Jharkhand Workers Union Protests Against Anti-Public Policies of Steel Authority of India सेल प्रबंधन की नीतियों के खिलाफ झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, मेघाहातुबुरु में किया धरना-प्रदर्शन, Chaibasa Hindi News - Hindustan
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सेल प्रबंधन की नीतियों के खिलाफ झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, मेघाहातुबुरु में किया धरना-प्रदर्शन

झारखंड मजदूर संघर्ष संघ की मेघाहातुबुरु इकाई ने सेल प्रबंधन की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। यूनियन ने कर्मचारियों की बहाली, स्वास्थ्य सेवा में सुधार, बकाया एरियर का भुगतान और ठेका...

Newswrap हिन्दुस्तान, चाईबासाMon, 26 May 2025 03:16 PM
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सेल प्रबंधन की नीतियों के खिलाफ झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, मेघाहातुबुरु में किया धरना-प्रदर्शन

गुवा। सेल प्रबंधन की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ झारखंड मजदूर संघर्ष संघ की मेघाहातुबुरु इकाई ने सोमवार को सेल, मेघाहातुबुरु के जनरल ऑफिस के समक्ष जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर प्रबंधन को दो टूक चेतावनी दी कि यदि समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट रूप से मांग की कि सेल प्रबंधन बोकारो में की जा रही बहालियों के तहत कर्मचारियों को मेघाहातुबुरु में न भेजे। यूनियन का कहना है कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की सभी नियुक्तियाँ मेघाहातुबुरु प्रबंधन के अंतर्गत होनी चाहिए और इन नियुक्तियों में स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को शत-प्रतिशत प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

धरने में शामिल लोगों ने कहा कि सेल अस्पताल की स्थिति बदहाल है। कई वर्षों से यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है, जिससे कर्मचारियों व स्थानीय जनता को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है। उन्होंने सभी रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग की ताकि आम लोगों को स्थानीय स्तर पर ही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिल सके। मेघाहातुबुरु टाउनशिप में बिजली और पेयजल संकट पिछले एक सप्ताह से विकराल रूप ले चुका है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सेलकर्मी और स्थानीय निवासी दोनों ही इस मूलभूत सुविधाओं के अभाव में परेशान हैं। यूनियन ने इस समस्या के स्थायी और त्वरित समाधान की मांग की। सेलकर्मियों का 39 महीने का बकाया एरियर अब तक भुगतान नहीं किया गया है। यूनियन नेताओं ने इसे कर्मचारियों के साथ अन्याय करार देते हुए तत्काल भुगतान की मांग की। उनका कहना था कि महंगाई के इस दौर में बकाया एरियर न मिलना कर्मचारियों के आर्थिक शोषण के समान है। धरना प्रदर्शन के दौरान ठेका मजदूरों से जुड़ी समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया गया। यूनियन का आरोप है कि ठेकेदार रोजगार देने के नाम पर भारी पैसों की मांग कर रहे हैं और मजदूरों का खुलकर शोषण कर रहे हैं। उन्होंने ऐसी प्रथा पर रोक लगाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के महासचिव अफताब आलम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि इन सभी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन बड़े स्तर पर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कर्मचारियों की लड़ाई नहीं, बल्कि स्थानीय जनता के अस्तित्व और अधिकारों की लड़ाई है। इस धरना-प्रदर्शन में यूनियन के वरिष्ठ नेता अफताब आलम, इंतखाब आलम, जगजीत सिंह गिल, दयानन्द कुमार, राम हेस्सा, अमरनाथ यादव, शशी नाग, अमित रावत, गोपीनाथ पान, प्रकाश हेम्ब्रम, सुदर्शन पान, साधु राम चातर, तुड़ीत गोराई, चरण मुंडू, दीपक राम और मिंजकेश मिंज सहित बड़ी संख्या में सदस्य शामिल रहे।

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