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गुजरात में खोई जमीन तलाशने की कवायद या; अहमदाबाद में क्यों हो रहा कांग्रेस का महाजुटान?

  • कांग्रेस का 8-9 अप्रैल को गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में अधिवेशन होने वाला है। वही गुजरात जहां उसे पिछले 27 सालों से सिर्फ शिकस्त मिल रही है। 2027 में वहां अगला विधानसभा चुनाव है,इस लिहाज से भी दो दिन बाद पार्टी के दिग्गजों का महाजुटान आवश्यक हो जाता है।

Utkarsh Gaharwar लाइव हिन्दुस्तान, अहमदाबादSun, 6 April 2025 06:21 PM
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गुजरात में खोई जमीन तलाशने की कवायद या; अहमदाबाद में क्यों हो रहा कांग्रेस का महाजुटान?

कांग्रेस इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों ने थोड़ा कमबैक का काम किया था। विपक्षी गठबंधन इंडिया में सबसे ज्यादा सीटें(99),फिर राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष बनना ने बताया कि पार्टी मजबूत हुई है और एक मजबूत विपक्ष की भी भूमिका निभाएगी,लेकिन हरियाणा,महाराष्ट्र,जम्मू-कश्मीर में करारी हार ने उसे फिर वहीं पहुंचा दिया है। कांग्रेस का 8-9 अप्रैल को गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में अधिवेशन होने वाला है। वही गुजरात जहां उसे पिछले 27 सालों से सिर्फ शिकस्त मिल रही है। 2027 में वहां अगला विधानसभा चुनाव है,इस लिहाज से भी दो दिन बाद पार्टी के दिग्गजों का महाजुटान आवश्यक हो जाता है। कांग्रेस के महासचिव और राजस्थान के प्रमुख नेता सचिन पायलट ने इस बैठक के बारे मे विस्तार से बताया है।

कांग्रेस का जोश अब भी हाई

अहमदाबाद में AICC सत्र से पहले,कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने रविवार को कहा कि पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव जारी है,जिसमें युवा नेता उन्हें सौंपे गए कार्यों पर खरा उतर रहे हैं और उन्होंने जोर देकर कहा कि जवाबदेही के साथ-साथ विचारधारा को मजबूत करना आगे के लिए मूलमंत्र होगा। पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में,पायलट ने कहा कि गुजरात में हो रहा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) सत्र महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में हो रहा है जब उस राज्य में पार्टी को मजबूत करने और उसकी पुरानी प्रतिष्ठा को बहाल करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी जोर देकर कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी ने कुछ राज्य चुनाव भले ही हारे हों,लेकिन उसने लड़ने का अपना दृढ़ विश्वास या जोश नहीं खोया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी के भीतर पीढ़ीगत बदलाव का समय आ गया है,पायलट ने कहा कि कोई भी बदलाव रातोंरात नहीं होता बल्कि धीरे-धीरे होता है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने पिछड़े वर्गों,युवाओं,महिलाओं,अनुसूचित जातियों,अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों को मजबूत करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है। ये वे वर्ग हैं जो हमारी आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा बनाते हैं और उन वर्गों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है।

उदयपुर घोषणा पर अमल

पायलट ने जयपुर से फोन पर पीटीआई को बताया कि पार्टी मंच पर हमने उदयपुर घोषणा को अपनाया है और उसका पालन कर रहे हैं। पार्टी की सभी नियुक्तियों में हम उस घोषणा को ध्यान में रख रहे हैं। पीढ़ीगत बदलाव अपने आप हो रहा है,कई लोग हैं जो अब नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं,चाहे वह संसद के भीतर हो या संसद के बाहर,चाहे राज्यों में हो या एआईसीसी में नए नियुक्त लोग हों,युवा लोग अब नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं और कार्यों पर खरा उतर रहे हैं। पार्टी ने दिसंबर में अपने बेलगावी सम्मेलन में घोषणा की थी कि 2025 संगठनात्मक सशक्तिकरण का वर्ष होगा। पायलट ने कहा कि ध्यान संगठनात्मक सुधारों,खाली पदों को भरने और यह सुनिश्चित करने पर है कि पार्टी युवाओं को अधिक राजनीतिक शक्ति देकर उदयपुर घोषणा का पालन करे।

