हारे को प्रोपेगेंडा का सहारा, क्या है '1971 का बदला' वाला पाक का झूठ; सरेआम बोल रहे शरीफ
शहबाज शरीफ ने कहा कि हमने 1971 का बदला भारत से लिया है। यही नहीं उन्होंने दावा किया कि हमने भारत के कई राफेल एयरक्राफ्ट्स गिरा दिए। पीएम नरेंद्र मोदी की नकल करने पहुंचे शहबाज शरीफ घास-फूस से लदे एक टैंक पर चढ़ गए। शहबाज ने कहा, 'आपने 1971 की जंग का बदला ले लिया है। अब पूरा देश आपके साथ खड़ा है।'

पाकिस्तान की पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत से बढ़े तनाव में करारी शिकस्त हुई है। ड्रोन, छोटी मिसाइल और फिर फतह तक का भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने वाला पाकिस्तान दो से तीन दिनों में ही घुटनों पर आ गया। सीजफायर की गुहार लगाने लगा और अमेरिका तक से दखल की मांग की। पाकिस्तान की गुहार पर जब भारत ने सीजफायर मान लिया तो अपनी जनता को बहलाने के लिए पाक सरकार ने एक प्रोपेगेंडा रचा है। इसे खुलेआम दोहराते हुए शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि हमने 1971 का बदला ले लिया है। दरअसल 1971 की जंग में पाकिस्तान की हार एक ऐसा प्रमाणिक दस्तावेज है, जिसे भारत क्या अफगानिस्तान तक दिखाकर चिढ़ा देता है।
अब शहबाज शरीफ ऐसा झूठ बोलने की कोशिश में जुटे हैं, जिससे 1971 की टीस को पाकिस्तानियों के बीच कम किया जा सके। वह बुधवार को सियालकोट के पसरूर आर्मी छावनी में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कई सैनिकों की पीठ ठोकी और कहा कि मैं रिटायरमेंट के बाद एक किताब लिखकर दुनिया को आपकी 'बहादुरी' बताऊंगा। यही नहीं इस दौरान सफेद झूठ बोलते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि हमने भारत के 26 मिलिट्री ठिकानों को टारगेट किया, जबकि एक तक भी पाकिस्तान नहीं पहुंच सका। न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार ने भी सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से साफ किया है कि इस जंग में भारत को खरोंच तक नहीं आई, जबकि पाकिस्तान घुटनों पर था।
शहबाज शरीफ ने कहा कि हमने 1971 का बदला भारत से लिया है। यही नहीं उन्होंने दावा किया कि हमने भारत के कई राफेल एयरक्राफ्ट्स गिरा दिए। पीएम नरेंद्र मोदी की नकल करने पहुंचे शहबाज शरीफ घास-फूस से लदे एक टैंक पर चढ़ गए। यहीं से संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा, ‘आपने 1971 की जंग का बदला ले लिया है। अब पूरा देश आपके साथ खड़ा है।’
सिंधु जल समझौते पर फिर से देने लगे गीदड़भभकी
यही नहीं सिंधु जल समझौते को रोकने पर भी शहबाज शरीफ खीज उतारते दिखे। शहबाज ने कहा कि हम पर तानाशाही की कोशिश न करें। पानी हमारी रेड लाइन है। यह मत सोचिए कि उसका रास्ता आप बदल लेंगे। पानी और खून साथ नहीं बहेगा। आपने हमारे नीलम-झेलम प्रोजेक्ट को भी नुकसान पहुंचाया है। यदि इसमें बड़ा नुकसान होता तो हम आपके बांधों को तबाह कर देते। खासतौर पर बगलिहार परियोजना को हम बर्बाद कर देते।
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