role of peon important in appointment of principal Rajbhawan changed rules These instructions to all VCs प्रिंसिपल की बहाली में चपरासी का रोल अहम, राजभवन ने बदला नियम; सभी वीसी को ये निर्देश, Bihar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar Newsrole of peon important in appointment of principal Rajbhawan changed rules These instructions to all VCs

प्रिंसिपल की बहाली में चपरासी का रोल अहम, राजभवन ने बदला नियम; सभी वीसी को ये निर्देश

कॉलेजों के प्राचार्य के नाम की पर्ची को एक डिब्बे में रखा जाएगा। किसी कार्यालय परिचारी या समकक्ष पद पर कार्यरत कर्मी से उक्त जिले से एक पर्ची निकलवायी जाएगी।

Sudhir Kumar पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरोSat, 17 May 2025 10:50 AM
share Share
Follow Us on
प्रिंसिपल की बहाली में चपरासी का रोल अहम, राजभवन ने बदला नियम; सभी वीसी को ये निर्देश

बिहार के कॉलेजों में प्रिंसिपल का पदस्थापन तीन सदस्यीय कमेटी करेगी। रैडम लॉटरी के माध्यम से प्राचार्यों को कॉलेज आवंटित होगा। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य होगा। तीन सदस्यीय कमेटी में संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति अध्यक्ष होंगे। इस कमेटी में राज्यपाल के मनोनीत एक सदस्य और विश्वविद्यालय के कुलसचिव सदस्य होंगे। इस संबंध में राज्यपाल के प्रधान सचिव आरएल चोंग्थू ने शुक्रवार को सभी विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र भेजा है। इसमें चपरासी की अहम भूमिका होगी।

बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की ओर से राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के महाविद्यालयों में प्राचार्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अनुशंसित प्राचार्यों के पदस्थापन में राजभवन के निर्देश का अनुपालन करना अनिवार्य है। पदस्थापन की कार्रवाई में समिति के सभी प्रतिनिधि की उपस्थिति भी अनिवार्य है। राजभवन ने कुलपति से कहा है कि लॉटरी के लिए सर्वप्रथम सभी कॉलेजों का अनुमंडलवार अंग्रेजी के वर्णक्रम में सूची तैयार की जाएगी।

ये भी पढ़ें:गया का नाम बदलकर गयाजी क्यों किया गया, 55 साल से सम्मान के लिए उठ रही थी मांग

सभी अनुशंसित प्राचार्यों के नाम का अलग-अलग पुर्जा तैयार किया जाएगा। इसके बाद सभी अनुशंसित प्राचार्यों से विकल्प लिए जाएंगे। यह विकल्प महाविद्यालय का नहीं होगा, बल्कि एक ही अनुमंडल का होगा। प्राचार्य के नाम की पर्ची को एक डिब्बे में रखा जाएगा। किसी कार्यालय परिचारी या समकक्ष पद पर कार्यरत कर्मी से उक्त जिले से एक पर्ची निकलवायी जाएगी। उस पर्ची में अंकित नाम वाले प्राचार्य को अंग्रेजी वर्णक्रम में तैयार महाविद्यालय की सूची के प्रथम महाविद्यालय आवंटित करते हुए नियुक्ति की जाएगी। इसी प्रकार सभी पर्ची को कार्यालय परिचारी से ही निकलवा नियुक्ति की जाएगी।

ये भी पढ़ें:पटना बीएन कॉलेज बमकांड में छात्र दीपक गिरफ्तार, हॉस्टल से दो लड़के भी पकड़े गए

अनुशंसित प्राचार्य से विकल्प लिए जाएंगे

पति और पत्नी एक जगह पदस्थापन के लिए, यदि दोनों किसी विवि या अन्य सार्वजनिक सेवा में कार्यरत हैं। खुद या आश्रित को जीवन घातक बीमारियों के आधार पर विचार होगा। इसके लिए उनसे स्वघोषित शपथ पत्र लिया जाएगा या मेडिकल बोर्ड से अनुशंसा प्राप्त की जा सकती है। प्राचार्यों के आश्रित को जीवन-घातक बीमारी न हो, फिर भी वे शारीरिक रूप से सक्षम न हो और वे प्राचार्य पर निर्भर हों, इसके आधार पर भी विकल्प मिलेंगे। जिस तिथि को प्राचार्य को लॉटरी के माध्यम से कॉलेज आवंटित की जाएगी, उस तिथि को सांसद, विधायक, विप और अनुशंसित प्राचार्य को आमंत्रित किया जाएगा।

ये भी पढ़ें:पार्किंग, रेस्टोरेंट, एटीएम, पिंक शौचालय; पटना में मल्टी मॉडल हब की नीतीश

116 शिक्षक प्राचार्य बनने के इंतजार में

कॉलेजों में स्थायी प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए काफी दिनों से इंतजार हो रहा है। कुल 116 शिक्षक प्राचार्य पद के लिए योग्य घोषित हुए हैं। विश्वविद्यालयों ने इनमें से कई चयनित शिक्षकों के प्रमाणपत्र की जांच के लिए काउंसिलिंग करा ली है। कई विश्वविद्यालय में काउंसिलिंग शेष है। पाटलिपुत्र विवि और पटना विवि में काउंसिलिंग की तिथि तय नहीं की गई है।