बोले सीवान : मेंहदार मेले में पेयजल-पार्किंग की बेहतर व्यवस्था चाहते हैं दुकानदार
मेंहदार मेला एक ऐतिहासिक मेला है जो शिवरात्रि के दौरान आयोजित होता है। हालांकि, यहाँ की सुविधाएं अपर्याप्त हैं, जैसे पेयजल, शौचालय, सफाई और पार्किंग की कमी। व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन को इन...
मेंहदार मेले की शुरुआत लगभग स्वतंत्रता संग्राम के पहले शुरू हुई ईथी। यह मेला विशेष रूप से श्रावण मास व शिवरात्रि को लेकर हुआ। यह अपनी पूरी रौनक पर होता था। बताया जाता है कि जब महाशिवरात्रि मेला शुरू हुआ, तो यहां पर लकड़ी की सामान की दुकानें लगने लगीं। हल, चारपाई, पलंग लाठियां जैसी वस्तुओं के व्यापार ने यहां अपने पांव पसारे। उस समय यह मेला बजार के रूप में था यह अस्थायी रूप में था। लेकिन समय के साथ यह एक स्थायी बाजार के रूप में विकसित हो गया। दुकानदोर बताते है कि जैसे-जैसे मेले आने वाले लोगों व ग्राहकों की संख्या बढ़ी, यहां की दुकानें भी बढ़ने लगीं और दुकान स्थायी रूप से स्थापित हुआ।
आज इस बाजार में 400 से अधिक दुकानें हैं और लगभग दस हजार लोग इससे जुड़कर अपनी आजीविका कमा रहे हैं। होटल, फुल माला व श्रृंगार का कारोबार यहां का सबसे बड़ा व्यवसाय है, और यहां के दुकानदार अपने माल को आसपास के गांवों और कस्बों में भी बेचते हैं। इसके अलावा जूते-चप्पल, बर्तन और क्राकरी जैसी वस्तुओं का भी यहां बड़ा बाजार है। आज मेहंदार मेला का आकार बहुत बड़ा हो चुका है, लेकिन यहां की सुविधाएं उतनी ही अपर्याप्त हैं। सबसे बड़ी समस्या बाजार में पानी की उपलब्धता की है। दुकानदारों का कहना है कि बाजार में पेयजल का कोई ठोस इंतजाम नहीं है। गर्मियों में ग्राहकों और दुकानदारों को पानी की तलाश रहती है, लेकिन उचित जलापूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा, सफाई की स्थिति भी बेहद खराब है। मेले के प्रमुख मार्गों और दुकानों के पास अक्सर कूड़ा-कचरा पड़ा रहता है, जिससे सफाई कर्मचारी समय पर नहीं हटाते। व्यापारी खुद ही दुकानों के सामने सफाई करते हैं, क्योंकि यदि वे ऐसा नहीं करेंगे तो कूड़ा-बिखरा रहेगा। कई बार दुकानदार को कूड़ा जलाने तक की नौबत आ जाती है। समस्याओं से परेशान यहां के व्यापारी प्रशासन से समाधान की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि मेला व दुकानदारों का विकास और सुधार हो सके और यह फिर से अपने पुराने व्यापारिक महत्व को पुनः हासिल कर सके। महिला ग्राहकों को होती है परेशानी इस मेले में शौचालय की समस्या भी एक गंभीर विषय बन चुकी है। खासकर महिला ग्राहकों के लिए शौचालय की अत्यधिक कमी है। व्यापारी बताते हैं कि मेले के दुकानो के हिसाब से कम से कम छह जगहों पर समुदायिक शौचालय होने चाहिए, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। महिलाएं यहां शौचालय की तलाश में भटकती हैं, और यह उनकी खरीदारी को भी प्रभावित करता है। हालांकि इस मुद्दे पर कई बार दुकानदारो ने स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन इसका समाधान अब तक नहीं निकला है। श्रावणी मेले में होती है काफी दिक्कत मेंहदार मेला की एक और समस्या है, जो हर साल श्रावणी मेले के दौरान सामने आती है। श्रावण माह में मेला की पूरी जमीन का इस्तेमाल किया जाता है। जिला प्रशासन व स्थानीय प्रशासन हर साल मेला शुरू होने से पहले फुल दुकानदार के अस्थायी दुकानों को हटा देती है। दुकानदार अपना सामान लेकर इधर-उधर चले जाते हैं और इस दौरान लगभग महीने तक उनके दुकान की अच्छी बिक्री नहीं हो पाती, क्योंकि उन्हें अस्थायी रूप से अपनी दुकानें हटाने के कारण गंभीर