चाईबासा: अंचल अधिकारी की गैरहाजिरी से नाराज़ मुंडा-मानकी, बैठक में उठी हर्जाने की मांग
चाईबासा में अंचल अधिकारी की बैठक में शामिल होने आए 14 गांव के मुंडा और मानकी को अधिकारियों की अनुपस्थिति से निराशा हुई। मुंडा सिदिऊ पुरती ने हर्जाने की मांग की। बैठक में एनएच 75ई सड़क चौड़ीकरण पर...
चाईबासा। अंचल अधिकारी सदर चाईबासा के बुलावे पर सोमवार को अंचल के लगभग 14 गांव के मुंडा और दो पीढ़ के मानकी अंचल कार्यालय के सभागार में आयोजित बैठक में शामिल होने के लिए सुबह 11 बजे ही पहुंचे गए थे। लेकिन जिन सदर अंचल अधिकारी के साथ एनएच 75ई चौड़ीकरण और विस्तारीकरण विषय पर बातचीत करना था वे खुद अनुपस्थित होकर सभी मुंडाओं और मानकी को बेवजह हैरान, परेशान और प्रताड़ित होना पड़ा। जिसके बाद मानकी मुंडाओं ने अधिकारियों से हर्जाना देने की मांग की। उक्त बातें मुंडाओं की ओर से कातीगुटू मौजा के मुंडा सिदिऊ पुरती ने कहा है।
मुंडा श्री पुरती ने कहा है कि अंचल अधिकारी द्वारा दिनांक 14 मई को निर्गत पत्र में एनएच 75ई सड़क चौड़ीकरण और विस्तारीकरण का उल्लेख किया गया है। प्रस्तावित चाईबासा बाईपास सड़क निर्माण का उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए 14 गांव के मौजा मुंडागण बहुत खुशी से बैठक में शामिल होने के लिए आए थे। सभी 14 गांव के मुंडाओं को लगा कि अब सड़क का अतिक्रमण करने वाले उन सभी चाईबासा शहर बालों को हटाया जाएगा। जिन लोगों ने सड़क का अतिक्रमण कर घर द्वार बना रखा है और विभाग उनके दीवार को तोड़ने के लिए दागी भी लगा रखा है। अंचल अधिकारी के कार्यालय द्वारा आयोजित बैठक में शामिल होने के लिए पहुंची खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति सदर अनुमंडल के अध्यक्ष बलभद्र सवैया ने मौके पर उपस्थित सभी गांव से आए हुए मुंडाओं के सामने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विगत 10 मई को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित लोक अदालत में हमने प्रस्तावित चाईबासा बाईपास सड़क निर्माण कार्य हेतु रैयतों की बहुफसली सिंचित कृषि भूमि अधिग्रहण विषय पर हम आदिवासी मूलवासियों को वैधानिक सहायता प्रदान करने के लिए झालसा को हमने लिखित आवेदन दिया था। क्योंकि झालसा के द्वारा प्रकाशित विज्ञापन में क्रम संख्या 06 में भू अर्जन से संबंधित विषय को भी लोक अदालत में शामिल किया गया था। लेकिन निर्धारित तिथि 10 मई 2025 को आवेदन के आलोक में लोक अदालत में सुनवाई तो नहीं हुआ। सिर्फ झालसा के द्वारा हमारे पता पर आवेदन प्राप्ति की सूचना डाक के द्वारा हमें भेजा गया है। जबकि झालसा का उद्देश्य ही हम सभी जैसे निर्दोष,निरक्षर, पिछड़े आदिवासी मूलवासियों को निशुल्क वैधानिक सहायता प्रदान करने की भावना से प्रेरित विधिक प्राधिकरण है। खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति के सदस्य एवं करलाजुड़ी गांव के रैयत मुनेश्वर पुरती ने कहा हमारा झारखण्ड राज्य और पश्चिम सिंहभूम जिला पांचवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट अधिनियमों के अंतर्गत आता है। लेकिन जिला में पदस्थापित नौकरशाह सामान्य क्षेत्र के लिए किए गए संवैधानिक उपबंधों के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। जबकि हमलोग विगत एक वर्षों से मुख्यमंत्री,राज्यपाल, मुख्य सचिव, उपायुक्त, जिला भू अर्जन पदाधिकारी, अंचल अधिकारी को लिखित मांग पत्र सौंपकर इस ओर ध्यान आकृष्ट किया है। लेकिन जिला प्रशासन हम आदिवासियों के साथ ज्यादती करने पर तुली हुई है। बैठक के लिए पहुंचे थे यह मुंडा और मानकी बैठक में शामिल होने के लिए अंचल कार्यालय टोंटो गांव के मुंडा सुरेंद्र बानरा, डोंकाहातू गांव के मुंडा गुरुचरण देवगम, करलाजुड़ी गांव के मुंडा गोबिन पुरती, डोबरोसाईं के मुंडा रॉबिन पड़ेया, खपोरसाई गांव के मुंडा सुरा देवगम, उलीहातु गांव के मुंडा सुरेंद्र बुडीउली, बुरूजोल गांव के मुंडा गुरुचरण वांड्रा, कुरसी गांव के मुंडा सुरेंद्र पड़ेया, तोलगोए साय गांव के मुंडा मधु पुरती, सिंह पोखरिया गांव के मुंडा दीपू सवैया, मुंडा विजय सिंह पुरती, दूंम्बी साई के मानकी दलपत देवगम, सिंदूरी के मानकी डूबराज तीयू और अन्य रैयत मौजूद थे।
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