Opinion trading on platforms like Probo is a game of skill, not luck new study confirms प्रोबो जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ओपिनियन ट्रेडिंग एक स्किल आधारित खेल है, किस्मत नहीं नई स्टडी की पुष्टि, Brand-post Hindi News - Hindustan
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प्रोबो जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ओपिनियन ट्रेडिंग एक स्किल आधारित खेल है, किस्मत नहीं नई स्टडी की पुष्टि

भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाज़ार तेज़ी से बढ़ रहा है। 2023 में $4 बिलियन का यह बाज़ार, 2028 तक $7.6 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें 14.5% की सालाना वृद्धि दर (CAGR) और रियल-मनी गेम्स का 80% से अधिक योगदान है।

Brand PostThu, 22 May 2025 04:26 PM
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प्रोबो जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ओपिनियन ट्रेडिंग एक स्किल आधारित खेल है, किस्मत नहीं नई स्टडी की पुष्टि

गेमिंग इंडस्ट्री में जबरदस्त उछाल: भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार, जिसकी 2023 में अनुमानित वैल्यू 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी, 2028 तक 7.6 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। यह 14.5% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रहा है, जिसमें रियल-मनी गेम्स का योगदान 80% से अधिक है।

ओपिनियन ट्रेडिंग का विस्तार: लगभग 5 करोड़ यूज़र्स और सालाना 6 बिलियन डॉलर से अधिक के लेन-देन के साथ, ओपिनियन ट्रेडिंग तेजी से लोकप्रिय हो रही है—हालाँकि इसे लेकर अभी भी कई भ्रांतियाँ मौजूद हैं।

नई स्टडी ने तोड़े भ्रम: अनुभवजन्य परीक्षण और वास्तविक प्लेटफॉर्म डेटा के आधार पर की गई रिपोर्ट यह निष्कर्ष देती है कि ओपिनियन ट्रेडिंग किस्मत नहीं, बल्कि एक स्किल-आधारित फॉर्मेट है।

राष्ट्रीय, 20 मई 2025: Evam Law & Policy द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि ओपिनियन ट्रेडिंग एक स्किल आधारित खेल है। "द क्वेश्चन ऑफ स्किल इन ओपिनियन ट्रेडिंग" नामक यह अध्ययन भारत के तीन प्रमुख ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के गेमप्ले डेटा पर आधारित है और यह सांख्यिकीय तथा व्यवहारिक प्रमाणों से यह सिद्ध करता है कि ओपिनियन ट्रेडिंग में सूचित निर्णय, संज्ञानात्मक लचीलापन और रणनीतिक क्रियान्वयन की आवश्यकता होती है।

इस अध्ययन को प्रतिष्ठित हस्तियों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें IIT दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. सप्तर्षि मुखर्जी, विनायक मिशन लॉ स्कूल के डीन डॉ. अनंत पद्मनाभन, और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एवं 21वें विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जस्टिस बलबीर सिंह चौहान शामिल हैं।

यह अध्ययन ऐसे समय में आया है जब भारत का गेमिंग उद्योग तीव्र गति से बढ़ रहा है। 568 मिलियन से अधिक गेमर्स के साथ, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेमिंग समुदाय बन चुका है। रियल मनी गेम्स इस क्षेत्र पर हावी हैं, और ओपिनियन ट्रेडिंग जैसे नए प्रारूपों ने भी बड़ा आकार ग्रहण कर लिया है—वित्त वर्ष 2024–25 के लिए 120 मिलियन डॉलर की अनुमानित आय और 35 से अधिक वैश्विक निवेशकों का समर्थन।

हालाँकि, रिपोर्ट यह दर्शाती है कि ओपिनियन ट्रेडिंग को लेकर कई गलत धारणाएँ बनी हुई हैं, जिनमें इसे अक्सर किस्मत आधारित या सट्टेबाज़ी जैसा माना जाता है। इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए, अध्ययन में तीन प्रमुख सांख्यिकीय परीक्षणों का उपयोग किया गया, जो ऑनलाइन गेम्स में कौशल की उपस्थिति को मापने के लिए मान्यता प्राप्त हैं:

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष:

कौशल की स्थिरता: जो खिलाड़ी एक महीने में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, वे अगले महीनों में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। उदाहरण के तौर पर, प्रोबो पर जीत दर और ROI के बीच महीनों के आँकड़ों में p-वैल्यू 10^-100 से कम रही, जो अत्यधिक स्थिरता का संकेत देती है—जो किसी भी किस्मत आधारित खेल में संभव नहीं।

उत्कृष्ट कौशल: सांख्यिकीय डेटा में भारी राइट-स्क्यू देखा गया, जो यह दर्शाता है कि एक छोटा समूह लगातार दूसरों से बेहतर प्रदर्शन करता है। उदाहरणतः, एक ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर 12.7% उपयोगकर्ताओं की जीत दर 79% से अधिक थी, जबकि एक चांस-सिमुलेशन में केवल 0.01% उपयोगकर्ता ऐसा कर पाए। Z-टेस्ट ने इस अंतर को सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण पाया।

सीखने की प्रवृत्ति और अनुभव का अंतर: खिलाड़ी अनुभव के साथ बेहतर प्रदर्शन करने लगे। प्रोबो पर अधिक इवेंट्स खेलने के साथ मीडियन जीत दर में वृद्धि हुई, और सांख्यिकीय परीक्षणों ने “कोई सीख नहीं” वाली परिकल्पना को खारिज कर दिया। अन्य दो प्लेटफॉर्म्स पर भी यही प्रवृत्ति देखी गई।

