अब स्कूलों की आवश्यक जरूरत को एचएम खुद करेंगे ई शिक्षा कोष पर अपलोड
सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता।क्ट्रेट के सभागार में जिला आपूर्ति टास्क फोर्स की बैठक डीएम की अध्यक्षता में हुई। बैठक में डीलर्स एसोसिएशन के अध्य

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। अब स्कूलों की आवश्यक जरूरत को ई शिक्षा कोष पोर्टल पर हेडमास्टर खुद अपलोड करेंगे। अतिरिक्त वर्ग कक्ष से लेकर चहारदीवारी, बेंच डेस्क की जरूरत को पोर्टल पर डालेंगे। सभी स्कूल हेडमास्टर को इसके लिए 28 अप्रैल से पांच दिन का समय इसके लिए दिया गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जिले के सभी विद्यालयों में आवश्यक आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए प्राचार्यों को इसकी सूची ई-शिक्षा कोष पर अपलोड करनी होगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पत्र का हवाला देते हुए डीईओ ने इस संदर्भ डीईओ राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने जिले के सभी नवसृजित प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय, उ.मा. विद्यालय व प्रोजेक्ट बालिका विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को मंगलवार को पत्र लिखा है। पत्र में इस बात का उल्लेख है कि सभी एचएम विद्यालय लॉगिन के माध्यम से अपने विद्यालयों में आवश्यक आधारभूत संरचनाओं के निर्माण व जीर्णोद्वार के लिए अधियाचना 28 अप्रैल से पांच दिनों के अंदर ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित करेंगे ताकि अग्रेत्तर कार्रवाई शीघ्र की जा सके। दरअसल, जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार, 31 मार्च के बाद जिले में शिक्षा विभाग से संबंधित सभी विकासात्मक कार्य बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड से कराना है। इस क्रम में सभी विद्यालयों में चहारदीवारी, अतिरिक्त वर्गकक्ष, शौचालय, किचेन-स्टोर, पेयजल के लिए बोरिंग, मोटर, पंप, पानी टैंक व ड्रिक्गिं स्टैंड, बॉयोलॉजी, फिजिक्स व केमेस्ट्री के लिए प्रयोगशाला, आईसीटी लैब के लिए कमरा, स्मार्ट क्लास व पुस्तकालय के लिए कमरा, पिंक रूम व बालिका कॉमन रूम व बेंच-डेस्क आदि बनवाना है। सभी सरकारी विद्यालयों के प्राचार्यों को ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से विद्यालय में उपलब्ध आधारभूत संरचना व जरूरतों (डिमांड), जैसे कि चहारदीवारी, अतिरिक्त कक्ष व अन्य की इंट्री कराने का आदेश दिया गया है। हर हाल में 28 अप्रैल से पांच दिनों के अंदर ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड कराने को कहा गया है, ताकि तेज गति से अग्रेत्तर कार्रवाई की जा सके। आधारभूत संचनाओं की कमी दूर करने की विशेष रणनीति के तहत कार्य बताते हैं कि शिक्षा विभाग सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के बाद आधारभूत संचनाओं की कमी दूर करने के लिए एक विशेष रणनीति के तहत कार्य कर रहा है। इसी के तहत सभी विद्यालयों के आधारभूत संरचनाओं का सर्वे कराने का निर्णय लिया हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्वार्थ ने डीईओ राघवेन्द्र प्रताप सिंह को इस संदर्भ में पत्र भेजा है। डीईओ ने बताया कि इस बार विद्यालय की चहारदीवारी का निर्माण कराना पहली प्राथमिकता है, ताकि, विद्यालय में शैक्षणिक महौल को और दुरुस्त किया जा सके। सीमित विद्यालयों में ही चहारदीवारी का निर्माण कराया जा सका है। चहारीदवारी नहीं रहने से विद्यालय में शैक्षणिक महौल विकसित करना स्कूल प्रशासन के लिए चुनौती बनी है। शिक्षा विभाग ने इस साल प्राथमिकता के साथ स्कूल की चहारदीवारी निर्माण कराने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने डीईओ को भेजा पत्र शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने डीईओ को भेजे पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि विद्यालय की चहारदीवारी, शौचालय, पेयजल की व्यवस्था, टंकी के साथ समरसेबल पम्प, अतिरिक्त वर्ग कक्ष, विद्युत आपूर्ति व अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सर्वे कराया जाए। ताकि मई में जिले के सरकारी विद्यालयों में छुटे हुए सभी आधारभूत संरचनाओं को एक साथ स्वीकृति दी जा सके। पिछले वित्तीय वर्ष में में विद्यालयों में बड़े पैमाने पर बोरिंग करायी गयी थी। इसका लाभ बच्चों व स्कूल प्रशासन को मिल रहा है। विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण कराया गया। बेंच-डेस्क की आपूर्ति, विद्युतीकरण, अतिरिक्त वर्ग कक्ष, स्कूल भवन व अन्य कई कार्य विद्यालय में कराए गए। डीईओ ने सभी प्राचार्यों को निर्धारित अवधि में ही सभी ब्योरा इंट्री कराने का निर्देश दिया है
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