म्यांमार-कंबोडिया स्टाइल इंटरनेशनल साइबर क्राइम रैकेट का भंडाफोड़, आंध्र में 100 से ज्यादा गिरफ्तारी
आंध्र प्रदेश में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। ये गिरोह म्यांमार और कंबोडिया जैसे साइबर क्रिमिनल की तर्ज पर काम कर रहा था। 100 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं।

आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली जिले में पुलिस ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो म्यांमार और कंबोडिया की तर्ज़ पर काम कर रहा था। इंडस्ट्रियल ज़ोन के पास मौजूद छह से ज्यादा इमारतों में चल रहे इस रैकेट से पुलिस ने 100 से ज्यादा युवाओं को हिरासत में लिया है, गिरफ्तार लोगों में महिलाएं भी शामिल हैं।
कॉल सेंटर की आड़ में अंतरराष्ट्रीय ठगी
ये ठग अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों के नागरिकों को निशाना बना रहे थे। पुलिस के मुताबिक, युवाओं को उनकी खास अंग्रेज़ी बोलने की शैली के आधार पर चुना गया था ताकि विदेशी ग्राहकों को धोखा दिया जा सके।
चार महीने की निगरानी, आधी रात को छापा
चार महीने तक गुप्त निगरानी के बाद पुलिस ने आधी रात को छापा मारा। लेकिन अंधेरे और कम पुलिस बल का फायदा उठाकर कई संदिग्ध भागने में कामयाब हो गए। ये सभी बिना नाम की इमारतों में काम कर रहे थे और ज़्यादातर कर्मचारी पूर्वोत्तर राज्यों से लाए गए थे। कई गिरफ्तार युवाओं ने दावा किया कि वे बस एक हफ्ते पहले ही शामिल हुए थे और अभी "इंडक्शन ट्रेनिंग" में थे। पुलिस फिलहाल इस गिरोह के मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है।
नौकरी के नाम पर फंसाया
प्राथमिक जांच में सामने आया कि युवाओं को 20,000 से 30,000 रुपये महीने की सैलरी का लालच देकर बुलाया गया था। एक स्थानीय निवासी ने बताया, "हमें लगा ये कॉल सेंटर है। कई फ्लैट्स में कंप्यूटर लगे थे और लोग फोन पर ही रहते थे।"
सूत्रों के मुताबिक, रैकेट में तीन तरह की भूमिकाएं थीं — कुछ फर्जी खातों में पैसे जमा करने वाले, कुछ लेन-देन संभालने वाले और बाकी विदेशियों से सीधे बात कर ठगी करने वाले।
ये धोखाधड़ी बैंकर, ट्रांजैक्शन हैंडलर और डायरेक्ट फ्रॉड ऑपरेटर के रूप में संगठित ढंग से चलाई जा रही थी। सभी आरोपियों को एक गुप्त स्थान पर ले जाकर पूछताछ की जा रही है, उनकी डेली एक्टिविटी, भर्ती प्रक्रिया और काम के तरीके को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है।