म्यांमार में भूकंप के बाद पसरा तबाही का मंजर, खून की किल्लत; 1000 से ज्यादा मौतों की आशंका
- म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या 150 के पार जा चुकी है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मृतकों की संख्या अगले कुछ दिनों में और बढ़ सकती है।

Myanmar Earthquake: म्यांमार और थाइलैंड में शुक्रवार, 28 मार्च को आए शक्तिशाली भूकंप ने दोनों देशों को हिलाकर रख दिया है। रिक्टर स्केल पर 7.7 की तीव्रता वाले इस भूकंप ने म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र से लेकर थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक तक भारी तबाही मचाई। इसके बाद आए 7.0 तीव्रता के एक और झटके ने स्थिति को और भयावह बना दिया। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं, लेकिन हर तरफ मलबे का ढेर, टूटी सड़कें, और ढहती इमारतों का मंजर फैला हुआ है। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 1000 से ज्यादा हो सकती है, जबकि घायलों की तादाद भी हजारों में है। अस्पतालों में खून की भारी किल्लत की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे जिंदगी बचाने की जंग और मुश्किल हो गई है। म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या 150 के पार जा चुकी है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मृतकों की संख्या अगले कुछ दिनों में और बढ़ सकती है।
थाइलैंड में भी झटकों का असर, बैंकॉक में 10 की मौत
इस भूकंप के झटके पड़ोसी देश थाइलैंड में भी महसूस किए गए। बैंकॉक में एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत गिरने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 16 घायल हैं और 101 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
म्यांमार में भारी तबाही, हजारों घायल
म्यांमार की सेना के प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग हलैंग ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर बताया कि अब तक 144 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 730 लोग घायल हुए हैं। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने आशंका जताई है कि मृतकों की संख्या 1,000 से अधिक हो सकती है। भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले के पास था और इसकी तीव्रता 7.7 मापी गई। इसके बाद 6.4 तीव्रता के कई आफ्टरशॉक्स भी आए। इस विनाशकारी भूकंप ने मंडाले, नेपिटॉ, यांगून और कई अन्य शहरों में इमारतों, पुलों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
मांडले शहर में इरावडी नदी पर बना ऐतिहासिक एवा ब्रिज ढह गया, जो स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी था। राजधानी नेपिडो की सड़कों पर दरारें पड़ गईं, और कई इमारतें जमींदोज हो गईं। एक मस्जिद के ढहने से 20 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि मलबे में कई लोग अभी भी फंसे हुए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मांडले के मंदिरों और बौद्ध स्थलों के ढहने की तस्वीरें देखी जा सकती हैं। एक स्थानीय ने बताया, "हम नमाज पढ़ रहे थे, तभी जमीन हिलने लगी। कुछ ही सेकंड में सब कुछ धूल में मिल गया।" अस्पतालों में घायलों की भीड़ लगी है, लेकिन खून की कमी के कारण इलाज में देरी हो रही है। म्यांमार की सेना ने छह राज्यों में आपातकाल घोषित कर दिया है।
भूख, प्यास और खून की किल्लत
म्यांमार सरकार ने कहा कि प्रभावित इलाकों में रक्तदान की भारी जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र ने तत्काल राहत कार्यों के लिए 5 मिलियन डॉलर जारी किए हैं। दोनों देशों में अस्पतालों में घायलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। म्यांमार में 732 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं, जबकि थाइलैंड में भी सैकड़ों लोग अस्पताल पहुंचे हैं। खून की भारी कमी के कारण डॉक्टरों को मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है। स्थानीय लोग और स्वयंसेवी संगठन खून दान के लिए आगे आ रहे हैं, लेकिन आपूर्ति अभी भी जरूरत से कम है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। भारतीय वायुसेना का C-17 ग्लोबमास्टर विमान राहत सामग्री और मेडिकल टीम के साथ तैयार है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "म्यांमार और थाइलैंड में भूकंप से उत्पन्न स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हरसंभव सहायता के लिए तैयार है।"
बचाव कार्य में बाधा, पुल ढहे, बांध फटा
म्यांमार के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार’ ने बताया कि पांच शहरों में कई इमारतें गिरी हैं और दो पुल ढह गए हैं, जिनमें से एक मंडाले और यांगून को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण हाईवे पर स्थित था। मंडाले में एक प्रसिद्ध मठ पूरी तरह ध्वस्त हो गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। इसमें देखा जा सकता है कि कैसे मल्टीस्टोरी ‘मा सोए याने’ मठ अचानक धराशायी हो गया। ईसाई सहायता संगठन क्रिश्चियन एड ने बताया कि भूकंप के कारण एक बांध भी फट गया, जिससे कई निचले इलाकों में जलस्तर बढ़ गया है।
थाइलैंड में 33 मंजिला इमारत गिरी, मलबे में लोग दबे
थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक, जो भूकंप के केंद्र से करीब 1000 किलोमीटर दूर है, वह भी इस आपदा से अछूती नहीं रही। यहां एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत के ढहने से 43 लोग लापता बताए जा रहे हैं। राजधानी बैंकॉक में एक 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत भरभराकर गिर गई। इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई, 16 घायल हैं और 101 लोग लापता हैं। इस घटना के बाद बैंकॉक में अफरा-तफरी मच गई। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि इमारत गिरते ही धूल का बड़ा गुबार उठा और लोग घबराकर भागने लगे। थाइलैंड के उपप्रधानमंत्री सुरिया जुआंगरुंगरंगकिट ने इस घटना को “बड़ी त्रासदी” करार दिया और कहा कि बचाव अभियान जारी है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में इमारत के गिरने का दिल दहला देने वाला दृश्य देखा जा सकता है, जहां धूल का गुबार चारों ओर फैल गया। ऊंची इमारतों में स्विमिंग पूल से पानी बाहर छलकने और ट्रेनों के हिलने की तस्वीरें भी सामने आई हैं।
चीन में भी भूकंप के झटके, कई घायल
म्यांमार के भूकंप का असर चीन के युन्नान और सिचुआन प्रांतों में भी महसूस किया गया। सीमा के पास स्थित चीनी शहर रुईली में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा और कई लोग घायल हुए हैं।
बचाव कार्य में मुश्किलें, नागरिकों में डर
म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध के कारण पहले से ही हालात खराब हैं और इस आपदा ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 3 मिलियन से अधिक लोग पहले से ही विस्थापित हैं और 20 मिलियन लोग किसी न किसी रूप में सहायता के मोहताज हैं।
अंतरराष्ट्रीय बचाव दलों ने आशंका जताई है कि कुछ दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचने में हफ्तों लग सकते हैं। इंटरनेशनल रेस्क्यू कमेटी के म्यांमार निदेशक मोहम्मद रियास ने कहा, "हमें अंदाजा भी नहीं कि वास्तविक तबाही कितनी भयावह है।" सरकार ने राहत कार्यों में विदेशी सहायता स्वीकार करने की बात कही है और अमेरिका ने मदद का भरोसा दिया है। लेकिन ट्रंप प्रशासन द्वारा विदेशी सहायता में की गई कटौती के कारण यह देखना होगा कि अमेरिका किस हद तक मदद कर पाता है।
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