2 दिन में 32% टूटा, अब शेयर को खरीदने की लूट, लौट रहा निवेशकों का भरोसा!
- IndusInd Bank shares: इंडसइंड बैंक लिमिटेड के शेयर 7% तक चढ़कर 605.40 रुपये के इंट्रा डे लो पर आ गए थे। मैनेजमेंट के भरोसा दिलाने के बावजूद बैंक का शेयर 27 प्रतिशत टूट गया था। यानी दो दिन में ही कंपनी के शेयर 32% तक टूट गया।

IndusInd Bank shares: इंडसइंड बैंक लिमिटेड के शेयर 7% तक चढ़कर 605.40 रुपये के इंट्रा डे लो पर आ गए थे। मैनेजमेंट के भरोसा दिलाने के बावजूद बैंक का शेयर 27 प्रतिशत टूट गया था। यानी दो दिन में ही कंपनी के शेयर 32% तक टूट गया। हालांकि, बाद में इंडसइंड बैंक के शेयर में तेजी देखी गई। कंपनी के शेयरों में 7% तक चढ़कर 694.75 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए। बता दें कि शेयरों में इस गिरावट के पीछे एक निगेटिव खबर है। दरअसल, निजी क्षेत्र के बैंक ने अपने वायदा-विकल्प पोर्टफोलियो में कुछ विसंगतियों की सूचना दी थी, जिसके चलते यह गिरावट हुई।
क्या है डिटेल
ऑडिटर्स विसंगति के कारण हुए 2,100 करोड़ रुपये के नुकसान के असर को कम करने की भरपूर कोशिश की और कहा कि उसके पास इस झटके से उबरने के लिए पर्याप्त पूंजी है। इंडसइंड बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक सुमंत कठपालिया ने कहा कि लेखा चूक के बारे में पिछले साल सितंबर-अक्टूबर के आसपास पता चला, और बैंक ने पिछले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को इस बारे में बताया। बैंक को हुए नुकसान के अंतिम आंकड़े बाहरी एजेंसी की पड़ताल के बाद पता चलेंगे। बैंक ने बाहरी एजेंसी की नियुक्ति कर दी है, जो अपनी रिपोर्ट अप्रैल की शुरुआत में देगी। कुछ विश्लेषकों के पहले के अनुमान हैं, जिन्होंने मार्च तिमाही में घाटे का संकेत भी दिया था। अकाउंटिंग विसंगति पर देरी से खुलासा होने से निवेशक डर गए, क्योंकि विश्लेषकों ने कहा कि इस तरह के घटनाक्रम से शेयर निवेशकों को पिछली तारीख वाले गैर-निष्पादित ऋण (एनपीएल) से भी अधिक परेशान करने की क्षमता है।
इंडसइंड बैंक के सीईओ ने सीएनबीसी-टीवी18 को बताया कि बैंक ने 24 अक्टूबर को विसंगति की पहचान की और तुरंत एक आंतरिक समीक्षा शुरू की, साथ ही एक बाहरी एजेंसी को भी शामिल किया। उन्होंने बताया कि उस समय, बैंक विसंगति के पूर्ण पैमाने के बारे में अनिश्चित था, जो 7 से 8 वर्षों की अवधि में विकसित हुई थी। उन्होंने कहा, "हमें 24 अक्टूबर के आसपास विसंगति का पता चला, और तभी हमने अपना आंतरिक मूल्यांकन शुरू किया और एक बाहरी एजेंसी को शामिल किया। हमें अभी तक प्रभाव की पूरी सीमा का पता नहीं था। एक बार जब हमें यह समझ में आ गया, तो हमने एक बोर्ड मीटिंग बुलाई और आवश्यक खुलासे किए।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि, "बैंक सभी खुलासों में पूरी तरह से पारदर्शी रहा है और उसने कोई भी जानकारी नहीं छिपाई है। यह एक बार का मामला है, बार-बार होने वाला नहीं है और हमें उम्मीद है कि इस तिमाही में इसका समाधान हो जाएगा। आगे बढ़ते हुए, आप देखेंगे कि बैंक में विकास और लाभप्रदता कैसी है, जिसका वह आदी है।" इस बीच, सीएनबीसी-टीवी18 के माध्यम से प्रमोटर अशोक हिंदुजा ने शेयरधारकों से घबराने से मना करते हुए कहा कि समस्या की पहचान न तो ऑडिटर ने की है और न ही नियामक ने, बल्कि इंडसइंड बैंक के प्रबंधन ने ही की है। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि प्रमोटर बैंक में अपनी हिस्सेदारी 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने के लिए आरबीआई से मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं और जैसे ही ऋणदाता को आरबीआई की मंजूरी मिल जाएगी, वह तुरंत बैंक में पूंजी डाल देगा।
क्या है टारगेट प्राइस
इंडसइंड बैंक पर एक लेटेस्ट रिपोर्ट में मोतीलाल ओसवाल ने लेंडर पर अपने रुख को संशोधित कर तटस्थ कर दिया है और लक्ष्य मूल्य को घटाकर 925 रुपये कर दिया है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने हाल के विकास को "आश्चर्यजनक और निराशाजनक" बताया है। ब्रोकरेज ने कहा कि इंडसइंड बैंक के लिए "खोई हुई विश्वसनीयता को फिर से बनाने में कुछ तिमाहियों से अधिक समय लगने की संभावना है"। ब्रोकरेज ने इंडसइंड बैंक के शेयरों को खरीद से घटाकर REDUCE कर दिया है और टारगेट प्राइस को घटाकर 850 रुपये (पहले 1,400 रुपये) कर दिया है। एमके ग्लोबल ने इंडसइंड बैंक के शेयरों की रेटिंग को BUY से घटाकर ADD कर दिया है और इसका टारगेट प्राइस घटाकर 875 रुपये कर दिया है।