एग्जिट टूल्स का रणनीतिक उपयोग: जो खिलाड़ी रियल-टाइम मार्केट शिफ्ट्स के आधार पर अपनी पोजिशन को जल्दी बंद करते हैं, उनकी जीत दर 70% रही, जबकि जो खिलाड़ी निष्क्रिय रूप से अंत तक रुके रहे, उनकी केवल 42%। इससे यह स्पष्ट होता है कि सक्रिय और रणनीतिक भागीदारी से सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

अनुभव से परिपक्व मार्केट व्यवहार: जिन उपयोगकर्ताओं ने 250 से अधिक ट्रेड किए, उन्होंने शुरुआती उपयोगकर्ताओं की तुलना में 2 गुना अधिक रणनीतिक प्राइस-पॉइंट ट्रेड्स किए। इससे स्पष्ट होता है कि अनुभवी खिलाड़ी बाजार की गहराई से समझ रखते हैं और अस्थिर प्राइस बैंड्स में डाइवर्सिफिकेशन करके जोखिम को हेज करते हैं या अवसरों का लाभ उठाते हैं।

रणनीतिक व्यवहार: कुशल खिलाड़ी अपने ट्रेड्स को विविध बनाते हैं, अलग-अलग प्राइस पॉइंट्स पर हेज करते हैं और समय पर एग्जिट करते हैं। उदाहरण के लिए, जो उपयोगकर्ता 12 से अधिक प्राइस पॉइंट्स पर ऑर्डर देते हैं, उन्होंने औसतन 80% से अधिक निवेश की रिकवरी की। प्रोबो पर ऐसे खिलाड़ियों की जीत दर 63% रही, जो दर्शाता है कि वे सोच-समझकर निर्णय लेते हैं।

रिपोर्ट पर क्या बोले विशेषज्ञ:

प्रोबो के सह-संस्थापक और CTO आशीष गर्ग ने कहा:

“यह रिपोर्ट ओपिनियन ट्रेडिंग को लेकर डेटा आधारित समझ स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्षों से हमने देखा है कि हमारे टॉप यूज़र्स में संभाव्यता, रियल-टाइम निर्णय लेने और रणनीतिक दूरदर्शिता की गहरी समझ होती है। हमें खुशी है कि स्वतंत्र शोधकर्ताओं ने हमारी आंतरिक समझ को वैधता दी है—ओपिनियन ट्रेडिंग में सफलता कौशल पर आधारित है, किस्मत पर नहीं।”

इवम लॉ एंड पॉलिसी के मैनेजिंग पार्टनर शशांक रेड्डी ने कहा:

“ओपिनियन ट्रेडिंग बाजार आधारित तर्क और डिजिटल गेमप्ले का संगम है। यह अध्ययन इस उभरते प्रारूप को लेकर जरूरी अनुभवजन्य स्पष्टता लाता है, जिसे अक्सर गलत समझा गया है। प्रमाण दिखाते हैं कि ये प्लेटफॉर्म रणनीति, अनुभव, गहराई से ज्ञान और कौशल विकास को पुरस्कृत करते हैं। खास बात यह है कि यह अध्ययन मौजूदा कानूनी बहस के बीच एक अहम नीतिगत योगदान देता है। भारतीय कानून के अंतर्गत, स्किल आधारित गेम्स को कानूनी सुरक्षा प्राप्त है और वे चांस आधारित गेम्स से अलग माने जाते हैं। इस अध्ययन ने भारतीय न्यायालयों द्वारा मान्यता प्राप्त "प्रेडॉमिनेंस टेस्ट" को सख्ती से लागू करते हुए यह साबित किया कि ओपिनियन ट्रेडिंग पूरी तरह से एक स्किल-डॉमिनेंट कैटेगरी में आती है।”

जैसे-जैसे भारतीय गेमिंग सेक्टर विकसित हो रहा है, यह अध्ययन अधिक विवेकपूर्ण नियमों, सूचित सार्वजनिक चर्चा, और बेहतर उद्योग प्रथाओं के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है।

पूरा अध्ययन पढ़ने के लिए - क्लिक करें

अस्वीकरण: यह लेख एक प्रायोजित प्रकाशन है और इसमें हिंदुस्तान टाइम्स की पत्रकारिता/संपादकीय की कोई भूमिका नहीं है। हिंदुस्तान टाइम्स इस लेख/विज्ञापन की सामग्री और/या इसमें व्यक्त विचारों का समर्थन या अनुमोदन नहीं करता है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे जुआ संबंधी प्रचलित कानूनों जैसे कि पब्लिक गैंबलिंग एक्ट 1867, आईटी एक्ट 2000 आदि से भली-भांति परिचित हों। यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसमें दी गई कोई भी बात सलाह या जीत की गारंटी नहीं है, न ही किसी को किसी कानून का उल्लंघन करने के लिए प्रेरित करने का उद्देश्य है।

निवेशकों को यह जानना आवश्यक है कि सामान्य रूप से, ओपिनियन ट्रेडिंग (मत आधारित व्यापार) भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के विनियामक दायरे में नहीं आता, क्योंकि इसमें लेन-देन की जाने वाली वस्तु कोई प्रतिभूति (security) नहीं होती। निवेशकों/भागीदारों को यह अवगत रहना चाहिए कि ऐसे निवेश/भागीदारी के लिए प्रतिभूति बाजार की सुरक्षा प्रणाली उपलब्ध नहीं होगी।

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