ग्रामीण जनसमुदाय की सक्रिय भागीदारी व सशक्त अभिव्यक्ति का मंच बना महिला संवाद
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सीवान, हिंदुस्तान संवाददाता। जिले में राज्य सरकार व जीविका के संयुक्त प्रयास से चल रहा महिला संवाद कार्यक्रम ग्रामीण जनसमुदाय की सक्रिय भागीदारी व सशक्त अभिव्यक्ति का सशक्त मंच बन चुका है। इसी क्रम में सीवान सदर प्रखंड समेत जिले के विभिन्न बीपीआईयू में आयोजित महिला संवाद में 5,369 महिलाओं ने बुधवार को भाग लिया। संवाद के दौरान लगातार लोग अपने अधिकारों व सरकारी योजनाओं से जुड़ी समस्याएं और अपेक्षाएं सामने रख रहे हैं। महिलाओं ने वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, आवास योजना, राशन कार्ड, नल-जल, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामुदायिक भवन और रोजगार जैसे मुद्दों पर अपनी आवाज़ बुलंद की है। बताया जा रहा कि महिला संवाद कार्यक्रम की एक और उल्लेखनीय उपलब्धि यह रही कि अब तक महिला संवाद के माध्यम से कुल 25,290 सामुदायिक आकांक्षाएं ऑनलाइन पंजीकृत की जा चुकी हैं, जिन्हें विभिन्न विभागों के साथ साझा कर कार्रवाई की दिशा में अग्रसर किया जा रहा है।
इधर, आज के संवादों में यह भी स्पष्ट रूप से देखने को मिला कि महिलाएं अब केवल योजनाओं की जानकारी लेने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अब उनके प्रभावी कार्यान्वयन और पात्रता की पारदर्शिता को लेकर भी सवाल उठा रही हैं। महिला संवाद कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि जब ग्रामीण समुदाय विशेषकर महिलाएं नीति निर्माण में सीधे भाग लेती हैं, तो विकास की योजनाएं अधिक प्रभावी, न्यायसंगत और समावेशी बनती हैं। सीवान जिला प्रशासन और जीविका मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रत्येक दीदी की आकांक्षा को न केवल सुना जाए, बल्कि उस पर त्वरित और ठोस कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए। महिला संवाद अब केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन और नीति संवाद की एक जनआंदोलन बन चुका है। बहरहाल, जीविका सीवान के अनुसार, इसके साथ ही जिले में अब तक आयोजित महिला संवाद कार्यक्रमों की संख्या 1,040 तक पहुंच गई है, जो कि सभी 19 बीपीआईयू में सफलता के साथ आयोजित किए जा चुके हैं। डीपीएम जीविका कृष्णा कुमार गुप्ता ने बताया कि अब तक की कुल सहभागिता को देखें तो महिला संवाद ने सामाजिक समावेशिता और सहभागिता का एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। अब तक 2,12,252 स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, 25,719 गैर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और 14,288 पुरुष इस संवाद प्रक्रिया का हिस्सा बन चुकी हैं। उन्होंने बताया कि यह दर्शाता है कि यह कार्यक्रम महिला केंद्रित होते हुए भी समावेशी है, जहां समाज के हर वर्ग को जुड़ने का अवसर मिला है।
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