5 स्टार होटल खोलना हो या शराब की दुकान, झारखंड में लेनी होगी ग्रामसभा की सहमति
फाइव स्टार होटल हो या फिर इंटरनेशनल होटल, इसके लिए ग्रामसभा की सहमति अनिवार्य रूप से लेनी होगी। यह निर्णय बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया है।

झारखंड में 50 फीसदी आदिवासी बहुल क्षेत्रों में शराब दुकान, रेस्तरां और होटल खोलने के लिए ग्रामसभा से सहमति लेनी होगी। चाहे वह फाइव स्टार होटल हो या फिर इंटरनेशनल होटल, इसके लिए ग्रामसभा की सहमति अनिवार्य रूप से लेनी होगी। यह निर्णय बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) की बैठक में आदिवासी बहुत क्षेत्रों की ग्रामसभाओं को सशक्त बनाने के लिए लिया गया।
बैठक में झारखंड के पर्यटन विभाग के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महत्व, राष्ट्रीय महत्व, राजकीय और स्थानीय महत्व के पर्यटन स्थल (धार्मिक मान्यता के स्थल को छोड़कर) घोषित हो, तो शराब दुकान खोली जा सकेगी। इन क्षेत्रों के पर्यटन को बढ़ावा देने, राजस्व हित और अवैध मदिरा पर नियंत्रण के उद्देश्य से खुदरा शराब दुकानों, होटल, रेस्तरां, बार, क्लब की बंदोबस्ती का निर्णय लिया गया है।
सदस्यों ने आदिवासी बहुत क्षेत्रों में दुकानों का संचालन का अधिकार आदिवासियों को देने का मामला उठाया। इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। बैठक में आदिवासियों की जमीन खरीद-बिक्री को लेकर थाने की बाध्यता पर भी चर्चा हुई। विधायक स्टीफन मरांडी ने बताया कि जमीन खरीद-बिक्री के लिए राजस्व थाना माना जाए या फिर पुलिस थाना इस पर कानूनी राय लेने का निर्णय लिया गया। इस पर एक कमेटी भी गठित होगी, जिसमें देखा जाएगा कि थाना का गठन कब किया गया है, किस तरह का थाना है। इसके बाद थाना क्षेत्र के मामले को खत्म किया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो जो भी बसने वाले लोग हैं उन्हें थोड़ी जमीन (बसौड़ा के रूप में) दी जाएगी, ताकि वे बस सकें। इस पर विचार हो रहा है, लेकिन अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।
विभागों के दस्तावेज तैयार होने पर लिया जाएगा निर्णय : हेमंत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में आदिवासियों की जमीन खरीद को लेकर थाने की जो बाध्यता है, उसको कैसे देखा जाए उस पर भी चर्चा हुई। इस विषय पर मसौदा-दस्तावेज तैयार करने के लिए संबंधित विभागों को कहा गया है। दस्तावेज आने के बाद इस पर पू्र्ण निर्णय लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीएसी की बैठक में सदस्य विधायकों और मनोनीत सदस्यों ने अपनी-अपनी राय रखी है कि राज्य में आदिवासी हितों पर कैसे बेहतर काम किया जा सके, आदिवासियों का समग्र विकास कैसे हो सके, यहां की भाषा, संस्कृति कैसे संरक्षित हो सके, कई सारे मुद्दे भूमिहीन लोगों, जमीन को लेकर चर्चा हुई। सभी चीजें जुड़ी हुई हैं। सभी चीजों पर बात हुई है।