पायलट ने कहा कि राहुल गांधी,मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी,विभागों और आईवाईसी,एनएसयूआई,सेवा दल,महिला कांग्रेस आदि जैसे अग्रिम संगठनों के कामकाज में सक्रिय रुचि ले रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमने 2025 को पार्टी कार्यकर्ताओं को पुनर्जीवित और उत्साहित करने के वर्ष के रूप में बनाने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है। हम पार्टी के अधिक वैचारिक मजबूती,प्रभावी लोगों को अधिक जिम्मेदारियां देने और यह सुनिश्चित करने के लिए देखने जा रहे हैं कि जो लोग कार्य के अनुरूप नहीं हैं वे उन लोगों के लिए रास्ता बनाएं जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं।

जवाबदेही तय होनी चाहिए

क्या जवाबदेही पार्टी के लिए आगे का मूलमंत्र होगा,इस पर पायलट ने पलटवार करते हुए कहा,"यह होना ही चाहिए।" जिम्मेदारी देना एक बात है,लेकिन हर व्यक्ति, जब उसे कोई काम दिया जाता है,तो उसे जवाबदेह होना पड़ता है। कौन प्रदर्शन कर रहा है और कौन नहीं,इसकी लगातार समीक्षा होगी। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उदाहरण के लिए राजस्थान में हमने निर्णय लिया है कि पार्टी का कोई भी पदाधिकारी जो बिना उचित कारण के लगातार तीन पार्टी बैठकों में भाग नहीं लेता है,उसे पद छोड़ना होगा और किसी और को जगह देनी होगी। पायलट ने कहा कि यहां इंदिरा गांधी भवन में हुई बैठकों में यह निर्णय लिया गया है कि जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों को बहुत बड़ी भूमिका दी जाएगी और चुनावों,वित्तीय प्रबंधन और चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया में उनकी अधिक भागीदारी होगी। उन्होंने कहा कि ये सभी पहलू पहले भी थे लेकिन भविष्य में और अधिक बढ़ाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि इसे कैसे तेज किया जाए,इसे कैसे मजबूत किया जाए,कांग्रेस में अधिक युवाओं को कैसे शामिल किया जाए,यह स्पष्ट रूप से शीर्ष नेतृत्व का निरंतर प्रयास है। भाजपा ने विपक्ष,विशेष रूप से कांग्रेस के नेताओं को वश में करने,बदनाम करने,धमकी देने,लुभाने और चरित्र हनन करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस के लोग प्रतिबद्ध हैं वे आगे बढ़ेंगे। हमारे शीर्ष नेतृत्व पर एजेंसियों द्वारा राजनीतिक रूप से हमला किया गया है, लेकिन हमने पलटवार किया है, हम उनसे कानूनी रूप से लड़ेंगे और हम सड़कों पर लड़ेंगे। पायलट ने जोर देकर कहा कि राजनीति में किसी को अपनी मान्यताओं में मजबूत होना पड़ता है क्योंकि अच्छे और बुरे दोनों समय आएंगे।

सचिन पायलट ने कहा कि हम 10 साल सरकार में थे,हम 10 साल से सत्ता से बाहर हैं। लेकिन हमें आगे की लड़ाई लड़ने के लिए अपनी मान्यताओं की ताकत की जरूरत है। समय कठिन है क्योंकि भाजपा विपक्ष की आवाज को दबाने,लुभाने और कमजोर करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राहुल गांधी ने आगे से नेतृत्व किया है और सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए संसद में कड़े सवाल पूछे हैं।

गुजरात में हम बीजेपी का चुनौती सामना करने के लिए तैयार

उन्होंने आगे कहा कि गुजरात हमारे लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है और हम भाजपा से किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के जल्द ही एक साल पूरे होने के साथ,पायलट ने कहा कि कई ऐसे मामले हैं जहां कांग्रेस और विपक्ष सरकार को पीछे धकेलने में सक्षम थे। पायलट ने आगे कहा कि हम पूरे देश के लिए काम करने,सरकार के कामकाज और जिस तरह से वह लगातार संस्थानों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है,उसे उजागर करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराना चाहते हैं। अहमदाबाद में एआईसीसी सत्र का विषय 'न्यायपथ:संकल्प, समर्पण और संघर्ष' होगा, जिसमें 9 अप्रैल को मुख्य सम्मेलन में 1,700 से अधिक एआईसीसी सदस्य भाग लेंगे।

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