रोसड़ा के सराफा व्यापारी दहशत के साए में, सुरक्षा की कर रहे मांग
समस्तीपुर जिले में चार हजार से अधिक सराफा व्यापारी हैं, जो दहशत में अपना कारोबार कर रहे हैं। रोसड़ा बाजार में लूट और चोरी की घटनाएं बढ़ने से व्यापारियों में आक्रोश है। उन्होंने पुलिस से गश्त बढ़ाने की...
समस्तीपुर। जिले में चार हजार से अधिक सराफा व्यापारी हैं। रोसड़ा बाजार में एक हजार से अधिक जेवर की दुकानें हैं। ये व्यापारी दहशत के साए में प्रतिदिन अपना कारोबार कर रहे हैं। रोसड़ा बाजार बेगूसराय से लेकर कुशेश्वरस्थान तक के लोग जेवर खरीदने के लिए आते हैं। बाजार में भीड़ अधिक रहने पर बदमाश इसका फायदा उठाते हैं। कई बार व्यापारियों और ग्राहकों के साथ लूट की वारदात हो चुकी है। पुलिस की टीम पहले नियमित रूप से गश्त लगाती थी, लेकिन अब वह बंद हो चुकी है। इसको लेकर भी व्यापारियों में आक्रोश देखा जा रहा है। उन्होंने फिर से साइरन बजाते हुए गश्त करने की मांग की है।
समस्तीपुर जिले में सोने-चांदी की करीब साढ़े चार हजार दुकानें है। खासकर रोसड़ा अनुमंडल में करीब एक हजार दुकानें हैं। वहीं शहर में ऐसी दुकानों की संख्या 300 के करीब होगी। रोसड़ा बाजार को सराफा मंडी केे नाम से भी जाना जाता है। यहां अनुमंडल क्षेत्र के अलावे सीमावर्ती बेगूसराय जिला के खोदाबंदपुर, छौराही, चेरियाबरियारपुर, भगवानपुर, मंसूरचक, दरभंगा जिला के बिरौल, कुशेश्वरस्थान, बेहड़ी तथा खगड़िया जिला के अलौली आदि प्रखंड क्षेत्रों से ग्राहक सोने-चांदी के जेवरों की खरीदारी को पहुंचते हैं। बाजार सोने की चमक से गुलजार रहता है। रोजाना लाखों का कारोबार होता है। शादी-विवाह के समय में यह आंकड़ा करोड़ों में पहुंच जाता है। इसके साथ ही इस बाजार में बदमाशों की नजर भी रहती है। आए दिन हो रही लूट, चोरी व छिनतई की घटनाएं इसके प्रमाण हैं। व्यापारियों की यहां सबसे बड़ी चिंता सुरक्षा को लेकर है। उनका कहना है शहर की पुलिस सुरक्षा दिलाने में पूरी तरह विफल रही है। बाजार में कई ऐसे व्यवसायी हैं, जो छह पुश्तों से इसी कारोबार से जुड़े हैं। इसी में उनकी विशेषज्ञता है। दूसरा काम शुरू करने पर उन्हें जीरो लेवल से काम शुरू करना होगा। ऐसे में लूट की बड़ी घटनाएं उन्हें विचलित करती हैं। दुकान खोलने से लेकर बंद कर घर जाने पहुंचने तक सभी अनहोनी की आशंका से चिंतित रहते हैं। दुकान से लेकर घर जाने के रास्ते में इन लोगों के साथ कई बार घटनाएं हो भी चुकी हैं। दुकानदारों ने इस समस्या के समाधान के लिए कई बार पुलिस के समक्ष मामले को प्रमुखता से रखा, उसके बावजूद अब तक कोई कारगर व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं की जा सकी है। हालांकि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का हर बार आश्वासन जरूर मिला है। रोसड़ा सराफा व्यवसायी संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार ठाकुर ने बताया कि शहर के स्वर्ण व्यवसायी अपराधियों के साफ्ट टारगेट रहते हैं। हर साल सराफा व्यवसायियों के साथ छोटी-बड़ी घटनाएं घटित होती रहती है। किसी न किसी स्वर्ण व्यवसायी से लूट की घटना होती है। उनका कहना है कि स्वर्णकार कारीगर संघ के सचिव अवधेश ठाकुर के घर हुई डकैती की घटना के बाद पुलिस ने बैठक कर सुरक्षा का बेहतर प्रबंध करने का भरोसा दिलाया था। कुछ दिनों तक व्यवस्था ठीक रही लेकिन उसके बाद फिर पहले जैसी स्थिति रही। इसके बाद भी स्वर्ण व्यवसायियों के साथ कई तरह घटनाएं घटित हुई। इसको लेकर उन्होंने सदर एसडीओ व एसडीपीओ से कई बार मांग की लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि शहर में जहां-जहां स्वर्ण दुकानदार अपना व्यवसाय कर रहे हैं, वहां गश्ती की मांग की है। उन्होंने शाम छह बजे से ही गश्ती करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि फिलहाल सराफा व्यवसाय संघ ने अपनी ओर से गुदरी बाजार में दो नेपाली सुरक्षा गार्डो को रखा है जो रातभर दुकानों की रखवाली करते हैं। स्वर्ण व्यवसायी त्रिभुवन ठाकुर ने बताया कि कई बार जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से सुरक्षा की मांग की गई, लेकिन कभी भी सही से गश्ती नहीं होती है। ज्वेलरी व्यवसायी विनोद देव ने बताया कि थाना परिसर में बैठक बुलाकर प्रशासन ने व्यवसायी संघ को आश्वस्त किया था कि बाजार में स्थायी रूप से सिपाही तैनात रहेगी, जिससे सुरक्षित माहौल में व्यवसाय किया जा सके, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई है। इससे पहले भी विधिवत नाका स्थापित किए जाने की बात कही गयी थी, पर मेन बाजार में दो गृह रक्षकों की प्रतिनियुक्ति कर खानापूर्ति भर कर दी गयी।
बोले-जिम्मेदार
सुरक्षा के मद्देनजर शहर के मेन बाजार व गुदरी बाजार में रात्रि पैदल गश्त कराया जा रहा है। मेन बाजार स्थित नाका में चार पुलिसबलों की प्रतिनियुक्ति भी है। इसमें जिला पुलिस बल के तीन सिपाही व एक गृह रक्षक शामिल हैं। इसके आलवा पुलिस की 112 की टीम भी लगातार गश्त करती रही है।
- सोनल कुमारी, एसडीपीओ, रोसड़ा।
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