बिहार एनमिल साइंस यूनिवर्सिटी के चांसलर के खिलाफ पटना HC में याचिका, क्या है आरोप
इस याचिका में कहा गया है कि 2024 में पटना के बिहार एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकला। इंद्रजीत सिंह ने अपनी सभी अयोग्यता सम्बन्धी तथ्यों और अन्य पिछले रिकार्ड को छुपा कर वाइस चांसलर के पद पर नियुक्त हो गए।

पटना के बिहार एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर इंद्रजीत सिंह की नियुक्ति को चुनौती देते हुए पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई। ये याचिका राजेंद्र कुमार बघेरवाल ने दायर की। इस याचिका में ये आरोप लगाया गया कि इन्होंने बहुत सारे तथ्यों को छुपाया और फिर इस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के पद पर नियुक्त हुए। इससे पहले इंडियन कॉउन्सिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR) मे प्रिंसिपल साइंटिस्ट के पद पर नियुक्त हुए। इनके विरुद्ध 7 अगस्त,2003 से अनुशासनिक कार्रवाई का मामला लंबित है, जो कि इनकी नियुक्ति से संबंधित है।
इस पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने पहले रोक लगायी थी और 2024 में इसका निष्पादन हुआ था। इसमें आईसीएआर को आदेश हुआ था कि इन्हें सेवानिवृत्ति सम्बन्धी लाभ देना है या जो कारण बताओ नोटिस के आलोक में कार्यवाही करना है।आईसीएआर ने इनके विरुद्ध कार्यवाही को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया ,जो अभी लंबित है। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में इनके विरुद्ध एक मामलें में इनके विरुद्ध जमानती वारंट भी निकला था,जिसका बाद में निष्पादन हो गया।
याचिका में कहा गया है कि 2024 में पटना के बिहार एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकला। इंद्रजीत सिंह ने अपनी सभी अयोग्यता सम्बन्धी तथ्यों और अन्य पिछले रिकार्ड को छुपा कर वाइस चांसलर के पद पर नियुक्त हो गए।
इस मामलें में याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत पब्लिक इनफार्मेशन ऑफिसर से इनकी नियुक्ति से सम्बन्धित जानकारी मांगी। इसमें ये भी आरोप लगाया गया कि इनकी नियुक्ति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन किया गया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रौशन ने बताया कि इस सम्बन्ध में सारी जानकारियां चांसलर ऑफ यूनिवर्सिटी,बिहार को भी याचिकाकर्ता के द्वारा दी गयी।अब इस मामलें पर पटना हाईकोर्ट में शीघ्र सुनवाई होने की संभावना है।