रोहित शर्मा के स्कूल कोच नहीं होते तो वह आज एक स्पिनर होते! हिटमैन ने बताया दिलचस्प किस्सा
बहुत से लोगों को शायद इस बात की जानकारी नहीं होगी कि रोहित शर्मा ने क्रिकेट की शुरुआत एक स्पिन गेंदबाज के तौर पर की थी। एक स्पिनर से वह कैसे दुनियाभर के गेंदबाजों में खौफ भरने वाले बल्लेबाज बने, इसके पीछे की कहानी बहुत दिलचस्प है। एक हालिया इंटरव्यू में रोहित शर्मा ने खुद वो किस्सा बयां किया है।

रोहित शर्मा चर्चा में हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। अंतरराष्ट्रीय टी-20 से पहले ही संन्यास ले चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब वह सिर्फ एकदिवसीय मैच खेलते रहेंगे। अपनी कप्तानी में टी-20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जिताने वाले और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचाने वाले रोहित शर्मा की गिनती खतरनाक बल्लेबाजों में होती रही है। क्या आप जानते हैं कि अगर रोहित शर्मा के स्कूल के कोच नहीं होते तो वह एक बल्लेबाज नहीं, बल्कि स्पिन गेंदबाज होते? यह खुलासा खुद रोहित शर्मा ने एक इंटरव्यू में किया है।
खेल पत्रकार विमल कुमार को दिए इंटरव्यू में रोहित शर्मा से जब पूछा गया कि क्या क्रिकेट में नेचुरली गिफ्टेड क्रिकेटर या लीडर जैसा कुछ होता है तो उनका जवाब था कि ये बेकार की बात है। नेचुरली गिफ्टेड जैसा कुछ नहीं होता, उसके पीछे बहुत मेहनत करनी पड़ती है। इसी सवाल के जवाब में रोहित शर्मा ने अपने क्रिकेट जीवन के एक बड़े राज से पर्दा उठाया कि उन्होंने शुरुआत एक गेंदबाज के तौर पर की थी।
रोहित शर्मा ने कहा, ‘मैं तो बॉलर था जब क्रिकेट शुरू किया था। नेचुरली गिफ्टेड कहां से आया? मैंने क्रिकेट एक गेंदबाज के तौर पर शुरू किया था। जब हाथ में पहली बार क्रिकेट की कुछ चीज पकड़ी थी...आम तौर पर जब हम सोसाइटी में क्रिकेट खेलते थे तो बैटिंग और बोलिंग दोनों होता था लेकिन मैं प्रोफेशनल क्रिकेट की बात कर रहा हूं जो स्कूल क्रिकेट से स्टार्ट की। वह प्रोफेशनल नहीं होता है, स्कूल क्रिकेट होता है लेकिन जब वहां से स्टार्ट की तब मैं स्पिन बॉलिंग करता था।’
हिटमैन ने आगे बताया, 'धीरे-धीरे मेरे स्कूल के कोच ने मुझे देखा। उन्हें मेरी बैटिंग अच्छी लगी। बोले कि ऊपर बैटिंग करोगे तो मैंने कहा हंड्रेड पर्सेंट करूंगा। कुछ मैच में जाकर मैंने अच्छा कुछ किया तो वहां से फिर बैटिंग का सिलसिला शुरू हुआ। फिर बैटिंग पर अपनी मेहनत करता गया। रोज पहले एक-दो घंटा बॉल डालता था और फिर आधा-पौना घंटा बैटिंग करता था। तो ये वहां से शुरू हुआ। मैं जो भी आज हूं, नेचुरली कुछ नहीं है। इसमें बहुत कोशिश लगती है।'
दरअसल, विमल कुमार ने इंटरव्यू के दौरान नेचुरली गिफ्टेड थिअरी को लेकर सवाल पूछा था। उन्होंने पूछा, 'क्रिकेट में एक बहुत चर्चा होती है, एक नेचुरली गिफ्टेड क्रिकेटर की और एक नेचुरली गिफ्टेड लीडर की। इस थिअरी को आप कैसे देखते हैं?'
जवाब में रोहित शर्मा ने तपाक से कहा, 'बेकार है। नेचुरली कुछ नहीं होता है। नेचुरली दिखने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। एफर्टलेस दिखने के लिए बहुत एफर्ट की जरूरत होती है। नैचुरली लीडरशीप जो नेचुरली दिखता है, उसके पीछे बहुत काम करना पड़ता है ताकि अंदर सब स्मूदली चले, नेचुरली लगे। बैटिंग करते वक्त भी। नेचुरली गिफ्टेड प्लेयर कुछ नहीं होता यार।' इसके बाद रोहित ने खुद के बतौर गेंदबाज क्रिकेट शुरू करने और बाद में बल्लेबाज के तौर पर उभरने के किस्से को बताया।