रूस के साथ 1000 युद्धबंदियों की रिहाई पर सहमति, शांति पर सन्नाटा; क्या है जेलेंस्की का अगला कदम?
तीन साल से चली आ रही जंग के बीच तुर्किए में पहली बार बिना किसी तीसरे पक्ष के आमने-सामने रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधि बैठे थे। हालांकि, इस बैठकी में बंदियों की रिहाई के अलावा कोई और अहम बातचीत नहीं हुई।

तीन साल से चल रही जंग के बाद पहली बार तुर्किए के इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधि बिना किसी मध्यस्थ के आमने-सामने बैठे। इस ऐतिहासिक मुलाकात में शुक्रवार को दोनों पक्षों के बीच 1000-1000 युद्धबंदियों की रिहाई पर सहमति बनी, लेकिन युद्धविराम पर कोई ठोस फैसला नहीं हो सका। इस बैठक का आयोजन रूस-यूक्रेन युद्ध के 1177वें दिन हुआ। दोनों देशों के प्रतिनिधि गुरुवार को ही इस्तांबुल पहुंच गए थे।
तुर्किए के विदेश मंत्री हाकान फिदान की मौजूदगी में गुरुवार को दोनों पक्षों की एक अनौपचारिक मुलाकात भी हुई थी। शुक्रवार को रॉयल पैलेस में बिना किसी बाहरी दखल के पहली बार युद्धविराम के मुद्दे पर बातचीत शुरू हुई।
जेलेंस्की ने नहीं लिया हिस्सा
रूसी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे थे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सलाहकार व्लादिमीर मेडिन्स्की, जबकि यूक्रेन की ओर से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षामंत्री रुस्तेम उमेरोव कर रहे थे। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की खुद भी तुर्किए में मौजूद थे, मगर उन्होंने वार्ता में हिस्सा नहीं लिया।
हालांकि, बातचीत में कुछ प्रगति हुई है, लेकिन यूक्रेन ने आरोप लगाया कि रूस की अड़ियल शर्तों के चलते युद्धविराम पर कोई समझौता नहीं हो सका। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा, "रूस की ओर से जो शर्तें रखी गईं वो व्यावहारिक नहीं थीं।" इसके साथ ही यूक्रेन ने यूरोपीय देशों से एक बार फिर अपील की कि वे रूस पर और ज्यादा दबाव डालें।
क्या था रूस का पक्ष
दूसरी ओर रूस ने बैठक को सकारात्मक बताया और कहा कि "बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है।" इसी दौरान अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी शुक्रवार को तुर्किए पहुंचे। हालांकि, वो रूस-यूक्रेन की इस बातचीत का हिस्सा नहीं बने, लेकिन उन्होंने दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मुलाकात की योजना बनाई थी। अंकारा में पहुंचते ही उन्होंने कहा, "हम इस बातचीत का स्वागत करते हैं, मगर यह मान लेना जल्दबाज़ी होगी कि पहली ही बैठक में कोई बड़ा नतीजा निकल आएगा।" उनकी ये आशंका काफी हद तक सही साबित हुई।
क्या है जेलेंस्की का अगला कदम
शांति वार्ता में युद्धविराम पर सहमति न बनने के बाद यूक्रेन ने अपने पश्चिमी सहयोगियों से रूस पर दबाव बनाए रखने की अपील की है। राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बातचीत के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड के नेताओं से संपर्क किया और कहा कि अगर रूस युद्धविराम को ठुकराता है, तो उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएं। यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने रूस की शर्तों को अवास्तविक और अलोकतांत्रिक बताया, जिनमें यूक्रेन को अपने ही कुछ हिस्सों से पीछे हटने को कहा गया है।
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