सुपौल : शुद्ध पेयजल नहीं मिलने पर छात्र हैंडपंप के पानी से बुझा रहे प्यास
किशनपुर में, सरकार ने स्कूलों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का दावा किया था, लेकिन केवल 41 स्कूलों में ही नल जल कनेक्शन दिया गया है। अधिकांश स्कूलों में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है, जिससे छात्र...

किशनपुर, एक संवाददाता। सरकार हर स्कूलों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, लेकिन यह दावा विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के दम तोड़ते नजर आ रही है। प्रखंड क्षेत्र के 157 स्कूलों में सिर्फ 41 स्कूलों में नल जल का कनेक्शन दिया गया है। इसमें से अधिकांश स्कूल में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। छात्र और शिक्षक चापाकल का आयरन युक्त पानी पीने को विवश हैं। सरकार द्वारा नल जल योजना साल 2018 के जून माह में ही शुरू की गई थी। इसके तहत सभी घर और स्कूलों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। शुरुआती दौर में विभाग द्वारा जोर-जोर से काम शुरू किया गया था, लेकिन बाद के दिनों में काम धीमी गति होने के कारण योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में बच्चों को शुद्ध पेयजल नहीं मिलने से चापाकल का दूषित पानी पीना पड़ता है। शुद्ध जल नहीं मिलने से अक्सर बच्चे पेट संबंधित बीमारी से ग्रसित होते रहते हैं। शिक्षा विभाग का कहना है कि प्रखंड क्षेत्र में 16 उच्च माध्यमिक विद्यालय में 11 हजार छात्र हैं। मिडिल स्कूलों में 10 हजार छात्र हैं। प्राइमरी स्कूलों में वर्ग 1 से 5 तक में 11 हजार हजार बच्चों का नामांकित है। प्रखंड क्षेत्र में हाई स्कूल, मिडिल स्कूल, संस्कृत स्कूल, मदरसा, और प्राइमरी स्कूल है। सभी स्कूल में 32 हजार से अधिक बच्चे नामांकित हैं। किसी भी स्कूल में नहीं मिल रहा है शुद्ध पेयजल: एमडीएम डीपीओ सह प्रभारी बीईओ महताब रहमानी ने बताया कि प्रखंड में कुल 157 स्कूलों में नल जल पाइप का कनेक्शन किया जाना था। अभी तक 41 स्कूलों में ही नल जल का कनेक्शन किया गया है, जबकि 116 स्कूलों में कनेक्शन नहीं किया गया है। कोई भी स्कूल में सुचारू ढंग से नल जल का शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। स्कूलों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए विभाग को लिखा लिखा गया है।
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