Khaleda Zi BNP asks Yunus to hold Bangladesh polls by December remov controversial advisers दिसंबर तक हों चुनाव, विवादित सलाहकारों को हटाओ; खालिदा की BNP का यूनुस को अल्टीमेटम, International Hindi News - Hindustan
Hindi Newsविदेश न्यूज़Khaleda Zi BNP asks Yunus to hold Bangladesh polls by December remov controversial advisers

दिसंबर तक हों चुनाव, विवादित सलाहकारों को हटाओ; खालिदा की BNP का यूनुस को अल्टीमेटम

बीएनपी ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस से दिसंबर 2025 तक बांग्लादेश में राष्ट्रीय चुनाव कराने की मांग की है। साथ ही, पार्टी ने विवादास्पद सलाहकारों को हटाने और सुधारों को तेज करने का आग्रह किया।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, ढाकाSun, 25 May 2025 07:40 AM
share Share
Follow Us on
दिसंबर तक हों चुनाव, विवादित सलाहकारों को हटाओ; खालिदा की BNP का यूनुस को अल्टीमेटम

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार चला रहे मोहम्मद यूनुस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। सेना के बाद अब पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से दिसंबर 2025 तक राष्ट्रीय चुनाव कराने और कैबिनेट से "विवादास्पद सलाहकारों" को हटाने की मांग की है।

BNP की स्थायी समिति के सदस्य खंदकर मोशर्रफ हुसैन ने शनिवार शाम यूनुस से उनके आधिकारिक जमुना आवास पर मुलाकात के बाद कहा, “हमने सुधारों को शीघ्रता से पूरा करने और दिसंबर तक चुनाव कराने का आह्वान किया है।” हुसैन के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल ने यूनुस से चुनाव के लिए एक रोडमैप की घोषणा करने और सलाहकार परिषद यानी कैबिनेट से उन व्यक्तियों को हटाने की मांग की जो “विवादास्पद” माने जा रहे हैं।

छात्र आंदोलन वाले सलाहकारों को हटाने की मांग

गौरतलब है कि तीन में से दो सलाहकार 'भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन' (SAD) के प्रतिनिधि के रूप में अंतरिम सरकार में शामिल किए गए थे। इन दोनों के नाम महफुज आलम और आसिफ महमूद शोजीब भुइयां है। SAD ने ही पिछले वर्ष शेख हसीना की सरकार को हटाने का आंदोलन चलाया था। ये दोनों क्रमशः युवा एवं खेल मंत्रालय और सूचना मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे हैं। तीसरा सलाहकार खलीलुर रहमान है, जो एक पूर्व राजनयिक और यूनुस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार है।

BNP के एक और वरिष्ठ नेता सलाहुद्दीन अहमद ने कहा कि इन दोनों SAD-समर्थित नेताओं को हटाने की मांग पार्टी ने पहले भी एक लिखित बयान में की थी। जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या BNP बैठक से संतुष्ट है, तो सलाहुद्दीन ने कहा, “हमने अपनी बात रख दी है, अब यूनुस क्या प्रतिक्रिया देते हैं, उसके बाद ही कहा जा सकता है कि हम संतुष्ट हैं या नहीं।”

हुसैन ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार इस समय तीन एजेंडों पर काम कर रही है – सुधार, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासनकाल के नेताओं का मुकदमा, और चुनाव। BNP की छात्र आंदोलन वाले नेताओं द्वारा बनाए गए नए छात्र-आधारित दल नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) से गहरी असहमति है, जो फिलहाल यूनुस सरकार का समर्थन कर रहा है। यूनुस ने इस बीच जमात-ए-इस्लामी और NCP नेताओं से भी मुलाकात की।

जमात की मांग: जमात प्रमुख शफीकुर रहमान ने कहा, “हमने दो संभावित चुनाव समय-सीमा प्रस्तावित की – अगर सभी सुधार पूरे हो जाते हैं तो फरवरी 2026 के मध्य तक या फिर रमजान के तुरंत बाद।” उन्होंने कहा कि सरकार को सुधार और चुनाव के लिए दो स्पष्ट रोडमैप घोषित करने चाहिए।

