रघुनाथपुर की शिक्षिका अनुपमा के लेख को सराहा गया
रघुनाथपुर में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए बाल-पत्रिका निपुण बालमंच का विमोचन हुआ। यह पत्रिका बच्चों की रचनात्मकता और अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। शिक्षिका अनुपमा प्रियदर्शिनी का...

रघुनाथपुर, एक संवाददाता। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित की गई बाल-पत्रिका निपुण बालमंच के दूसरे अंक का मंगलवार को विमोचन किया गया। यह पत्रिका बच्चों की रचनात्मकता, अभिव्यक्ति और नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस अंक में राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, दुदहा की शिक्षिका अनुपमा प्रियदर्शिनी का भी विशेष सहयोग उल्लेखनीय रहा है। अनुपमा प्रियदर्शिनी न सिर्फ बच्चों को लेखन और अभिव्यक्ति के लिए प्रोत्साहित करती हैं, बल्कि निपुण बालमंच के तकनीकी संचालन एवं डिजाइन में भी सक्रिय भूमिका निभाती हैं। तकनीकी सहयोग से इस पत्रिका की प्रस्तुति को और अधिक प्रभावशाली एवं सहज बनाया गया है। अनुपमा के रचनात्मक सोच, तकनीकी दक्षता व मार्गदर्शन ने बच्चों के लिए यह मंच और भी समृद्ध व सुलभ बन गया है। अनुपमा प्रियदर्शिनी का मानना है कि हर बच्चा अपने आप में अलग ही होता है। उसकी सोच, उसकी कल्पना व अभिव्यक्ति अनमोल होती है। बच्चों की सोच को मंच देना ही सच्ची शिक्षा है। उनके विचारों को शब्द देने में ही शिक्षक की असली भूमिका छिपी है। विद्यालय परिवार ने उनके इस योगदान पर गर्व व्यक्त किया। अनुपमा द्वारा विभाग के एसीएस डॉ. एस सिद्धार्थ को भी लेखन सामग्री भेंट किया गया। इधर, हाईस्कूल निखती कला में वरीय शिक्षिका डॉ. पूनम कुमारी ने कहा कि हम शिक्षकों को अपने अंदर मौजूद ज्ञान के भंडार को बच्चों पर न्यौछावर कर देना चाहिए। अनुपमा से प्रेरणा लेने की भी जरूरत है।
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