चुनाव से पहले यूथ के बीच फेल हुई आरजेडी, पीयू छात्र संघ इलेक्शन में नहीं चले तेजस्वी के कैंडिडेट्स
पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में लालू यादव की आरजेडी खाली हाथ रह गई। तेजस्वी के कैंडिडेट्स फेल साबित हुए। इस चुनाव को बिहार इलेक्शन से पहले यूथ में सियासी दलों की मौजूदगी के तौर पर देखा जा रहा था। हालांकि नीतीश कुमार की जेडीयू इस चुनाव से दूर रही थी।
बिहार चुनाव से पहले पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव को यूथ के बीच सियासी दलों के मिजाज का लिटमस टेस्ट माना जा रहा था। जिसके नतीजे चौंकाने वाले सामने आए हैं। पहली बार अध्यक्ष पद पर महिला प्रत्याशी की जीत हुई है। मैथिली मृणाल अध्यक्ष बनी है। इस चुनाव में लालू यादव की आरजेडी युवाओं के बीच फेल साबित हुई है। राजद की कमान इन दिनों तेजस्वी यादव संभाल रहे हैं। उनका एक भी कैंडिडेट जीत में सफल नहीं रहा। पीयू छात्र संघ चुनाव में राजद का खाता भी नहीं खुला। इस बार अध्यक्ष पद के लिए राजद समर्थित प्रियंका कुमारी, उपाध्यक्ष के लिए नीतीश कुमार, महासचिव के लिए नितीश कुमार साह, कोषाध्यक्ष के लिए अभय कुमार चुनावी मैदान थे। इससे पहले 2022 में हुए छात्र संघ चुनाव में राजद खाली हाथ थी, हालांकि 2019 में उपाध्यक्ष पद पर छात्र राजद के निशांत यादव जीतने में कामयाब रहे थे।
पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के इतिहास में पहली बार महिला उम्मीदवारों का कब्जा हो गया है। अध्यक्ष सहित तीन मुख्य पदों में महासचिव, और कोषाध्यक्ष पर महिला उम्मीदवारों की जीत हुई है। विद्यार्थी परिषद की महिला प्रत्याशी मैथिली मृणाली ने अध्यक्ष पद जीत कर इतिहास रच दिया है। आज तक पटना विश्वविद्यालय के इतिहास में कोई महिला अध्यक्ष पद पर जीत हासिल नहीं कर सकी थी। यह छह दशकों में पहली बार हुआ है। इतिहास के पन्नों में मैथिली की जीत दर्ज हो गई। वहीं महासचिव पर निर्दलीय उम्मीदवार सलोनी राज ने सबसे अधिक 4274 वोट लेकर सबसे बड़ी जीत हासिल की है।
आपको बता दें पटना विवि के छात्र संघ चुनाव का अपना अलग महत्व है। यहां के छात्रों ने देश की शीर्ष राजनीति में अलग पहचान बनाई है। यही वजह है कि पीयू छात्र संघ चुनाव की चर्चा सिर्फ पटना ही नहीं, बल्कि पूरे देश में होती रही है। छात्र संघ चुनाव से निकले कई नेताओं ने बड़ी पारी खेली है। देश की राजनीति में छाप छोड़ने वाले बड़े राजनेताओं ने राजनीति का ककहरा पीयू छात्र संघ से ही सीखा है। बिहार के 23 मुख्यमंत्रियों में से 16 पटना विश्वविद्यालय के रहे हैं।
आजादी के बाद से 77 वर्षों में 64 वर्ष पटना विश्वविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र ही मुख्यमंत्री रहे हैं। वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पटना विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। कई बड़े नेता इस विवि की उपज हैं। इसी विश्वविद्यालय के छात्र नेता लालू प्रसाद मुख्यमंत्री बने। पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, स्व. सुशील कुमार मोदी, पूर्व केन्द्रीय अश्विनी चौबे, प्रो. राम जतन सिंन्हा, पूर्व मंत्री स्व. नरेन्द्र सिंह, मंत्री विजय चौधरी, एमएलसी डॉ. रणवीर नंदन, मंत्री अशोक चौधरी सहित सभी बड़ी पार्टियों के सैकड़ों नेता विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से निकले हैं।