नुकसान का सामना करना पड़ता है। मेंहदार जाने का एक रास्ता है खराब चैनपुर रसुलपुर रोड से मेंहदार मेला को जाने वाली दोनों सड़के जर्जर है। इसके निर्माण कुछ समय से नहीं कराया जा सका है। इससे सड़क जगह जगह गढ्ढे में तब्दील हो गई है। जिससे मेला आनेवाले समेत तमाम दुकानदारों ने एतराज जताया है। संकरी हैं सड़कें, पार्किंग न होने से दिक्कत मेंहदार मेले के दुकानदारों की एक और बड़ी समस्या यहां की संकरी सड़कें और पार्किंग की अनुपलब्धता है। मेले के पास कोई उचित पार्किंग व्यवस्था नहीं है और यही कारण है कि ग्राहक अपनी गाड़ियां सड़क पर ही खड़ी करते हैं। इसके चलते सड़क पर जाम लगना एक सामान्य बात हो गई है। दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। दुकानदार भी इस समस्या से जूझते हैं, क्योंकि उन्हें अपने वाहनों को दूर कहीं पार्क करने के बाद ही मेले में आना पड़ता है। पानी निकासी का नहीं बेहतर इंतजाम इसके अलावा मेला का इलाका सड़क से नीचा है, और इसकी पटाई भी ठीक से नहीं की गई है। प्रशासन केवल मेला आयोजन के दौरान भी कोई व्यवस्था नहीं कराती है। लेकिन बाकी जगहों की स्थिति जस की तस बनी रहती है। बारिश के दौरान सड़को पर फिसलन की समस्या विकराल हो जाती है। जब पानी की निकासी के उचित इंतजाम नहीं होते, तो दुकानों में जलभराव से कारोबार प्रभावित होता है। कच्ची गलियों में कीचड़ जमा हो जाता है, और ग्राहकों को खरीदारी में कठिनाई होती है। मेला में बुनियादी सुविधाओं का अभाव और दुकानदारों की लगातार बढ़ती समस्याओं के बावजूद प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। सफाई कर्मियों की टीम, शौचालयों की व्यवस्था, जलापूर्ति और पार्किंग की समस्या जैसे मुद्दे अनदेखे हैं। इस पूरी स्थिति में दुकानदारों का कोई हल नहीं निकल रहा है,। वे प्रशासन से उम्मीद करते हैं कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाएगा। मेंहदार शिव मंदिर: आस्था, इतिहास और प्रकृति का संगम सीवान जिले में स्थित मेंहदार का शिव मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह आस्था, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम भी है। यह मंदिर सिसवन प्रखंड के मेंहदार गांव में स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है। शिवरात्रि, सावन और अन्य धार्मिक अवसरों पर यहाँ हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं।माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सैकड़ों वर्ष पूर्व हुआ था और यह क्षेत्र तबसे ही धार्मिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है। मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग अत्यंत प्राचीन है। आज भी स्थानीय लोग इस मंदिर को 'जाग्रत देवस्थान' मानते हैं।मंदिर परिसर के पास एक विशाल जलाशय है, जिसे मेंहदार ताल कहा जाता है। यह तालाब मंदिर की सुंदरता को और भी बढ़ा देता है। श्रद्धालु पूजा करने के बाद तालाब में स्नान करते हैं, जिसे पवित्र माना जाता है। तालाब के चारों ओर फैली हरियाली और शांत वातावरण इस स्थान को आत्मिक शांति प्रदान करने वाला बनाता है। मेंहदार शिव मंदिर की खास बात यह है कि यहां आस्था के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन भी देखने को मिलता है। स्थानीय प्रशासन और ग्रामीण मिलकर मंदिर परिसर की सफाई और सौंदर्यीकरण में विशेष रुचि लेते हैं। हाल के वर्षों में यहाँ बुनियादी सुविधाओं का विकास भी हुआ है, जिससे श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा मिलने लगी है। हर सोमवार और विशेष रूप से सावन महीने में यहां भारी भीड़ उमड़ती है। लोग जल चढ़ाने के लिए लंबी कतारों में खड़े रहते हैं और बोल बम के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठता है। यहां की भक्ति और श्रद्धा देखकर हर आगंतुक भावविभोर हो उठता है।