There should be changes in defense laws NITI Aayog said a new strategy is necessary to deal with cyber threats रक्षा कानूनों में बदलाव हो, NITI आयोग बोला- साइबर खतरे से निपटने के लिए नई रणनीति जरूरी, India News in Hindi - Hindustan
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रक्षा कानूनों में बदलाव हो, NITI आयोग बोला- साइबर खतरे से निपटने के लिए नई रणनीति जरूरी

नीति आयोग के ताजा अध्ययन में मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव, साइबर हमलों और वैश्विक सप्लाई शृंखला की चुनौतियों को देखते हुए देश की रक्षा आपूर्ति शृंखला को मजबूत करने की सिफारिश की गई है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानTue, 20 May 2025 05:04 PM
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रक्षा कानूनों में बदलाव हो, NITI आयोग बोला- साइबर खतरे से निपटने के लिए नई रणनीति जरूरी

नीति आयोग ने अपने एक अध्ययन पत्र में केंद्र सरकार को सलाह दी है कि भारत को अब अपनी रक्षा से जुड़ी आपूर्ति शृंखला को न सिर्फ मजबूत बनाना होगा, बल्कि इसे साइबर खतरों और वैश्विक दबावों से भी सुरक्षित रखना होगा। इसके लिए आयोग ने 1962 के रक्षा अधिनियम को तत्काल अपडेट करने की जरूरत बताई है।

अध्ययन में कहा गया है कि मौजूदा समय में दुनिया भर में भू-राजनीतिक हालात बदले हैं, साइबर जासूसी और डेटा हैकिंग जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं। ऐसे में भारत को अपनी रक्षा लॉजिस्टिक प्रणाली को जुझारू, सक्षम और आत्मनिर्भर बनाना होगा। नीति आयोग ने साफ कहा है कि देश को विदेशी सप्लायर्स पर निर्भरता कम करनी चाहिए और घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि रक्षा खरीद प्रक्रिया को आसान बनाया जाए, साइबर सुरक्षा ऑडिट को ज़रूरी किया जाए और नियमों की अनदेखी करने वालों पर सख़्त दंड लगाया जाए। साथ ही घरेलू निर्माताओं को कानूनी सहूलियतें दी जाएं और निर्यात नियमों में ढील दी जाए।

नीति आयोग ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि एक स्थायी समीक्षा समिति बनाई जाए जो समय-समय पर रक्षा खरीद और साइबर सुरक्षा से जुड़े कानूनों की समीक्षा करती रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, सैन्य लॉजिस्टिक में अब पुराने स्टॉक मॉडल की बजाय रियल टाइम निगरानी और डेटा आधारित निर्णयों वाली प्रणाली अपनाई जानी चाहिए।

इसके अलावा आयोग ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी यानी पीपीपी मॉडल को भी ज़रूरी बताया है। कहा गया है कि निजी कंपनियों की विशेषज्ञता और नवाचार से रक्षा आपूर्ति को बेहतर, सस्ता और तेज़ बनाया जा सकता है। नीति आयोग ने अपने बयान में कहा, "पीपीपी मॉडल न सिर्फ संसाधनों का बेहतर उपयोग करेगा बल्कि युद्ध या संकट की घड़ी में फौज की तत्परता को भी बढ़ाएगा।" यह रिपोर्ट ऐसे वक़्त में आई है जब भारत चीन, पाकिस्तान और अन्य अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को लेकर सुरक्षा मोर्चे पर कई नए तरह के खतरों का सामना कर रहा है।

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