Eye Surgeries in Siwan Hospital Plummet to Just 45 in a Year Due to Lack of Surgeons सदर अस्पताल में सालभर में महज 45 मरीजों के आंखों का ऑपरेशन, Siwan Hindi News - Hindustan
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सदर अस्पताल में सालभर में महज 45 मरीजों के आंखों का ऑपरेशन

सीवान के सदर अस्पताल में पिछले एक साल में केवल 45 आंखों के ऑपरेशन किए गए हैं। नेत्र सर्जन की कमी के कारण मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भटकना पड़ा। पहले डॉ. एमए अकबर ऑपरेशन करते थे, लेकिन उनकी छुट्टी...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानThu, 17 April 2025 01:30 PM
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 सदर अस्पताल में सालभर में महज 45 मरीजों के आंखों का ऑपरेशन

सीवान, निज प्रतिनिधि। सदर अस्पताल में बीते एक साल में महज 45 मरीजों के आंखों का ऑपरेशन किया गया है। संख्या के आधार पर काफी कम आंखों का ऑपरेशन किए जाने पीछे नेत्र सर्जन नहीं होने की बात बतायी जा रही है। बताया जा रहा है कि सदर अस्पताल के नेत्र विभाग में पहले डॉ. एमए अकबर जरूरतमंद मरीजों के आंखों का ऑपरेशन करते थे। लेकिन लंबी छुट्टी पर चले जाने के कारण पिछले वर्ष दिसंबर तक मरीजों के आंखों का ऑपरेशन नहीं किया जा सका। वहीं, बाद में नेत्र विभाग में डॉ. चंदन कुमार सिंह को बुलाया गया। कुछ दिन ओटी में आवश्यक सामान उपलब्ध नहीं होने से आंखों का ऑपरेशन बंद रहा लेकिन बाद में सामान उपलब्ध होने पर अब मरीजों के आंखों का ऑपरेशन शुरू किया गया है। सप्ताह के मंगलवार और शुक्रवार को आंखों का ऑपरेशन किया जा रहा है। आंखों के ऑपरेशन के लिए इधर-उधर भटकते रहे मरीज बताया गया कि पूरे वर्ष में अपनी आंखों का ऑपरेशन के लिए मरीज इधर-उधर भटकते रहे। वहीं, एक आंकड़े पर गौर करें तो महाराजगंज स्थित शिवा आई अस्पताल में एक वर्ष में 671 मरीजों के आंखों का ऑपरेशन किया गया है। यहां, किसी भी मरीज को मुफ्त में आंखों के ऑपरेशन की सुविधा है। एग्रीमेंट के आधार पर मरीजों के आंखों के ऑपरेशन के बदले अस्तपाल प्रबंधन को स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रति मरीज भुगतान किया जाता है। वहीं, जिले में प्राईवेट व सरकारी कुल मिलाकर 6 हजार 895 मरीजों के आंखों का ऑपरेशन किया गया है। बुधवार को ओपीडी में करीब 55 मरीजों का किया गया ईलाज बताया गया कि सदर अस्पताल में कार्य दिवस पर नियमित आई ओपीडी का संचालन किया जाता है। आई सर्जन की देखरेख में मरीजों के आंख से जुड़े विभिन्न रोगों का इलाज किया जाता है। वहीं, बुधवार को दिन करीब 55 मरीजों को इलाज दिया गया। बताया गया कि अस्पताल आने वाले व आंखों का ऑपरेशन कराने के इच्छुक मरीजों की भी जांच की जाती है और इन्हें समय पर ऑपरेशन के लिए बुलाया जाता है। हालांकि, अधिकतर मरीज अक्टूबर से लेकर फरवरी महीने तक ऑखों का ऑपरेशन कराना पसंद करते हैं। क्या कहते हैं सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि सदर अस्पताल में कम आंखों के ऑपरेशन का मुख्य कारण नेत्र सर्जन का नहीं होना रहा। पिछले दो-तीन महीने से नेत्र विभाग में नेत्र सर्जन मरीजों का इलाज व ऑपरेशन कर रहे हैं।

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