मेंहदार शिव मंदिर न केवल धार्मिक महत्ता रखता है, बल्कि यह सीवान जिले के सांस्कृतिक जीवन का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां आकर हर कोई शांति, शक्ति और भक्ति का अनुभव करता है। प्रस्तुति : शैलेश कुमार सिंह। शिकायतें 1. मेंहदार में गर्मियों के मौसम में पेयजल की समस्या गंभीर हो जाती है। पानी की कमी के कारण दुकानदारों और ग्राहकों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 2. मेंहदार में सार्वजनिक शौचालयों की बेहद कमी है, जिससे खासकर महिला ग्राहकों को असुविधा होती है। 3. मेंहदार में वाहन पार्क करने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। ग्राहक अपनी गाड़ियां सड़क पर खड़ी कर देते हैं। 4. मेंहदार मेला परिसर में समय पर सफाई नहीं होती, जिससे गंदगी का अंबार लगता है। स्वच्छता की कोई व्यवस्था नहीं है। 5. हर साल बरसात में मेहंदार मेला में सड़क पर कीचड़ की समस्या पैदा हो जाती है, जिसके कारण व्यापार प्रभावित होता है। सुझाव: 1. मेंहदार में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था के लिए आरओ सिस्टम लगवाए जाएं, जिससे दुकानदारों और ग्राहकों को साफ पानी मिल सके। 2. कम से कम छह सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाए, जिससे महिलाओं, दुकानदारों व ग्राहकों को दिक्कत नही हो। 3. मेंहदार में वाहनों के लिए उचित पार्किंग की व्यवस्था बनवानी चाहिए, ताकि ग्राहक बिना परेशानी के अपना वाहन पार्क कर सकें। 4. मेंहदार में सड़क किनारे नाली का निर्माण कराया जाय। कूड़ादान लगवाए जाएं ताकि गंदगी और कीचड़ की समस्या से निजात मिल सके। 5. मेले की गलियों को पक्का करवा दिया जाए, जिससे बरसात के मौसम में जलभराव और कीचड़ की समस्या कम हो सके। हमारी भी सुनिए 1. मेहंदार मेला एक बहुत पुरानी और पारंपरिक जगह है, जहां पीढ़ी दर पीढ़ी लोग काम करते आए हैं। महत्वपूर्ण होने के बावजूद हमारी समस्याओं का हल नहीं निकला है। मेंहदार में वाहनों के लिए उचित पार्किंग की व्यवस्था बनवानी चाहिए। - रवि कुमार चौरसिया 2. इस मेला में सैकड़ों दुकानें हैं और हर दिन हजारों ग्राहक आते हैं। खासकर श्रावण के महीने में ग्राहक की संख्या और बढ़ जाती है। बाजार की गलियां संकरी होने के कारण ग्राहक को अंदर लाने में कोई सुविधा नहीं है। - संजय साह 3. समय के साथ ग्राहक बढ़े हैं, तो सुविधाएं भी बढ़नी चाहिए थीं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। प्रशासन को यहां सुविधाएं बढ़ानी चाहिए।सड़क पीसीसी होनी चाहिए। इससे मेला में आने- जानेवालों को काफी हदतक सुविधा मिलेगी। मेले का विकास संभव हो पाएगा। - विक्की कुमार साह 4.बाजार में कई गलियां पक्की नहीं हैं, जिससे बारिश के मौसम में दुकानदारों और ग्राहकों को बहुत परेशानी होती है। सड़क पीसीसी होनी चाहिए। इससे मेला में आने- जानेवालों को काफी हदतक सुविधा मिलेगी। मेले का विकास संभव हो पाएगा। - खान 5.बाजार की सफाई व्यवस्था नियमित नहीं है, और गलियों को समतल किया जाना चाहिए। यहां लगातार सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। वहीं पार्किंग व्यवस्था होने से भी गाड़ियों को लगाने में सुविधा होगी। - सगीर सिद्दीकी 6.यदि निचले इलाकों की मिट्टी पटाई कर दी जाए, तो यह दुकानदारों और ग्राहकों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है। दुकानों को व्यवस्थित करने की जरूरत है। इससे सफाई करने में सुविधा होगी और मेला में जगह भी अधिक हो जाएगा। - अफजल खान 7.