शिक्षक बन सकेंगे सीनियर प्रोफेसर, कम से कम 2 शोधार्थियों ने मार्गदर्शन में की हो Phd
- डीडीयू गोरखपुर के प्रोफेसर्स अब सीनियर प्रोफेसर बन सकेंगे। इसे लेकर प्रकिया शुरू कर दी गई है।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स अब सीनियर प्रोफेसर बन सकेंगे। इसे लेकर प्रकिया शुरू कर दी गई है। कुल 39 प्रोफेसरों ने अर्हता पूर्ण करने के दावे करते हुए आवेदन किया है। आवेदन आने के बाद उनकी स्क्रूटनी की जा रही है। सब ठीक रहा तो इसी वर्ष डीडीयू के शिक्षकों को भी सीनियर प्रोफेसर का कैडर मिल जाएगा।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों में सीनियर प्रोफेसर कैडर के लिए मानक तय किए हैं। इसके मुताबिक सम्बंधित शिक्षक ने प्रोफेसर के रूप में 10 वर्ष पूर्ण कर लिए हों। प्रोफेसर रहने के दौरान उनके मार्गदर्शन में न्यूनतम दो शोधार्थियों ने पीएचडी की उपाधि हासिल की हो। इसके अलावा सम्बंधित शिक्षक के प्रोफेसर रहने के दौरान न्यूनतम 10 रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हों।
विश्वविद्यालय में आए 39 आवेदनों की स्क्रूटनी की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। स्क्रूटनी हो जाने के बाद यूजीसी के दिशा-निर्देश के अनुसार एक्सपर्ट के पास ये आवेदन भेजे जाएंगे। विशेषज्ञों की जो रिपोर्ट आएगी, उसे लागू कर दिया जाएगा। आउटस्टैंडिंग प्रदर्शन कर रहे इन शिक्षकों को एक ग्रेड बढ़ जाएगा।
बनेगा दूसरा राज्य विश्वविद्यालय
उत्तर प्रदेश में अभी तक सिर्फ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के शिक्षक ही सीनियर प्रोफेसर कैडर में शामिल हैं। वहां सत्र 2023-24 में सीनियर प्रोफेसर कैडर बना था। डीडीयू में शिक्षक काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे। अब डीडीयू सीनियर प्रोफेसर का कैडर बनाने वाला दूसरा राज्य विश्वविद्यालय होगा।
सीनियर प्रोफेसर कैडर के लिए अर्हता रखने वाले प्रोफेसर्स से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। कुल 39 शिक्षकों ने आवेदन किया है। प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद विश्वविद्यालय के शिक्षकों को सीनियर प्रोफेसर का कैडर मिल जाएगा।- -प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, डीडीयू