Largest B2 Stealth Bomber Fleet 3 Aircraft Carriers Why US Moves To Indo Pacific अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भेजे घातक B-2 स्टील्थ बॉम्बर, 3 एयरक्राफ्ट भी तैनात; क्या होने वाला है?, International Hindi News - Hindustan
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अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भेजे घातक B-2 स्टील्थ बॉम्बर, 3 एयरक्राफ्ट भी तैनात; क्या होने वाला है?

  • पेंटागन ने हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया के सैन्य अड्डे पर कम से कम छह बी-2 स्टील्थ बॉम्बर विमानों को तैनात किया है। यह अड्डा अमेरिका और ब्रिटेन का संयुक्त सैन्य ठिकाना है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, वाशिंगटनSat, 5 April 2025 08:59 AM
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अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भेजे घातक B-2 स्टील्थ बॉम्बर, 3 एयरक्राफ्ट भी तैनात; क्या होने वाला है?

अमेरिका ने एक बड़े सैन्य कदम के तहत इंडो-पैसिफिक और हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी अब तक की सबसे बड़ी बी-2 स्टील्थ बॉम्बर फ्लीट और तीन विमानवाहक पोतों की तैनाती की है। यह कदम उस समय उठाया गया है, जब दुनिया का ध्यान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी टैरिफ पर केंद्रित था। इस सैन्य तैनाती को क्षेत्र में चीन और रूस जैसे देशों को एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

पेंटागन ने हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया के सैन्य अड्डे पर कम से कम छह बी-2 स्टील्थ बॉम्बर विमानों को तैनात किया है। यह अड्डा अमेरिका और ब्रिटेन का संयुक्त सैन्य ठिकाना है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि इन अत्याधुनिक विमानों को डिएगो गार्सिया के रनवे पर खड़ा किया गया है। अमेरिका के पास कुल 20 बी-2 स्टील्थ बॉम्बर हैं, जो दुनिया के सबसे एडवांस सैन्य विमानों में से एक माने जाते हैं। इस तैनाती के साथ, अमेरिका ने अपनी लगभग 30 प्रतिशत बी-2 फ्लीट को इस क्षेत्र में भेज दिया है, जो एक बड़े रणनीतिक कदम का संकेत देता है।

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इसके अलावा, अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने विमानवाहक पोतों की संख्या को एक से बढ़ाकर तीन करने की योजना बनाई है। इनमें से दो विमानवाहक हिंद महासागर में और एक दक्षिण चीन सागर के पास पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में तैनात किया जाएगा। वाशिंगटन ने यूएसएस निमित्ज कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को पश्चिमी प्रशांत में भेजा है, जो चीन को यह संदेश देता है कि अमेरिका इस क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिए गंभीर है। साथ ही, यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन और यूएसएस कार्ल विंसन जैसे विमानवाहक पोत भी इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर बी-2 बॉम्बर और विमानवाहकों की तैनाती केवल यमन के हूती विद्रोहियों या ईरान के लिए नहीं हो सकती। उनका कहना है कि दो बी-2 बॉम्बर, जिनमें से प्रत्येक 40,000 पाउंड का पेलोड ले जाने में सक्षम है, हूती विद्रोहियों से निपटने के लिए पर्याप्त होते। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह तैनाती क्षेत्र में चीन और रूस जैसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों को रोकने और उनकी सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए की गई है, जो ईरान के सहयोगी माने जाते हैं।

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