जब कभी रन नहीं बनते थे तो खूब रोते थे वैभव सूर्यवंशी, बचपन के कोच ने खोले कई दिलचस्प राज
आईपीएल 2025 में शतक जड़कर इतिहास रचने वाले वैभव सूर्यवंशी ने अपनी प्रतिभा से सबको हैरान कर दिया। लाइव हिंदुस्तान से खास बातचीत में वैभव के बचपन के कोच ब्रजेश झा ने उनसे जुड़े तमाम अनछुए पहलुओं को सामने रखा।

बीते सोमवार की रात को 14 साल के एक बच्चे ने अच्छे-अच्छे गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाकर रख दी। आईपीएल 2025 में शतक जड़कर इतिहास रचने वाले वैभव सूर्यवंशी आज क्रिकेट जगत की सनसनी बन चुके हैं। आईपीएल ही नहीं, बल्कि प्रोफेशनल टी-20 क्रिकेट में उनसे कम उम्र में दुनिया के किसी बल्लेबाज ने शतक नहीं जड़ा है। समस्तीपुर, बिहार के एक छोटे से गांव से निकलकर इस युवा बल्लेबाज ने अपनी प्रतिभा से सबको हैरान कर दिया। लाइव हिंदुस्तान से खास बातचीत में वैभव सूर्यवंशी के बचपन के कोच ब्रजेश झा ने उनसे जुड़े तमाम अनछुए पहलुओं को सामने रखा।
बचपन से शर्मीला है वैभव
बचपन के कोच ने बताया कि कैसे रनों की भूख उसे कभी संतुष्ट नहीं होने देती, कैसे एक सामान्य पृष्ठभूमि का बच्चा मेहनत और जुनून से दुनिया में छा गया। कुछ लोग उसके उम्र पर सवाल कर रहे। कोच ब्रजेश झा ने इसे बकवास बताकर खारिज किया है। ब्रजेश झा के अनुसार, वैभव साढ़े पांच साल की उम्र में क्रिकेट एकेडमी में आए थे। बचपन से शर्मीला और कम बोलने वाले वैभव रन नहीं बनने पर खूब रोते थे। बता दें कि तूफानी शतक जड़कर राजस्थान रॉयल्स को जीत दिलाने के बाद रात 2 बजे कोच को उनका फोन भी आया था।
कब हुई आखिरी बात
कोच ब्रजेश झा ने बताया कि वैभव के माता-पिता समस्तीपुर से 15 किलोमीटर दूर गांव से साढ़े पांच साल साल की उम्र में उसे लेकर क्रिकेट एकेडमी आए थे। वैभव के पिताजी भी एक शानदार खिलाड़ी रह चुके हैं। मैच के बाद रात 2:00 बजे उससे कॉल पर बात हुई। वह इंजॉय कर रहा था इसलिए ज्यादा देर हमने बात नहीं किया। बचपन से वह काफी कम बोलने वाला और शर्मीला लड़का है।

माता-पिता की तरह रहा है लगाव
वैभव की उम्र से जुड़े एक सवाल के जवाब में कोच ब्रजेश झा ने बताया कि, “बने हुए चीज को बनाना बहुत आसान है। हमारा लगाव बच्चों से माता-पिता की तरह होता है। मैं उसको 6 साल से जानता हूं। आप बिलीव नहीं करेंगे, आप लॉकडाउन से पहले का फोटो और वीडियो देखेंगे तो आपको आश्चर्य होगा। इससे ज्यादा इनोसेंट क्या होगा कि आईपीएल के मैच में वह बच्चों की तरह रो रहा है। कोई 20 साल का लड़का ऐसे नहीं रोएगा। मेरे पास उसका बचपन से लेकर अब तक का फोटो और वीडियो है।
आउट होने पर खूब रोते थे वैभव
कोच ब्रजेश झा ने बताया कि वैभव जब खेलने आया था तब 10 से 20 बच्चे ही आते थे। उसको बचपन से ही रन का बहुत ललक था। जब वह छोटा था और मैच में रन नहीं ले पता था और आउट हो जाता था तो कहता था, “हम आउट नहीं थे अंकल, हम पहुंच गए थे।” फिर उसको दोबारा खुद अंपायर बनके खिलाते थे। रन नहीं मारता था तो बहुत रोता था। फिर उसके लिए मैच को दोबारा से अरेंज करते थे। आईपीएल के फर्स्ट मैच में भी उसके आंख से आंसू आ गए।
कब होगा कोच का सपना पूरा
ब्रजेश झा के अनुसार, वैभव से पहले भी हमारा एक छात्र आईपीएल और अंडर-19 खेल चुका है। मेरा सपना तब पूरा होगा जब वैभव इंडिया के लिए खेलेगा। मुझे तब बहुत खुशी महसूस होगी जब वह इंडिया के लिए नीली जर्सी में खेलेगा। सही कहूं तो अब मैं उससे क्रिकेट के बारे में कोई बात नहीं करता हूं। अभी उसके पास सीनियर लेवल पर कई अच्छे कोच हैं। अगर मैं कुछ बताऊंगा तो वह खिचड़ी हो जाएगा। अब ज्यादातर बातें घर-परिवार के बारे में होती हैं।