बारिश में घरों से निकलना दूभर जर्जर सड़कों पर रोशनी भी नहीं
समस्तीपुर के वार्ड 11 के निवासियों ने नगर निगम में शामिल होने के दो साल बाद भी विकास के काम न होने की शिकायत की है। सड़कें जर्जर हैं, स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं और जल निकासी की व्यवस्था भी नहीं है। लोग...
वारिसनगर प्रखंड की सारी पंचायत के अधिकतर हिस्से नगर निगम में शामिल हो गए हैं। यहां की करीब 10 हजार की आबादी वाले इस क्षेत्र को निगम का वार्ड-11 बनाया गया। इनकी शिकायत है कि निगम में शामिल हुए दो साल हो गये लेकिन विकास के नाम पर कोई काम नहीं हुआ है। अच्छी सड़कें नहीं हैं। स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। रात में आने-जाने में दिक्कत होती है। नाले नहीं बने हैं। आम दिनों में भी सड़कों पर जलजमाव होता है। बारिश के दिनों में घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। इनकी पीड़ा है कि कई बार कहने के बाद भी निगम के अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान नहीं देते हैं। वारिसनगर प्रखंड की सारी पंचायत से कटकर नगर निगम समस्तीपुर का नया वार्ड 11 बना है। 10 हजार की आबादी यहां रहती है। इस वार्ड में करीब 15 मोहल्ले हैं। यहां के लोगों का दर्द यह है कि उन्हें नगर निगम में शामिल हुए दो साल हो गये लेकिन सुविधा के नाम पर अभी तक दो काम भी नहीं हुए। सड़कें जर्जर हैं। नाले नहीं बने हैं। इस कारण जलनिकासी की सुविधा नहीं है। लोगों की शिकायत है कि यहां आमदिनों में भी जलजमाव रहता है।
बारिश के दिनों में घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। स्ट्रीट लाइट नहीं होने से रात में अंधेर पसरा रहता है। ऐसे में लोग घरों से निकलने से परहेज करते हैं। रविकांत कुमार, विनय कुमार, राम पुकार महतो, राज कुमार महतो आदि ने बताया कि इन इलाकों की तीन सबसे बड़ी समस्याएं हैं। इनमें जल निकासी की समस्या, मुक्तापुर रेलवे स्टेशन पर रैक पॉइंट की समस्या व जर्जर सड़कें। इसके अलावा स्ट्रीट लाइट व सरकारी चापाकल की कमी से भी लोगों को जूझना पड़ रहा है। इन समस्याओं को अब तक नगर निगम दूर नहीं कर पाया है। इनका कहना है कि इन समस्याओं के समाधान के लिए निगम के अधिकारी व जनप्रतिनिधि गंभीर भी नहीं दिखते हैं। रंजीत कुमार ने बताया कि मुक्तापुर रेलवे स्टेशन पर रैक प्वाइंट होने के कारण इसके दोनों तरफ बसी घनी आबादी के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। खुले में स्वच्छ हवा लेना कठिन है। इस रैक प्वाइंट ने कई परिवार के लोगों को खांसी, दमा, सर्दी-बुखार का मरीज बनाकर रख दिया है। घरों के सामने खुले में लोग नहीं बैठ सकते हैं। छत पर भी सोना मुश्किल है। बाहर में व आंगन में खुले में खाना तक नहीं खा सकते हैं। रैक प्वाइंट से गिट्टी, बालू व सीमेंट के महीन कण हवा में तैरते रहते हैं। जब रैक खुलता है तब 400 मीटर के रेंज में धुआं का गुबार दिखता रहता है। पूरा अंधेरा छा जाता है। पांच साल से लोग इस गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। सौ साल से लोग यहां बसे हुए हैं। कहां जाएं घर छोड़कर, रेलवे व नगर निगम प्रशासन को इसका जवाब देना चाहिए। नगर निगम बनने के बाद से ही यह रैक प्वाइंट यहां आया है। घनी आबादी के इलाके में रैक प्वाइंट लाने से पहले निगम से रेल प्रशासन ने एनओसी भी नहीं लिया है। यह आपत्तिजनक है। रैक प्वाइंट की वजह से मुक्तापुर स्टेशन पर यात्री रुकना नहीं चाहते। मुक्तापुर स्टेशन पर पानी की व्यवस्था नहीं करने से रेल यात्री पानी के लिए निकट के मुहल्ले से पानी ले जाते हैं।रौशन कुमार और मो. आरिफ ने कहा कि मुक्तापुर रेल गुमती से मन्नीपुर पोखर तक बरसात में काफी जलजमाव हो जाता है। कारण पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है।पप्पू कुमार व रौशन कुमार का कहना है कि नगर निगम से इस इलाके के लिए अभी तक विकास का कोई काम नहीं किया गया है। पूरे वार्ड में कहीं भी नाला नहीं है। इससे पानी निकासी का साधन नहीं होने से सभी सड़कों व गलियों में जलजमाव रहता है। बरसात के समय लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। लक्ष्मी चौक के पास काफी पानी पानी लगता है। बाजार समिति चौक से चरण कर्पूरी कॉलेज रोड में एक तो सड़क जर्जर है ऊपर से भर बरसात सड़क बरसात के पानी में डूबा रहता है। लोग दो किलोमीटर घूमकर दूसरे रास्ते आवाजाही करते हैं। वार्ड में समस्तीपुर दरभंगा मुंख्य सड़क छोड़ कर मोहल्लों के अंदर की अधिकांश सड़क पैदल चलते लायक भी नहीं है।
बोले-जिम्मेदार
मुक्तापुर रेलवे स्टेशन पर रैक प्वांइट केे आसपास बसे लोगों को होनेवाली परेशानी को लेकर मैं जल्द ही मंडल रेल प्रबंधक से बात करूंगी। मेरे संज्ञान में यह समस्या अब आयी है तो जरूर इस पर पहल होगी। वार्ड 11 में मुख्य नाला का बहाव कहां से शुरू होकर कहां तक हो, इस पर जल्द ही निर्णय लेकर डीपीआर बनायी जाएगी। वार्ड में कई जर्जर सड़कों का मैंने जीर्णोद्धार व नया निर्माण कराया है। बाकी भी पाइपलाइन में है।
-अनिता राम, मेयर, नगर निगम, समस्तीपुर।
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