अमेरिका ने रूस के साथ कर दिया खेल, आमने-सामने थे जंगी जहाज; पस्त हो गए पुतिन के तेवर
- अमेरिकी बी-52 बमवर्षक विमानों और रूसी सुखोई-27 लड़ाकू विमानों के बीच टकराव का एक वाकया सामने आया है। यह घटना उस वक्त हुई, जब अमेरिकी विमान फिनलैंड के साथ एक संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग ले रहे थे।

बाल्टिक सागर से सटे रूस के कालिनिनग्राद क्षेत्र में अमेरिकी बी-52 बमवर्षक विमानों और रूसी सुखोई-27 लड़ाकू विमानों के बीच टकराव का एक वाकया सामने आया है। यह घटना उस वक्त हुई, जब अमेरिकी विमान फिनलैंड के साथ एक संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग ले रहे थे। इस अभ्यास में शामिल अमेरिकी बी-52 विमानों को रूसी विमानों ने रोका। गौरतलब है कि फिनलैंड और अमेरिका दोनों ही नाटो सदस्य देश हैं, और फिनलैंड की रूस के साथ 1,340 किलोमीटर लंबी सीमा साझा होती है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच तनाव बढ़ा
हाल के दिनों में रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। यूक्रेन ने हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा प्रदान की गई लंबी दूरी की मिसाइलों से रूस पर हमला किया। इसके जवाब में रूस ने यूक्रेन पर हाइपरसोनिक मिसाइलों से पलटवार किया। ऐसे में अमेरिकी विमानों को रूसी लड़ाकू विमानों द्वारा रोके जाने की घटना ने इस क्षेत्र में और तनाव पैदा कर दिया है।
अमेरिकी विमान ने नहीं बदला अपना रास्ता
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि रूसी विमानों ने पेशेवर तरीके से बाधा डाली। हालांकि, अमेरिकी बी-52 विमानों ने अपनी पूर्व निर्धारित उड़ान पथ नहीं बदली और रूस के जहाजों को पीछे धकेल दिया। इस घटना के बावजूद, फिनलैंड और अमेरिका के बीच युद्धाभ्यास जारी रहा, जिसमें फिनलैंड के एफ/ए-18सी लड़ाकू विमान भी शामिल थे।
फिललैंड भी करता रहा है रूस का विरोध
फिनलैंड की वायुसेना ने इस अभ्यास को अपने रक्षा तंत्र को मजबूत करने का हिस्सा बताया है। हालांकि, इसने रूसी विमानों द्वारा रोके जाने की घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की। गौरतलब है कि 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद, फिनलैंड ने नाटो में शामिल होकर पश्चिमी देशों के समर्थन को मजबूत किया। फिनलैंड उन यूरोपीय देशों में से एक है जो रूस के खिलाफ यूक्रेन का खुले तौर पर समर्थन कर रहे हैं।
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