Studies will start soon in Vikramshila University another ancient institution will come alive after Nalanda विक्रमशिला यूनिवर्सिटी में जल्द शुरू होगी पढ़ाई, जीवंत होगा एक और प्राचीन विश्वविद्यालय, Bihar Hindi News - Hindustan
Hindi Newsबिहार न्यूज़Studies will start soon in Vikramshila University another ancient institution will come alive after Nalanda

विक्रमशिला यूनिवर्सिटी में जल्द शुरू होगी पढ़ाई, जीवंत होगा एक और प्राचीन विश्वविद्यालय

भागलपुर जिले में प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना की जा रही है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। नालंदा के बाद एक और प्राचीन शैक्षणिक संस्थान को जीवंत किया जा रहा है।

Jayesh Jetawat अरुण कुमार, एचटी, पटनाTue, 1 April 2025 06:26 PM
share Share
Follow Us on
विक्रमशिला यूनिवर्सिटी में जल्द शुरू होगी पढ़ाई, जीवंत होगा एक और प्राचीन विश्वविद्यालय

नालंदा विश्वविद्यालय के बाद एक और प्राचीन विश्वविद्यालय को जीवंत किया जा रहा है। बिहार के भागलपुर जिले में स्थित प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय के खंडहरों के पास एक नए आधुनिक कैंपस का निर्माण किए जाने की योजना है। विक्रमशिला विश्वविद्यालय बनने के बाद बिहार को एक और सेंट्रल यूनिवर्सिटी मिल जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद इस पर काम तेजी से किया जा रहा है। हालांकि, नए विक्रमशिला विश्वविद्यालय के लिए अभी जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है, लेकिन इसका शैक्षणिक सत्र जल्द ही शुरू होने की संभावना है।

बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने पिछले सप्ताह भागलपुर जिले के कहलगांव स्तित विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए प्रस्तावित जगह का दौरा किया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह साइट देखने यहां आए थे। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रस्तावित यूनिवर्सिटी कैंपस तक पहुंच बनाने के लिए एक अप्रोच रोड भी बनाना होगा।

पीएम मोदी करने वाले थे शिलान्यास, पढ़ाई जल्द शुरू होने के आसार

पूर्व में कयास लगाए जा रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने इस महीने में प्रस्तावित बिहार दौरे में विक्रमशिला विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना की आधारशिला रख सकते हैं। हालांकि, इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में देरी होने से इसकी संभावना कम नजर आ रही है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इसके लोकार्पण में अभी समय लगेगा। ऐसे में किसी अस्थायी कैंपस से इसका शैक्षणिक सत्र शुरू किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें:800 साल बाद जीवंत हुआ नालंदा विश्वविद्यालय, पीएम मोदी ने किया लोकार्पण

भागलपुर के डीएम नवल किशोर चौधरी ने कहा कि विक्रमशिला विश्वविद्यालय के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। हमने संस्थान के लिए 210 एकड़ की भूमि चिह्नित की है। एक बार हम इसे सरकार को हैंडओवर कर देंगे तो निर्माण कार्य और अन्य प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।

बता दें कि यह प्रोजेक्ट 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार के लिए घोषित किए गए 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज का हिस्सा है। केंद्र सरकार ने इस यूनिवर्सिटी के लिए 500 करोड़ का बजट भी जारी किया था, लेकिन जमीन अधिग्रहण और अन्य मुद्दों के चलते यह परियोजना अटक गई थी। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अब इसके काम ने फिर से गति पकड़ी है।

ये भी पढ़ें:विक्रमशिला खंडहर संवरेगा, हरिहरनाथ कॉरिडोर बनेगा; बिहार का केंद्र को प्रस्ताव

अस्थायी कैंपस से पढ़ाई शुरू करने के सवाल पर भागलपुर के डीएम ने कहा कि प्रशासन इस संबंध में आवश्यक कदम भी उठाए हैं। हमने कुछ निजी इमारतों को चिह्नित किया है, जहां अस्थायी तौर पर कक्षाएं संचालित की जा सकती हैं। अगर शिक्षा मंत्रालय चाहे तो हम इसी साल अस्थायी कैंपस से विक्रमशिला यूनिवर्सिटी का शैक्षणिक सत्र शुरू कर सकते हैं।

विक्रमशिला विश्वविद्यालय का इतिहास

रिपोर्ट्स के अनुसार, विक्रमशिला विश्वविद्यालय प्राचीन भारत के सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा केंद्रों में से एक था, जिसकी स्थापना 8वीं शताब्दी के अंत या 9वीं शताब्दी की शुरुआत में पाल वंश के शासक धर्मपाल ने की थी। यह विश्वविद्यालय वर्तमान बिहार के भागलपुर जिले में अंतीचक गांव के निकट गंगा नदी के तट पर एक पहाड़ी पर स्थित था। नालंदा विश्वविद्यालय के समकक्ष माना जाने वाला यह संस्थान बौद्ध धर्म, विशेष रूप से वज्रयान और तंत्रयान शाखाओं का प्रमुख केंद्र था। इसे शिक्षा, दर्शन, और संस्कृति के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त थी। कालातंर में आक्राताओं ने इस विश्वविद्यालय पर हमला कर इसे खंडहर में तब्दील कर दिया। अंतीचक गांव में आज भी इसके अवशेष मौजूद हैं।