जिले में गेहूं की मात्र 35.355 एमटी ही अब तक हो पाई खरीदारी
सीवान जिले में सहकारिता विभाग की गेहूं खरीदारी में धीमी गति है, जबकि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। 21 दिनों में सहकारिता विभाग ने केवल 35.355 एमटी गेहूं खरीदा है, जबकि एफसीआई ने...

सीवान, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले में सहकारिता विभाग से आगे गेहूं खरीदारी में भारतीय राज्य खाद्य निगम चल रहा है। जबकि भारतीय खाद्य निगम मात्र चार ही क्रय केंद्रों पर जिले में गेहूं खरीदारी कर रहा है। वहीं सहकारिता विभाग ने प्रखंड के व्यापार मंडल और पंचायत में पैक्सों को मिलाकर कुल 257 क्रय केंद्र बनाए हैं। तब उनकी ये स्थिति है। गौर करने वाली बात है कि जिले में एक अप्रैल से गेहूं की खरीदारी हो रही है। लेकिन, धान की अपेक्षा गेहूं खरीदारी में पैक्सों की कम दिलचस्पी दिख रही है। रबी विपणन मौसम 2025-26 के लिए गेहूं खरीदारी शुरू हुए 21 दिन बीत चुके हैं। इसके बावजूद मात्र 35.355 एमटी ही गेहूं की खरीदारी करने में सहकारिता विभाग सफल हुआ है। हालांकि, अगर भारतीय खाद्य निगम की खरीदारी देखें तो इसने चार ही क्रय केंद्र पर 74.3 एमटी गेहूं की खरीदारी कर लिया है। इस प्रकार से सहकारित विभाग से कम क्रय केंद्र होने के बावजूद एफसीआई की खरीदारी कुछ बेहतर है। अगर इस रफ्तार हुई तो संतोषजनक स्थिति जिले की नहीं रहने वाली है। इसमें तेजी लाने की आवश्यकता है। जन वितरण प्रणाली के दुकानों को आपूर्ति के लिए दूसरे राज्य से मंगाना पड़ेगा गेहूं राज्य में गेहूं की अधिप्राप्ति विशेष व्यवस्था के तहत विकेंद्रीकृत अधिप्राप्ति डीसीपीयोजना के अंतर्गत संपन्न की जानी है। इसके अंतर्गत अधिप्राप्त किए गए गेहूं का उपयोग राज्य के नोडल अभिकरण बिहार राज्य खाद्य निगम एवं असैनिक आपूर्ति निगम द्वारा भारत सरकार से प्राप्त आवंटन के आलोक में लक्षित जनवितरण प्रणाली के माध्यम से राज्य के लाभुकों को वितरण किया जाएगा। अधिक से अधिक किसानों से भारत सरकार द्वारा निर्धारित 24 सौ 25 रुपया प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य की दर सेगेहूं की खरीदारी की जा रही है। लेकिन विडंबना है कि पैक्सों की रुचि धान की खरीदारी में अधिक दिखती है। लेकिन गेहूं की खरीदारी में कम दिखती है। इसके चलते हर साल जिले में गेहूं का लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो जाता है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों को सक्रीय होने की जरूरत गेहूं खरीदारी में सहकारिता विभाग के अधिकारी और समितियों के अध्यक्ष भी काम दिलचस्पी दिखाते हैं। हालांकि जितना धान की खरीदारी जरूरी है, उतना ही गेहूं खरीदारी जरूरी होती है। इधर गेहूं खरीदारी के लिए जनित समितियों को सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक द्वारा सीसी लिमिट दे दिया गया है। लेकिन अभी चार प्रखंड शून्य गेहूं की खरीदारी किए हैं। इसमें गोरेयाकोठी, लकड़ी नबीगंज, पचरुखी व गुठनी प्रखंड शामिल है। अब कटनी-दौनी रफ्तार में, खरीदारी क्यों सुस्त बीच में एक सप्ताह से अधिक दिन तक मौसम का साथ नहीं मिलने से जिले में गेहूं की कटनी दौनी दोनों प्रभावित हो गई थी। लेकिन अब मौसम जैसे ही साफ हुआ। किसान तेजी से गेहूं की कटनी और दौनी कार्य में जुट गए हैं। ऐसे में सहकारिता विभाग और एफसीआई दोनों को सक्रीय होकर गेहूं खरीदारी में तेजी लाने की जरूरत है। अन्यथा जिले में खरीदारी का लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो जाएगा। क्या कहते हैं अधिकारी जिले में पिछले दिनों मौसम खराब होने के चलते पूर्ण रूप से गेहूं की कटनी-दौनी नहीं हुई थी। इसके चलते जल्द ही गेहूं के खरीदारी में तेजी नहीं दिखी। अब मौसम साफ होते ही गेहूं की कटनी और दौनी तेज हुई है। जिला स्तर से खरीदारी की निगरानी कर तेजी लाई जाएगी। - सौरभ कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी, सीवान
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