बीजेपी विधायक मिश्रीलाल यादव में भेजे गए जेल , मारपीट के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट का आदेश
दरभंगा तृतीय अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ने की आपराधिक अपील मामले की सुनवाई। अपील को निरस्त किए जाने के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

बिहार के दरभंगा से बड़ी खबर है जहां भारतीय जनता पार्टी के विधायक मिश्रीलाल यादव को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत भेज दिया है। मिश्रीलाल यादव अलीनगर सीट से भाजपा के विधायक है। दरभंगा तृतीय अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ने की आपराधिक अपील मामले की सुनवाई। अपील को निरस्त किए जाने के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में 23 मई की अलगी तारीख है जब सजा के बिन्दु पर सुनवाई होगी। मामला साल 2019 का है जब विधायक समेत चार लोगों के खिलाफ मारपीट के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी। विधायक के साथ सुरेश यादव भी कांड के अभियुक्त हैं जिन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
यह मामला मारपीट का है जो 29 जनवरी 2019 को रैयाम थाना क्षेत्र के समैला गांव में हुई थी। मारपीट के शिकार हुए उमेश मिश्र ने 30 जनवरी 2019 को मिश्री लाल यादव और सुरेश यादव के पैसे छीनने, बेईज्जत करने और बेतरह पिटाई के आरोप में केस दर्ज कराया था। उन्होंने बताया था कि सुबह टहलने के दौरान मिश्री लाल यादव और सुरेश यादव ने 20-25 लोगों के साथ मिलकर उन पर कातिलाना हमला किया। प्राथमिकि के अनुसार विधायक ने फरसे से उनके सिर पर वार किया, जिससे गंभीर चोटें आईं और सुरेश यादव ने रॉड और लाठी से हमला किया। घायल उमेश मिश्रा को पहले स्थानीय पीएचसी और फिर डीएमसीएच में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज हुआ।
इस कांड की जांच के बाद 12 अक्टूबर 2019 को पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दायर किया और 17 अप्रैल 2020 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए सुनवाई की शुरुआत की।
काफी दिनों तक चले ट्रायल के बाद इसी साल 21 फरवरी को विशेष न्यायाधीश करुणानिधि प्रसाद आर्य की अदालत ने मिश्री लाल यादव और सुरेश यादव को दोषी ठहराते हुए आईपीसी की धारा 323 के तहत 3 महीने की सजा और 500 जुर्माना की सजा सुनाई
कोर्ट के फैसले के विरुद्ध विधायक मिश्रीलाल यादव ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में अपील वाद दायर किया। सुनवाई के बाद आज 22 मई को एडीजे 3 एस के दिवाकर की कोर्ट में सुनवाई के दौरान उनकी अपील खारिज कर दी गई और इसके साथ ही पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। हालांकि विधायक का कहना है कि उन्हें फंसाया गया है। वे ऊपरी अदालत में अपीलवाद दायर करेंगे।