सफाई पर निगम व प्रशासन के विरोध से बढ़ी समस्या
सीतामढ़ी नगर निगम प्रशासन के भीतर बोर्ड के निर्णयों के कारण सफाई व्यवस्था में बाधाएं आ रही हैं। कूड़े का अंबार लगने से शहर की साफ-सफाई बेपटरी हो गई है। नगर आयुक्त प्रमोद कुमार पांडेय ने समस्याओं को...

सीतामढ़ी। हाल ही में नगर निगम प्रशासन के भीतर और बोर्ड के निर्णयों के बीच उत्पन्न विवाद के कारण शहर की सफाई व्यवस्था और डोर टू डोर कचरा उठाव में अड़चनें आ गई है। आलम यह है कि शहर की साफ-सफाई व्यवस्था बेपटरी पर होती जा रही है। बाजार से लेकर मोहल्ला तक जगह-जगह पुन: कूड़ा का अंबार लगाना शुरु हो गया है। लोग कहते हैं बोर्ड के निर्णय से साफ-सफाई कार्य में रुकावट आयी है। जहां दो नए सफाई एजेंसियों के कार्य पर रोक लगाते हुए भुगतान पर भी बोर्ड ने रोक लगा दी है। इस मुद्दे पर नगर आयुक्त, प्रमोद कुमार पांडेय ने स्पष्ट रुप से कहा है कि इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा और सफाई कार्य में कोई भी रुकावट नहीं आने दी जाएगी।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी माना कि कुछ लोगों के निजी स्वार्थ के कारण शहर की सफाई पर असर पड़ता है, लेकिन यह नगर निगम प्रशासन की प्राथमिकता होगी कि शहर की सफाई को हर हाल में सुचारु रुप से चलाया जाए। उन्होंने कहा यह विषय बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि एक स्वच्छ शहर न केवल नागरिकों की सेहत और खुशहाली के लिए आवश्यक है, बल्कि यह शहर के समग्र विकास और इमेज को भी प्रभावित करता है। व्यस्त बाजार क्षेत्र में और अधिक ध्यान की जरुरत : शहर के गुदरी बाजार, कोर्ट बाजार, सिनेमा रोड, जानकी स्थान आदि बड़े बाजार और व्यापारिक केंद्र हैं, जहाँ से भारी मात्रा में कचरा निकलता है। यहां पर डोर टू डोर कचरा उठाव की नियमितता बहुत महत्वपूर्ण है। नगर निगम को इस वार्ड में विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि कचरा समय पर उठे और गंदगी से बचा जा सके। पार्क और खुले क्षेत्र में कई बड़े पार्क और खुली जगहें हैं, जहां गंदगी की समस्या उत्पन्न होती है। विशेष रूप से, पब्लिक पार्कों और सार्वजनिक स्थानों पर सफाई व्यवस्था बेहद जरूरी है। ताकि ये इलाके साफ और सुरक्षित बने रहें। यहां पर कचरा इकट्ठा होने के बाद तत्काल उठाने के उपाय किए जाने चाहिए। शैक्षिक संस्थान और अस्पतालों के आसपास: नगर में स्कूल, कॉलेज और अस्पताल हैं, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आते जाते हैं। यहां पर कचरे का प्रबंधन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इन स्थानों पर कचरा प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नगर निगम को स्कूलों और अस्पतालों के प्रबंधन के साथ मिलकर काम करना चाहिए। नगर आयुक्त की पहल नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि बोर्ड के फैसले से समस्या और बढ़ सकती है। यदि सफाई एजेंसियों को काम से बाहर किया जाता है, तो इससे शहर में कचरा उठाव और सफाई में असंतोष और शिकायतों का बढ़ना तय है। उन्होंने कहा कि विभागीय नियमों में अर्चन की स्थिति उत्पन्न हो रही है, लेकिन इसके बावजूद कोई भी परिस्थिति सफाई व्यवस्था में रुकावट डालने के लिए नहीं हो सकती। उनका कहना है कि किसी भी हालत में सफाई कार्य को स्थगित नहीं किया जाएगा और इसे प्राथमिकता पर रखा जाएगा।
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