भारत के साथ तनाव कम करने में मदद कीजिए, रूस से गुहार लगा रहा पाकिस्तान; मिला जवाब
रूस पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई में खड़ा है। रूस ने आतंकवाद के खात्मे के लिए भारत के साथ सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई है।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में भारत को लेकर डर का माहौल है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। अब पड़ोसी देश को खौफ सता रहा है कि कहीं भारत उस पर हमला न कर दे। भारत ने सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर सख्त कदम उठाए हैं, जिससे घबराया हुआ पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर रूस, से मदद की गुहार लगा रहा है। पाकिस्तान ने रूस से मध्यस्थता की मांग की है।
पाकिस्तान के राजदूत ने भारत के साथ तनाव कम करने में रूस की मदद मांगी
मॉस्को में पाकिस्तान के राजदूत ने भारत के साथ बढ़ते तनाव को कम करने में रूस की मदद मांगी है। एक इंटरव्यू में राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने कहा कि रूस की भारत के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी है और पाकिस्तान के साथ भी उसके बहुत अच्छे संबंध हैं, ऐसे में वह 1966 के ताशकंद समझौते की तरह मध्यस्थता के लिए अपने अच्छे संबंधों का इस्तेमाल कर सकता है। ताशकंद में तत्कालीन सोवियत संघ के प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच सशस्त्र संघर्ष को समाप्त करने में मदद की थी। यह इंटरव्यू बाद में समाचार एजेंसी ‘टीएएसएस’ ने प्रकाशित किया।
इससे पहले, शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ फोन पर बातचीत के दौरान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दोनों पक्षों से 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र की भावना के अनुरूप पहलगाम हमले के बाद तनाव कम करने का आग्रह किया था, जिसमें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के बिना द्विपक्षीय रूप से मुद्दों को हल करने का प्रावधान है।
पाकिस्तान-भारत मतभेदों को सुलझाने के लिए मास्को तैयार: रूस का जवाब
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रविवार को अपने पाकिस्तानी समकक्ष से फोन पर बात की और कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव को हल करने में रूस की मदद की पेशकश की। खुद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में ये बात कही गई। इसमें कहा गया कि रूस के विदेश मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव पर रविवार को चिंता जताई तथा दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।
रूसी विदेश मंत्रालय ने टेलीग्राम पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, "बातचीत में इस बात पर जोर दिया गया कि इस्लामाबाद और नई दिल्ली की आपसी इच्छा के आधार पर रूस कश्मीर घाटी के पहलगाम क्षेत्र में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले से उत्पन्न स्थिति के राजनीतिक समाधान के लिए कार्य करने के लिए तैयार है।" बता दें कि रूसी मंत्री ने डार के साथ बातचीत से दो दिन पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी बातचीत की थी।
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