जवानों के परिजनों में चिंता का माहौल, कहा घटना के बाद फोन नहीं उठने पर बढ़ जाती बेचैनी
कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने देशभर में चिंता पैदा कर दी है। स्थानीय लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल जानमाल को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि सामाजिक...

सीतामढ़ी। कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने देशभर में चिंता की लहर फैला दी है। यह घटना न सर्फि घाटी में बसे लोगों को भीतर से झकझोर गई है, बल्कि देश के अन्य हस्सिों में रह रहे लोगों को भी गहरी पीड़ा और असुरक्षा का अहसास करा गई है। जिले में रहने वाले सबों ने इस घटना को लेकर कड़ी निंदा की है। जहां सबों की प्रतक्रियिा बेहद भावुक और चिंताजनक रही है। लोगों ने कहा ऐसी आतंकी घटनाएं न सर्फि जानमाल को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि सामाजिक मनोवज्ञिान को भी गहरा नुकसान देती हैं। वहीं सेना और अर्धसैनिक बलों में कार्यरत जवानों के परिजनों से बात करने पर साफ हुआ कि इन घटनाओं का सीधा असर उनके मानसिक स्वास्थ्य और भावनाओं पर पड़ता है। सीतामढ़ी के कश्मीर में तैनात एसएसबी के जवान राजीव कुमार के पिता टुनटुन सिंह ने कहा, हम हर हमले के बाद बेचैन हो जाते हैं। जब फोन नहीं उठता, तो सोचते हैं सब ठीक तो है? ये डर कभी जाता नहीं है। इसी तरह, प्रतापनगर में एक सीआरपीएफ जवान की पत्नी सोनम कुमारी ने बताया, हम हर दिन न्यूज देखकर डरते हैं कि कहीं ड्यूटी पर गए हमारे अपने सुरक्षित लौटेंगे या नहीं। जब भी घाटी में कुछ होता है, घर का सन्नाटा और दिल की धड़कन दोनों बढ़ जाते हैं।
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