चीन के साथ युद्ध नहीं चाहते, लेकिन... टैरिफ विवाद के बीच अमेरिका ने ड्रैगन को दी खुली चेतावनी
- अमेरिकी रक्षा मंत्री हेगसेथ ने कहा कि हम चीन के साथ युद्ध नहीं चाहते... लेकिन साथ मिलकर हमें इस गोलार्ध में चीन के खतरों को मजबूती से और सख्ती से रोककर युद्ध को रोकना चाहिए।

टैरिफ विवाद पर अमेरिका और चीन के बीच संबंध लगातार खराब हो रहे हैं। दोनों देश एक-दूसरे पर 'टैरिफ बम' फोड़ते हुए पलटवार कर रहे हैं। इस बीच, अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने बुधवार को पनामा में चेतावनी दी कि अमेरिका चीन के साथ युद्ध नहीं चाहता लेकिन अमेरिका में चीनी "खतरों" को रोकने के लिए कार्रवाई करेगा। पनामा की अपनी यात्रा के दूसरे दिन हेगसेथ ने कहा, "हम चीन के साथ युद्ध नहीं चाहते... लेकिन साथ मिलकर हमें इस गोलार्ध में चीन के खतरों को मजबूती से और सख्ती से रोककर युद्ध को रोकना चाहिए।" पनामा की नहर चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच विवाद का केंद्र है।
एक दिन पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा था कि पनामा नहर को चीन से खतरा है, लेकिन अमेरिका और पनामा मिलकर नहर को सुरक्षित रखेंगे। चीन सरकार ने हेगसेथ के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ''नहर के लिए वास्तविक खतरा कौन है? लोग खुद यह तय कर सकते हैं।'' पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो से मुलाकात के बाद बेलबोआ नौसैन्य अड्डे पर आयोजित एक कार्यक्रम में हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका चीन या किसी अन्य देश को नहर के संचालन को खतरे में नहीं डालने देगा।
उन्होंने कहा, ''इसके लिए, अमेरिका और पनामा ने पिछले दशकों की तुलना में हाल के हफ्तों में अपने रक्षा व सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाने की दिशा में काफी ज्यादा काम किया है।'' उन्होंने कहा, ''चीनी कंपनियां नहर क्षेत्र में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर अपना नियंत्रण बनाए हुए हैं। इसकी वजह से चीन को पनामा में निगरानी गतिविधियां करने का अवसर मिला है। इस कारण पनामा और अमेरिका की सुरक्षा खतरे में पड़ने की आशंका है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस ओर ध्यान दिलाया है। यह स्थिति स्वीकार्य नहीं है।''
चीन ने भी बढ़ाया अमेरिका पर टैरिफ
वहीं, चीन ने पलटवार करते हुए अमेरिका से आयातित उत्पादों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 84 प्रतिशत करने की घोषणा कर दी है। यह बृहस्पतिवार से प्रभावी होगा। इसके साथ ही चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार युद्ध में 'अंत तक लड़ने' की बात कही। पिछले सप्ताह चीन ने कहा था कि वह सभी अमेरिकी सामान पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाएगा। बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका को होने वाले चीन के निर्यात पर 104 प्रतिशत शुल्क के लागू होने के बाद चीन ने यह कदम उठाया है। बीजिंग ने कहा कि वह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अमेरिका के खिलाफ एक और मुकदमा शुरू कर रहा है और चीनी कंपनियों के साथ अमेरिकी कंपनियों के व्यापार पर अधिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
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