विक्रमशिला खंडहर संवरेगा, हरिहरनाथ कॉरिडोर बनेगा; बिहार का केंद्र को प्रस्ताव
बिहार में स्थित प्राचीन विक्रमशीला विश्वविद्यालय के खंडहर को संवारा जाएगा। वहीं, बाबा हरिहरनाथ क्षेत्र सोनपुर में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर कॉरिडोर बनाया जाएगा। राज्य ने केंद्र सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है।

बिहार की प्राचीन धरोहरों का विकास तेज कर दिया गया है। इसी के तहत विक्रमशिला प्राचीन विश्वविद्यालय खंडहर और हरिहर क्षेत्र के सौंदर्यीकरण की तैयारी है। बिहार सरकार ने इसके लिए चैलेंज बेस्ड डिस्टिनेशन योजना के तहत केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। इसमें हरिहर क्षेत्र (सोनपुर) में हाट बनाने की भी योजना है। वहीं, बाबा हरिहरनाथ क्षेत्र को काशी कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। इसके अध्ययन की जिम्मेदारी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के मुख्य परामर्शी एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजेंट प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद को सौंपी गई है।
बता दें कि नारायणी नदी (गंडक) के किनारे बसे हरिहर क्षेत्र सोनपुर का पशु मेला विश्व प्रसिद्ध है। धार्मिक मान्यता है कि यहीं गज-ग्राह की लड़ाई हुई थी, जिसमें भगवान विष्णु ने गज की जान बचाई थी। कार्तिक माह में पशु मेला के समय दुनियाभर के पर्यटक यहां पहुंचते हैं। कॉरिडोर बनने और क्षेत्र का विकास होने से मेला अवधि के बाद भी यहां पर्यटकों का आना जारी रहेगा। राज्य सरकार ने सोनपुर हाट के लिए 24.41 करोड़ और विक्रमशिला प्राचीन विश्वविद्यालय के सौंदर्यीकरण के लिए 22.40 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। सोनपुर कॉरिडोर की रिपोर्ट आ जाने के बाद वहां की डीपीआर तैयार होगी।
मेला एप बनेगा, बाबा हरिहरनाथ के वर्चुअल दर्शन होंगे
देश-विदेश के पर्यटकों की जानकारी के लिए सोनपुर मेला ऐप भी विकसित किया जाएगा। इसके अलावा एआर-वीआर सुविधा विकसित की जानी है। बाबा हरिहरनाथ की वर्चुअल दर्शन कराने की भी योजना है। सोनपुर हाट के अलावा भव्य प्रवेश द्वार बनाने की योजना है। हाट से घाट तक की सड़क, पार्किंग, जनसुविधा विकसित की जाएगी। ग्रीन टूरिज्म को बढ़ावा देते हुए क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा। सौर ऊर्जा और कचरा प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाएगा। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां के गाइड, होटल संचालक, फुड वेंडर, टूर ऑपरेटर आदि को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
विक्रमशिला में बनेगी प्रदर्शनी गैलरी
केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार भागलपुर जिले में स्थित विक्रमशिला प्राचीन विश्वविद्यालय के खंडहर के आसपास पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी। प्रदर्शनी गैलरी बनाकर यहां रिप्लिका लगाई जाएंगी। रिसोर्स सेंटर, विजिटर सेंटर और जनसुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके अलावा परिसर में पौधरोपण की भी योजना है। प्राचीन विश्वविद्यालय का महत्व बताते हुए इसके प्रचार-प्रसार के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए अलग से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे। यहां के गाइड, टूर ऑपरेटरों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महिषी का भी होगा विकास
पर्यटन विभाग ने सहरसा के मंडन मिश्र धाम महिषी को भी पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकसित करने की योजना बनाई है। इस पर 14 करोड़ 23 लाख रुपये खर्च होंगे। आदि शंकराचार्य और मंडन मिश्र के शास्त्रत्तर्थ के साक्षी इस स्थल पर दोनों महापुरुषों के दर्शन होंगे। मंडन मिश्र की पत्नी भारती ने ही शास्त्रत्तर्थ में आदि शंकराचार्य को पराजित किया था। यहां प्रवेश द्वार, पार्किंग और अन्य जनसुविधा विकसित की जाएंगी। मुख्य भवन का जीर्णोद्धार, घाट का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा नैनो बबल टेक्नोलॉजी से तालाब का सौंदर्यीकरण होगा।