्रखडों में काफी किसान पोल्ट्री का व्यवसाय कर रहे हैं। मुर्गियों को बचाना हो रहा मुश्किल : विक्रम के किसान चंद्रमा सिंह ने बताया कि हमारे पास चार पोल्ट्री फार्म हाउस है। एक लाख के करीब मुर्गियां का पालन होता है। अभी मौसम के कारण 30 फीसदी मुर्गियां मर गई। इससे भारी नुकसान हुआ। इसके पहले बर्ड फ्लू फैलने से व्यवसाय प्रभावित हुआ था। बर्ड फ्लू के कारण बाजार अब भी मंदा चल रहा है। डिमांड कम हो गई और मूल्य नहीं मिल पा रहा है। वातानुकुलित माहौल में मुर्गियों को रखा जा रहा है। उसके बाद वह मर जा रही है।
चार हजार में 700 मर गई मुर्गियां : नौबतपुर के किसान अजय कुमार ने बताया कि हमारे पोल्ट्री हाउस की क्षमता 10 हजार है। इसबार चार हजार मुर्गियां पाले थे। उसमें 700 मुर्गियां मर गईं। एक से डेढ़ किलो तक की मुर्गियां थीं जो मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण मर गईं। मुर्गियों को अनुकूल वातारवरण नहीं मिल पा रहा है। पिछले साल की गर्मी में यही स्थिति हुई थी। इससाल भी मौसम साथ नहीं दे रहा है। यदि यही स्थिति रही तो व्यवसाय करना मुश्किल हो जाएगा।
कोट:-
अभी मौसम में उतार-चढ़ाव हो रहा है। हवा में नमी और सूखापन है। इससे मुर्गियों को सांस लेने में दिक्कत होती है। इसके कारण वह मर रही है। पोल्ट्री किसान इस तरह की समस्या लेकर रोजाना आ रहे हैं। इस मौसम में क्रोनिक रिस्प्राइटी डिजीज का प्रकोप बढ़ जाता है। इसके अलावा आंधी-पानी के कारण पानी गंदा होता जिससे इकोलाई बैक्टीरिया का प्रकोप बढ़ता है। किसानों को इस सीजन में मुर्गियों को बचाने के लिए प्रतिरोधक क्षमता वाली दवाई, विटामिन्स और साफ-सफाई का ध्यान देना चाहिए।
डॉ कौशलेन्द्र कुमार, पोल्ट्री रिसर्च ट्रेनिंग सेंटर हेड, बिहार पशु विज्ञान विवि
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