42वें वार्षिक ब्रह्मोत्सव के दूसरे दिन सुदर्शन होम पूजा अनुष्ठान का हुआ आयोजन
चक्रधरपुर बालाजी मंदिर में 42वें वार्षिक ब्रह्मोत्सव के दूसरे दिन सुदर्शन होम पूजा का आयोजन हुआ। नौ विवाहित जोड़ों ने वैदिक मंत्रों के बीच हवन यज्ञ में भाग लिया। हवन कुंड को फल, फूल और रंगों से सजाया...
चक्रधरपुर। चक्रधरपुर बालाजी मंदिर में चल रहे 42वें वार्षिक ब्रह्मोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार को सुदर्शन होम पूजा अनुष्ठान का आयोजन हुआ। इस होम यज्ञ में नौ विवाहित जोड़े शामिल हुए। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन और यज्ञ संपन्न हुआ। भगवान बालाजी की शंख, चक्र एवं नाम के आकार का एक बड़ा हवन कुंड बना कर सुदर्शन होम किया गया। हवन कुंड को 11 प्रकार के फल, फूल और रंगों से सजाया गया। आंध्र प्रदेश से आए पुरोहित ने भगवान बालाजी, माता पद्मावती एवं माता अंडालू की उत्सव मूर्तियों की आरती कर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन कुंड में अग्नि प्रज्जवलित कर किया।
इसके बाद नौ दंपतियों ने मंत्रोच्चार के बीच कमल फूल, घी, फल, चूडा, लावा, ड्राय फ्रूट, हल्दी, चावल, हलुवा आदि की आहूति दी। इसके बाद एक नयी साड़ी में फल, फूल डाल कर हवन कुंड में पूर्ण आहूति दी गई। हवन की समाप्ति के बाद विवाहित जोड़ों ने प्रसाद ग्रहण कर उपवास तोड़ा। इस दौरान पुरे मंदिर परिसर वैदिक मन्त्रों से गुंजायमान रहा। कल ब्रह्मोत्सव का सबसे प्रमुख पूजन अनुष्ठान कल्याणम होगा जिसमें भगवान बालाजी का विवाह माता पद्मावती और माता अन्डालू के साथ दक्षिण भारतीय रीती रिवाज के अनुसार पुरे विधि विधान के साथ संपन्न होगा।
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