हर परीक्षा को अदालत में चुनौती देने से भड़का सुप्रीम कोर्ट, BPSC पीटी दोबारा नहीं होगी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगभग हर परीक्षा को अदालत में चुनौती देने का चलन हो गया है। यह सही नहीं है। इससे भर्ती की प्रक्रिया में देरी होती है। SC ने BPSC PT एग्जाम को दोबारा आयोजित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने लगभग हर परीक्षा को अदालत में चुनौती देने पर नाराजगी जाहिर की है। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा को दोबारा आयोजित करने की मांग वाली याचिका बुधवार को शीर्ष अदालत से खारिज हो गई। इससे पहले पटना हाई कोर्ट ने भी दोबारा पीटी परीक्षा आयोजित करने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही बीपीएससी 70वीं मुख्य परीक्षा को ससमय आयोजित करने के निर्देश दिए हैं, जो कि 25 अप्रैल से प्रस्तावित है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने बुधवार को BPSC 70वीं परीक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। बेंच ने आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट की ओर से दायर अर्जी को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि सभी अभ्यर्थियों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने के दावे को उचित ठहराने के लिए सटीक सबूत नहीं हैं।
हर परीक्षा को कोर्ट में घसीटने से भर्ती में देरी- SC
इस याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कमोबेश हर परीक्षा को अदालत में चुनौती देने की प्रवृत्ति पर खासी नाराजगी व्यक्त की। बेंच ने कहा कि इन वजहों से अक्सर भर्ती में देरी होती है, क्योंकि यह प्रक्रिया अदालत में उलझ जाती है।
बीते 28 मार्च को पटना हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि 13 दिसंबर 2024 को हुई BPSC प्रारंभिक परीक्षा में सभी सेंटर पर धांधली के सबूत नहीं पाए गए। याचिकाकर्ताओं ने कदाचार और पेपर लीक के सबूत जो पेश किए गए, वो केवल सोशल मीडिया पोस्ट पर आधारित थे। इस कारण सभी केंद्रों पर पुनः परीक्षा आयोजित करना उचित नहीं होगा। हाई कोर्ट ने भी 25 अप्रैल को आयोजित होने वाली बीपीएससी मुख्य परीक्षा कराने का निर्देश दिया था।