बिहार में थानेदार ने FIR में से चुरा ली तीन तलाक की धारा, पीड़िता ने DGP को ईमेल भेज कर दी शिकायत
अब पीड़िता ने डीजीपी और डीआईजी को मेल भेजकर शिकायत की है। उसने बताया है कि जब पुलिस ही एफआईआर से धारा की चोरी कर ले तो पीड़ित को इंसाफ कैसे मिलेगा। केवल मारपीट और दहेज प्रथा की साधारण धारा में एफआईआर की गई है।

मुजफ्फरपुर जिले में तुर्की के थानेदार पर एफआईआर से तीन तलाक की धारा चोरी कर लेने का आरोप लगा है। तुर्की थाना के सकरी सरैया गांव में पति ने पत्नी को पहले जमकर मारपीट की और तीन तलाक दे दिया। घटना को लेकर पीड़िता अफसाना खातून (24) ने तुर्की थाना में आवेदन दिया। लेकिन, थानेदार ने एफआईआर में तीन तलाक की धारा नहीं लगाई। अब पीड़िता ने डीजीपी और डीआईजी को मेल भेजकर शिकायत की है। उसने बताया है कि जब पुलिस ही एफआईआर से धारा की चोरी कर ले तो पीड़ित को इंसाफ कैसे मिलेगा। केवल मारपीट और दहेज प्रथा की साधारण धारा में एफआईआर की गई है।
अफसाना खातून मनियारी के भिखनपुर सैफ गांव की निवासी है। पुलिस को बताया है कि 25 नवंबर 2020 को सकरी सरैया के मो. रेयाज से शादी हुई थी। एक लड़का भी है। ससुराल में दहेज को लेकर प्रताड़ित किया जा रहा था। 2021 में ससुराल से भगा दिया तो मायके में आ गई। बाद में पंचायती होने पर पुन: ससुराल गई। तीन माह बाद फिर प्रताड़ना का दौर शुरू हो गया। बीते 20 मई को ससुराल वालों ने मारा पीटा। फिर पति रेयाज से तीन तलाक दिलवा दिया। थाने में केस कराया, लेकिन थानेदार ने केस में तील तलाक की धारा नहीं लगाई। ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने बताया कि एफआईआर में धारा नहीं लगाना गंभीर लापरवाही है। एसडीपीओ पश्चिमी टू से मामले की जांच कराई जाएगी। धारा जोड़ने को सुधार पत्र कोर्ट में दिया जाएगा।
क्या बोले एक्सपर्ट..
कानून के जानकार वरीय अधिवक्ता शरद सिन्हा ने बताया कि तलाक से मुस्लिम महिला को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने 2019 में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम बनाया है। इसकी धारा चार में तीन साल तक के सजा का प्रावधान किया गया है, लेकिन इस अधिनियम में आरोपित को तब तक जमानत नहीं मिल सकेगा।