चार एनकाउंटर में 2 इनामी ढेर; 29 वॉन्टेड गिरफ्तार एक्शन में बिहार पुलिस
बिहार पुलिस ने बताया कि इस साल अभी तक मुठभेड़ की चार घटनाएं हुई हैं, जिनमें एसटीएफ ने 50-50 हजार रुपये के दो इनामी अपराधियों को मारा गिराया है। आठ नक्सलियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अबतक टॉप 20 लिस्ट में शामिल 227 अपराधियों को दबोचा गया है।

राज्य में अपराध और अपराधियों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सख्त निर्देश के बाद अपराध के खिलाफ बिहार पुलिस एक्शन मोड में आ चुकी है। बीते कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में पुलिस ने कई कुख्यात बदमाशों का एनकाउंटर किया है, वहीं दर्जनों को गिरफ्तार भी किया गया है। विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा बनाये गये 15 विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) संगठित अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाते हुए माफिया नेटवर्क, फिरौती गिरोह, हथियार तस्करी और आर्थिक अपराधों के मामलों पर कार्रवाई रहे हैं। पुलिस साफ कर चुकी है कि जो कानून तोड़ेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। अपराधियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है।
पुलिस ने राज्य में नक्सल व उग्रवाद के साथ ही संगठित अपराध के खिलाफ विशेष अभियान चला रखा है। इसका परिणामस्वरूप बिहार पुलिस के मुताबिक सूबे में नक्सली गतिविधियां अब केवल खड़गपुर और छकरबंधा के सीमित पहाड़ी क्षेत्रों तक सिमट गई हैं। अगले तीन महीने में इन क्षेत्रों को भी पूरी तरह उग्रवादमुक्त किये जाने का लक्ष्य है। बिहार पुलिस ने बताया कि उग्रवादी संगठनों की रीढ़ तोड़ने के लिए शीर्ष कमांडरों की गिरफ्तारी के साथ ही जमानत पर रिहा उग्रवादियों, उनके संरक्षकों और आर्थिक मददगारों पर कड़ी निगरानी की जा रही है। झारखंड की सीमा से लगे जंगली इलाकों में अंतर्राज्यीय समन्वय के जरिए कार्रवाई की जा रही है, ताकि नक्सली नेटवर्क फिर से संगठित न हो सके।
इस साल मुठभेड़ की 4 घटनाओं में दो इनामी ढेर
बिहार पुलिस से मिले आंकड़ों के मुताबिक इस साल अपराधियों से पुलिस के मुठभेड़ की चार घटनाएं हुई हैं, जिनमें एसटीएफ ने 50-50 हजार रुपये के दो इनामी अपराधियों को मारा गिराया है। आठ नक्सलियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही इस साल अब तक विभिन्न जिलों के टॉप-10/20 लिस्ट में शामिल 227 मोस्ट वांटेड अपराधियों को धर दबोचा गया है, जिसमें 29 इनामी अपराधी शामिल हैं।
जेल में बंद अपराधियों पर भी नजर
राज्य सरकार द्वारा तैयार किया गया डिजिटल अपराध डाटाबेस भी पुलिस की कार्रवाई में मददगार साबित हो रहा है। प्रत्येक एसओजी और संबंधित सेल में तकनीकी शाखा और डेटा विश्लेषण इकाइयां कार्यरत हैं, जो टॉप 10 और टॉप 20 अपराधियों की सूची तैयार कर उन पर कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं। पुलिस अब उन अपराधियों पर भी नजर रख रही है जो जेल में बंद रहते हुए या राज्य से बाहर रहकर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस ने बताया कि टॉप-10 और टॉप-20 अपराधियों की सूची नियमित रूप से अपडेट की जा रही है।
गोलियों की खरीद-बिक्री पर नियंत्रण को नयी नीति
राज्य सरकार अब हथियारों की अवैध तस्करी और गोली के क्रय-विक्रय पर विधिसम्मत नियंत्रण लाने के लिए नई नीति लागू करने की तैयारी में है। बिहार पुलिस ने बताया कि हथियारों के अवैध धंधे पर विशेष अभियान चलाकर बड़ी सफलता हासिल की गई है। हथियार के लिए गोलियों की आपूर्ति करने वाले नेटवर्क पर भी कार्रवाई जारी है। गोली की खरीद-बिक्री पर नियंत्रण को लेकर राज्य सरकार एक नई नीति लागू करने जा रही है।