मेहंदार में कपड़ा, जूते-चप्पल, क्राकरी, चूड़ियां, कास्मेटिक्स, जनरल स्टोर आदि की लगभग 400 दुकानें हैं। यहां काम करने वालों की संख्या लगभग दो हजार है। लेकिन यहां की सुविधाएं बहुत खराब हैं। - नबाब 8-कई ग्राहक साइकिल या मोटरसाइकिल से आते हैं, लेकिन कहीं भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। मेंहदार में स्थाई पार्किंग स्थल होना चाहिए। मेला में दुकानें अधिक हैं, उस हिसाब से परेशानी नहीं हो सुविधा देनी होगी। - चन्दन गुप्ता 9-लोग अपनी बाइक को गलियों में छोड़ देते हैं, जिससे दुकानों के सामने रास्ते बंद हो जाते हैं। इसके लिए बाजार में पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। वहीं बिजली और पानी की भी व्यवस्था होने से राहत मिलेगी। - कमरूद्दीन 10-मेहंदार में सबसे ज्यादा महिलाएं आती हैं। महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यहां शौचालय की बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए। ताकि महिलाएं को परेशानी नहीं हो। - बुलेट 11-महिलाओं के लिए अलग-अलग जगहों और छोरों पर शौचालय बनाए जाएं। महिलाओं को सुरक्षित व साफाई मिले। महिला मेला में पूजा करने के लिए अधिक आती हैं। इसलिए , इसका जरूरी हैकि संसाधनों पर ध्यान दिया जाए। - ललन शर्मा 12-मेहंदार में सुरक्षा के इंतजाम किए जाने चाहिए। कई बार छोटी-बड़ी चोरियां हो चुकी हैं, और रात के समय यहां सन्नाटा रहता है। इसलिए रात में लाइन कटने पर कुछ विशेष करने के लिए व्यव्स्था करना जरूरी है। - कंचन कुमार प्रसाद 13-सभी गलियों में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था नहीं है, इसलिए दुकानें सुरक्षित नहीं रहतीं। प्रयाप्त लाईट व सुरक्षा व्यवस्था की जानी चाहिए। बिजली की समुचित व्यवस्था होने पर व्यवसाय बढ़ेगा। लोगों को आने पर सहूलयित हेागी। - विवेक कश्यप 14-मेला से हजारों लोगों की रोजी-रोटी चलती है, यह शहरसे नही बल्कि पड़ोस के कस्बों और गांवों से जुड़ा हुआ है। खासकर श्रावणी मेले के दौरान भीड़ बढ़ जाती है। नसीम अख्तर 15-यहां की व्यवस्था और सुविधाओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए। ताकि आने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। पानी , बिजली के साथ- साथ पार्किंग की व्यवस्था भी ठीक ढंग से करानी होगी। कृष्ण कुमार साह 16- मेंहदार एक महत्वपूर्ण मेला है। जहां प्रशासन के काम केवल आधे हिस्से तक ही सीमित हैं। बाकी हिस्से में शौचालय, पेयजल और अन्य सुविधाओं के इंतजाम अधूरे हैं, जिन्हें जल्द से जल्द सुधारने की जरूरत है। कुंदन कुमार 17-मेहंदार में फुल दुकानदार के लिए स्थाई व्यवस्था घाट के आसपास होनी चाहिए। फुल कारोबारी को प्रांगण के बाहर फूल लगाने से श्रद्धालुओं की पूजा करने में परेशानी होती है। गुड्डू लाल 18- मेंहदार के दुकानदार के लिए स्थाई बंदोबस्त होनी चाहिए। सभी दुकानदारों को नये बंदोबस्ती कर दुकान लगाई सहायता की जानी चाहिए। प्रशासन को इसपर ध्यान देना जरूरी है। अशोक प्रसाद 19- मेले के विकास के लिए दुकानदारों के सहयोग जरूरी है। विकास के लिए दुकानदारों की सहूलियत सुरक्षा व सुविधा का ख्याल रखा जाना चाहिए। इससे इसका लाभ दुकानदारों को मिलने लगेगा। - पवन कुमार 20-मेहंदार के सौन्दयी करण कार्य जरूरी है। अधूरे काम को पूरा करने में प्रशासन की सजगता जरूरी है। प्रशासन अगर अधूरे र्ग्य को करवा देगा तो बेहतर सुविधा मिलने लगेगी। मुन्ना कुमार
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