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लगेगी टैरिफ की आग आएंगे जद में कई देश! अमेरिका से छूट पाने वाले देशों पर भी भड़का चीन

  • ड्रैगन का कहना है कि यदि चीन के साथ दुनिया के तमाम देशों ने कारोबार बंद किया तो वैश्विक मंदी के हालात पैदा होंगे। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका ने हमारे ऊपर ऊंचा टैरिफ लगाया है, जबकि दूसरे देशों को रियायत दी है। उसकी कोशिश यह है कि ऐसा करने से दुनिया भर से उसका टकराव नहीं होगा।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, बीजिंगSat, 19 April 2025 02:08 PM
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लगेगी टैरिफ की आग आएंगे जद में कई देश! अमेरिका से छूट पाने वाले देशों पर भी भड़का चीन

अमेरिका ने चीन पर 245 फीसदी का टैरिफ लगाया है, जबकि भारत समेत कई देशों को अगले 90 दिनों की मोहलत दी है। इस पर चीन का कहना है कि भले ही अमेरिका ने हमारे ऊपर ही फिलहाल टैरिफ लगाया है, लेकिन इसका भी नुकसान तमाम देशों को होगा। चीन ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका चाहता है कि 70 अन्य देश भी चीन से कारोबार कम करें। उसका कहना है कि ऐसा न हो कि वे चीन से सामान की खरीद करें और फिर अमेरिका को ही निर्यात कर दें। ऐसे में उन्हें चीन से अपने कारोबार को ही कम करना होगा। अमेरिका का कहना है कि चीनी कंपनियों को टैरिफ से बचने के लिए रीलोकेट भी न होने दिया जाए। इसके अलावा सस्ते चीनी माल को भी इन देशों में एंट्री न देने की बात कही है।

इसी को आधार बनाते हुए ड्रैगन का कहना है कि यदि चीन के साथ दुनिया के तमाम देशों ने कारोबार बंद किया तो वैश्विक मंदी के हालात पैदा होंगे। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका ने हमारे ऊपर ऊंचा टैरिफ लगाया है, जबकि दूसरे देशों को रियायत दी है। उसकी कोशिश यह है कि ऐसा करने से दुनिया भर से उसका टकराव नहीं होगा और वह अकेले चीन को ही टारगेट करेगा। चीनी अखबार लिखता है, 'कुछ देश अमेरिका दबाव में टूट सकते हैं, लेकिन कई देशों की तरफ से कारोबार जारी रह सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन का सामान हाइटेक है और उसके उत्पाद सस्ते भी हैं। यदि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को चीन से अलग किया गया तो इससे वैश्विक मंदी के हालात पैदा हो सकते हैं। यही नहीं इससे कई देशों पर बुरा असर होगा।'

चीनी अखबार ने लिखा, 'भले ही अमेरिका ने अभी अस्थायी तौर पर कई देशों के खिलाफ टैरिफ को रोक दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह कदम नहीं उठाएगा। दूसरे देशों पर भी टैरिफ लगाना बस कुछ दिनों की ही बात है। आंकड़े यही कहते हैं कि अमेरिका किसी को नहीं छोड़ेगा।' चीनी अखबार ने कहा कि अमेरिका को लगा होगा कि उसके ऐक्शन से चीन झुक जाएगा। उसे ऐसी अपेक्षा नहीं थी कि हमारी तरफ से भी करारा जवाब मिलेगा। ग्लोबाल टाइम्स ने लिखा कि इससे स्पष्ट है कि चीन की स्थिति कमजोर नहीं है। हम भी जवाबी ऐक्शन ले सकते हैं। यदि वैश्विक स्तर पर अमेरिका का मजबूती से विरोध किया जाए तो उसका टैरिफ का एजेंडा फेल हो जाएगा। इसके अलावा उसे कदम भी वापस खींचने पड़ेंगे।

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ग्लोबाल टाइम्स ने अपनी टिप्पणी में वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक खबर का भी जिक्र किया है, जिसका शीर्षक है- चीन और अमेरिका में आर्थिक जंग- सभी पर होगा असर। चीन ने कहा कि साफ है कि इस जंग का असर अकेले हमारे ऊपर ही नहीं होगा। चीन ने कहा कि टैरिफ नीति का बड़ा असर दिख रहा है। इससे पूरी दुनिया के ही बाजार गिर रहे हैं और भविष्य में इसके गंभीर नतीजे निकलेंगे। खासतौर पर वर्ल्ड सप्लाई चेन ही यदि टूट जाएगी तो फिर उसका असर हर तरफ खराब दिखेगा।

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