NCP की मांग: NCP ने राष्ट्रीय चुनाव से पहले स्थानीय निकाय चुनाव की मांग दोहराई, जिसका BNP ने पहले से ही विरोध किया है।

यूनुस के कार्यालय ने बाद में बयान जारी कर कहा कि तीनों प्रमुख दलों ने उनके नेतृत्व में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के समर्थन की बात कही है। यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने बताया कि यूनुस ने सभी दलों को बताया कि चुनाव दिसंबर से लेकर अगले वर्ष जून के बीच कराए जाएंगे।

सेना और सरकार में मतभेद की अटकलें

शनिवार की बैठक ऐसे समय में हुई जब सेना और सरकार के बीच संभावित चुनाव समय-सीमा और एक रणनीतिक मुद्दे को लेकर मतभेद की खबरें आ रही हैं। यह मुद्दा म्यांमार के रखाइन राज्य में एक मानवतावादी गलियारे को लेकर है। सेनाध्यक्ष जनरल वाकर-उज-जमां, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों के साथ तीन दिन पहले यूनुस से मिले थे और दिसंबर 2025 तक चुनाव कराकर एक निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने की सिफारिश की थी।

इसके अगले दिन जनरल जमां ने ढाका कैंटोनमेंट में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई और कहा कि वे कई रणनीतिक फैसलों से अनजान थे। सेना ने साथ ही देश में बढ़ती भीड़-न्याय के मामलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का फैसला लिया है। सैनिकों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मैजिस्ट्रेटी शक्तियों के साथ तैनात किया गया है और सड़कों पर उनकी गश्त बढ़ा दी गई है।

ये भी पढ़ें:कुर्बानी बैन करने वाले अधिकारी पर यूनुस सरकार का हंटर, कोलकाता में पोस्टिंग रोकी
ये भी पढ़ें:रहेंगे या जाएंगे मोहम्मद यूनुस, 2 घंटे तक अंदरखाने चली बैठक; क्या लिया गया फैसला
ये भी पढ़ें:जाने मत दो, पकड़कर.. यूनुस के इस्तीफे की खबरों के बीच भड़की तस्लीमा नसरीन
ये भी पढ़ें:कितना खतरनाक कोरोना का नया वेरिएंट, सत्ता में रहेंगे या जाएंगे यूनुस? टॉप 5

यूनुस का इस्तीफा देने की चर्चा और रणनीति

यूनुस ने दो दिन पहले NCP नेताओं से कहा था कि वे इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के कारण वे काम नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि, NCP संयोजक नाहिद इस्लाम ने उन्हें “देश की सुरक्षा और जनता की अपेक्षाओं” को ध्यान में रखते हुए पद पर बने रहने का आग्रह किया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यूनुस की यह टिप्पणी वास्तव में उनके समर्थन का परीक्षण करने के लिए थी।

अंतरिम कैबिनेट का बयान

शनिवार को अंतरिम कैबिनेट ने एक आपात बैठक के बाद बयान जारी कर कहा, “सरकार तीन प्रमुख जिम्मेदारियों – चुनाव, सुधार और न्याय – को प्राथमिकता दे रही है।” बयान में यह भी कहा गया कि “अवांछनीय मांगें, उकसावेपूर्ण बयान और अराजक गतिविधियां सरकार के सामान्य कार्य को बाधित कर रही हैं।” अगर हालात और बिगड़े, तो सरकार “जनता को पूरी सच्चाई बताएगी और आवश्यक कदम उठाएगी।”

शेख हसीना की सरकार को हटाने के बाद से बांग्लादेश राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। SAD आंदोलन के बाद सेना ने हस्तक्षेप नहीं किया, बल्कि हसीना को भारत जाने में मदद दी। SAD के समर्थन से ही यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया। यूनुस प्रशासन ने हाल ही में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को भंग कर दिया और कई वरिष्ठ नेताओं को मानवता के खिलाफ अपराध जैसे मामलों में जेल भेज दिया। देश की राजनीति अभी भी अस्थिर है, और आने वाले सप्ताह यूनुस सरकार और राजनीतिक दलों के लिए निर्णायक हो सकते हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।