What was the conflict between Trump and Ramaphosa US made the allegation South Africa called it baseless किस बात पर ट्रंप-रामाफोसा में ठनी? US ने लगाया आरोप; दक्षिण अफ्रीका ने बताया बेबुनियाद, International Hindi News - Hindustan
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किस बात पर ट्रंप-रामाफोसा में ठनी? US ने लगाया आरोप; दक्षिण अफ्रीका ने बताया बेबुनियाद

व्हाइट हाउस में एक अहम मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा से एक वीडियो के जरिए श्वेत नरसंहार का मुद्दा उठाकर चौंका दिया।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 22 May 2025 12:45 AM
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किस बात पर ट्रंप-रामाफोसा में ठनी? US ने लगाया आरोप; दक्षिण अफ्रीका ने बताया बेबुनियाद

वॉशिंगटन में बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के बीच हुई मुलाकात उस वक्त तनावपूर्ण हो गई जब ट्रंप ने श्वेत नरसंहार के दावों से जुड़ा एक वीडियो दिखाया। शुरुआत में दोनों नेताओं के बीच व्यापार और खनिज संसाधनों पर सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई, लेकिन उसके बाद ट्रंप ने अचानक एक वीडियो चलवाया जिसमें दावा किया गया कि हजारों श्वेत किसानों की हत्या कर दी गई है।

रामाफोसा वीडियो को देखते रहे, लेकिन उनके चेहरे पर कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं थी। ट्रंप ने इसके बाद कुछ अखबारों की कतरनें भी दिखाईं और बार-बार कहते रहे, “मौत, मौत।” जब रामाफोसा ने यह कहा कि दक्षिण अफ्रीका में अपराध की समस्या है और अधिकतर पीड़ित काले लोग होते हैं, तो ट्रंप ने उन्हें बीच में ही टोकते हुए कहा, “किसान तो काले नहीं हैं।”

रामाफोसा ने क्या दी सफाई

रामाफोसा ने संयम बरतते हुए जवाब दिया, “ये चिंताएं हैं, जिन पर हम आपसे बात करने को तैयार हैं।” दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने इन आरोपों को पहले ही खारिज किया है। उसका कहना है कि देश की अपराध दर सभी नस्लों को प्रभावित करती है और श्वेत नरसंहार जैसी बातें उसके ऐतिहासिक दर्द और उपनिवेशवाद और रंगभेद के जख्मों को नजरअंदाज करती हैं।

पिछले कुछ महीनों से ट्रंप लगातार दक्षिण अफ्रीका की जमीन सुधार नीति की आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ दक्षिण अफ्रीका के राजनयिक अधिकारी को निष्कासित किया बल्कि अमेरिकी सहायता भी रोक दी। इतना ही नहीं, उन्होंने श्वेत अल्पसंख्यक अफ्रीकियों को नस्ली भेदभाव के आधार पर अमेरिका में शरण देने की पेशकश भी कर डाली। ऐसे में यह बैठक दक्षिण अफ्रीका के लिए बेहद अहम मानी जा रही थी, क्योंकि अमेरिका उसका दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।

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