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बारहवीं में आए कम अंक, इस परीक्षा से सुधरेंगे आपके मार्क्स, करियर काउंसलर से जानें

  • ज्यादातर राज्यों में ऐसे छात्रों की संख्या अच्छी खासी है, जिनकी बोर्ड परीक्षाएं अच्छी नहीं गयीं। वे अपने भविष्य को लेकर सशंकित हैं। इनमें मैट्रिक या 10+2 के छात्र-छात्रा शामिल हैं।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, आशीष आदर्श, करियर काउंसलरThu, 17 April 2025 09:17 AM
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बारहवीं में आए कम अंक, इस परीक्षा से सुधरेंगे आपके मार्क्स, करियर काउंसलर से जानें

ज्यादातर राज्यों में ऐसे छात्रों की संख्या अच्छी खासी है, जिनकी बोर्ड परीक्षाएं अच्छी नहीं गयीं। वे अपने भविष्य को लेकर सशंकित हैं। इनमें मैट्रिक या 10+2 के छात्र-छात्रा शामिल हैं। भारत सरकार द्वारा स्थापित एनआईओएस यानी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग ऐसे सभी छात्रों के लिए एक सशक्त विकल्प लेकर आया है। देश में जिस प्रकार अनेक स्कूल बोर्ड हैं, जैसे सीबीएसई, आईसीएस या स्टेट बोर्ड्स, उसी प्रकार भारत सरकार द्वारा स्थापित एनआईओएस बोर्ड से अपने पाठ्यक्रम को पूरा कर आप तमाम सरकारी या गैर सरकारी सेवाओं, आईआईटी-जेईई, नीट, यूपीएससी, एनडीए इत्यादि के लिए फॉर्म भर सकते हैं। आसान भाषा में यह समझ लें कि एनआईओएस बोर्ड की मान्यता भी वही है, जो सीबीएसई, आईसीएस या अन्य किसी भी स्टेट बोर्ड की। एनआईओएस के द्वारा 10वीं (मैट्रिक) और 10+2 (सीनियर सेकंडरी) दोनों पाठ्यक्रम कराए जाते हैं। इसके सभी कोर्स केवल ऑनलाइन मोड में होते हैं। यदि आपने मैट्रिक की परीक्षा दी और उसमें पास नहीं हो सके, तो आप एनआईओएस द्वारा आयोजित मैट्रिक (सेकंडरी) परीक्षा में बैठ सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आपकी आयु कम से कम 14 वर्ष हो। वहीं, यदि आपने किसी अन्य बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली है, लेकिन अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं हैं और फिर से मैट्रिक की परीक्षा देकर अपना रिजल्ट बेहतर करने की योजना बना रहे हैं, तो भी आप एनआईओएस की मैट्रिक की परीक्षा में बैठ सकते हैं।

उपरोक्त दोनों स्थिति में एक फर्क है कि मैट्रिक की परीक्षा नहीं देने वाले या मैट्रिक फेल छात्रों को न्यूनतम 5 विषयों की परीक्षा देनी होगी, जबकि दोबारा मैट्रिक की परीक्षा में बैठने वाले छात्र 4 विषयों की ही परीक्षा देंगे। अब जहां तक 10+2 परीक्षा यानी सीनियर सेकंडरी परीक्षा की बात है, इसके लिए आपकी आयु न्यूनतम 15 वर्ष होनी चाहिए और आप मैट्रिक उत्तीर्ण होने चाहिए। मैट्रिक की तरह यहां भी यदि आपने किसी अन्य बोर्ड से 10+2 नहीं दिया है या फेल कर गए हैं, तो आपको न्यूनतम 5 विषयों की परीक्षा देनी होगी, जबकि दोबारा अपने रिजल्ट को सुधारने के लिए 10+2 की परीक्षा में बैठने वाले छात्र 4 विषयों की ही परीक्षा देंगे। एनआईओएस के उपरोक्त दोनों पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए कोई भी अधिकतम आयु सीमा नहीं है। विशेष जानकारी के लिए एनआईओएस की वेबसाइट nios.ac.inदेखें।