चीन का पाकिस्तान के शेयर बाजार पर बड़ा दांव, ड्रैगन ने लगा रखा है बेतहाशा पैसा, हुआ खुलासा
भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच अब चीन की एक और चाल का खुलासा हुआ है। चीन ने भारत के कुछ सबसे करीबी पड़ोसियों के फाइनेंशियल इकोसिस्टम में अपनी पैठ बना ली है।

Pakistan Stock Exchanges: भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच अब चीन की एक और चाल का खुलासा हुआ है। चीन ने भारत के कुछ सबसे करीबी पड़ोसियों के फाइनेंशियल इकोसिस्टम में अपनी पैठ बना ली है। अब पड़ोसी देश का पाकिस्तान और बांग्लादेश के स्टॉक एक्सचेंजों से बड़ा कनेक्शन निकल कर सामने आया है। मीडिया रिपार्ट्स के मुताबिक, चीन का पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों देशों के स्टॉक एक्सचेंजों में बड़ी हिस्सेदारी है। बता दें कि ये दो ऐसे देश हैं, जिनके साथ भारत के बहुत सौहार्दपूर्ण संबंध नहीं हैं। हालांकि, शेयर बाजारों के साइज के मामले में भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों से बहुत आगे है। जबकि भारत लगभग 4.5 ट्रिलियन डॉलर ($4,500 बिलियन) के मार्केट कैप का दावा करता है, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बाजारों का वैल्यूएशन क्रमशः 44 बिलियन डॉलर और 5.72 बिलियन डॉलर है।
क्या है डिटेल
मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2017 में चीन और पाकिस्तान की संस्थाओं के एक संघ ने पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की। शंघाई स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर किए गए खुलासे से इसकी पुष्टि होती है। शंघाई स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर एक बयान में कहा गया है, "मार्च 2017 में, शंघाई स्टॉक एक्सचेंज (SSE), चाइना फाइनेंशियल फ्यूचर्स एक्सचेंज (CFFEX), शेन्ज़ेन स्टॉक एक्सचेंज (SZSE), पाक चाइना इन्वेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड और हबीब बैंक लिमिटेड ने एक संघ बनाया और पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में 40% हिस्सेदारी हासिल की।"
इसके अलावा, बांग्लादेश के मोर्चे पर, चीन ने 2018 में ढाका स्टॉक एक्सचेंज में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की। बोली शंघाई और शेनझेन स्टॉक एक्सचेंज द्वारा गठित कंपनियों के एक संघ के माध्यम से की गई थी। दोनों देशों के रेगुलटेरी प्राधिकरणों द्वारा अधिग्रहण के लिए सहमत होने के बाद यह सौदा किया गया था। पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा, चीन के पास अस्ताना इंटरनेशनल एक्सचेंज, यानी कजाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में भी 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
चीन और अमेरिका में ट्रेड डील
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार, अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन एक समझौते पर पहुंच गए हैं, जो आयात शुल्क दरों को 115 प्रतिशत तक कम कर देगा। अमेरिका और चीन सरकार के इस कदम को शेयर बाजार के निवेशकों ने अच्छी तरह से लिया और सकारात्मक समझौते की भावना पर सोमवार को वैश्विक बाजारों में तेजी आई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन से सभी आयात पर 145 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद दोनों आर्थिक महाशक्तियों के बीच तीन दिवसीय वार्ता के बाद यह कदम उठाया गया है। इसके जवाब में चीन ने भी अपने देश में आने वाले अमेरिकी सामानों पर 125 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया। अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के अनुसार, यदि चीजें योजना के अनुसार होती हैं, तो कुल टैरिफ 115 प्रतिशत तक कम हो जाएंगे।